बाल केंद्रित एवं प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा Concepts of Child Centered and Progressive Education

Safalta Experts Published by: Anonymous User Updated Fri, 03 Sep 2021 03:27 PM IST

बाल केंद्रित शिक्षा में बच्चों की अपनी और विकास में सक्रिय भागीदारी होती है। बच्चों के अनुभव और स्वर को प्राथमिकता देते हुए बाल केंद्रित शिक्षा दी जाती है । पुस्तकालय में बच्चों को स्वयं पुस्तक चुनने का अवसर देने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है। शिक्षा का अधिकार सभी बच्चों को आगे बढ़ने और अपनी पूरी क्षमता से विकास में मदद करना है। इससे बच्चों में कल्पना व मौलिक लेखन के आधिकारिक अवसर मिलते हैं। 

Source: TET Success Key


 
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इस प्रकार गुणवत्ता प्रधान शिक्षा का व्यवहारिक अर्थ बच्चों द्वारा बौद्धिक / संज्ञानात्मक , भावात्मक एवं मनोदैहिक क्षेत्र की विभिन्न दक्षताओं  को अर्जित करना है। मुख्य रूप से बच्चों अधिगम संप्राप्ति के रूप में निम्नलिखित दक्षताएं विकसित हो सकती हैं- 1) उनमें तार्किक दक्षताएं  विकसित हो जाती हैं। 
2) बच्चे/ विद्यार्थी विश्लेषणात्मक शैली में पढ़ना व लिखना सीख जाते हैं। 
3) वे जीवन की यथार्थ परिस्थितियों में ज्ञान का उपयोग करना सीख जाते है ।
4) उनमें पारस्परिक संवाद व विचारों के आदान प्रदान की उत्कृष्ट क्षमता विकसित हो जाती है ।

उपर्युक्त  विचारों के अनुसार गुणवत्ता प्रधाान शिक्षा की रूपलेखा निमंकित पांच क्षेत्रों में विभाजित की जा सकती है, यथा - भौतिक संसाधन ( plant) , प्रक्रिया ( process) , मानव संसाधन ( people) , विषय वस्तु ( content) और तकनीक ( technology) । इससे शिक्षा अध्यापक केंद्रित होने के स्थान पर बाल केंद्रित एवं गतिविधि आधारित होगी जिससे बच्चों की शिक्षा खुशी- खुशी में तनाव मुक्त वातावरण में होगी।

सभी महान शिक्षकों ने बच्चों की बुनियादी शिक्षा में विश्वास किया है, लूथर , कमेनियास , पेस्तालाॅजी , प्राबेल , मोंटेसरी , और डेवी ने इसे एक केंद्रीय विषय माना है। बाल केंद्रित शिक्षा विषय केंद्रित शिक्षा के विपरीत है। बाल केंद्रित शिक्षा द्वारा गतिविधियों के माध्यम से प्राकृतिक प्रवाह में बच्चे का सहज विकास होता है। शिक्षक की भूमिका बच्चे को प्रोत्साहित करना और उत्तेजित करना है, जिससे बालक आंतरिक ड्राइव से गतिविधि करने के लिए प्रेरित होता रहता है।

रूसो के अनुसार - किसी हस्तक्षेप के बिना बच्चों को प्राकृतिक तरीके से प्रकृति को जानने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए ताकि खेल - खेल में बच्चे का प्राकृतिक विकास हो सके । उसकी शिक्षा का आधार बाल केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा देने से मिलता है । बाल केंद्रित शिक्षा की मुख्य विशेषताएं - 1) बच्चों की स्वतंत्रता 2) स्व: गतिविधियां 3) रुचि और जरूरतों का विकास 4)  अनुभव के आधार पर शिक्षा की व्यवस्था आदि हैं। बालक पूरी शिक्षा प्रक्रिया का केंद्र होता है, अलग - अलग समय पर महान दार्शनिको इस पर बल दिया । शिक्षक की भूमिका स्वाभाविक रूप से विकसित करने के लिए बच्चे के लिए पूरी स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए एक गाइड , पर्यवेक्षक और मित्र की तरह होती है। बाल केंद्रित शिक्षा बच्चे की अव्यक्त प्रतिभा प्रकट करने के लिए आदर्श प्रणाली है। 

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