Difference Between Democracy and Dictatorship : डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) और डिक्टेटरशिप (तानाशाही) के बीच का अंतर

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Fri, 10 Jun 2022 03:53 PM IST

Highlights

लोकतंत्र (डेमोक्रेसी) और तानाशाही (डिक्टेटरशिप) के बीच का तुलनात्मक विवेचन

सरकार की लोकतंत्र और तानाशाही प्रणाली एक दूसरे के ठीक विपरीत होते हैं. ‘’लोकतंत्र, जनतंत्र या डेमोक्रेसी सरकार की वह प्रणाली है जिसे उस देश या उस क्षेत्र की पूरी आबादी या राज्य के अन्य योग्य सदस्यों के द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से चुना जाता है. इसे एक जनोपयोगी और उत्कृष्ट संस्था माना जाता है.’’ जबकि ‘’तानाशाही, एकतंत्र या डिक्टेटरशिप सरकार वह रूप है जहां एक व्यक्ति या लोगों का एक समूह संवैधानिक अधिकार या चुनाव के बिना किसी देश की सत्ता में शाषण करता है. इस प्रणाली को सर्वथा निकृष्ट एवम जनविरोधी राज्य व्यवस्था माना जाता है.’’ अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here

Source: Dreamstime.com

Half Yearly Current Affair 2022 (Hindi) DOWNLOAD NOW
GK Capsule Free pdf - Download here
President of India From 1950 to 2022

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes



तानाशाही में कोई चुस्त चालाक व्यक्ति अपना एक सशक्त गुट बना कर बल पूर्वक सत्ता हथिया लेता है और सेना आदि की सहायता से अपने निरंकुश शाषण को चलाता है. तानाशाही में चुनाव नहीं होते ऐसे में कोई दूसरा तानाशाह व्यक्ति हीं बन्दूक की नोक पर पहले तानाशाह को बर्खास्त कर उसकी गद्दी हड़पता है.

यह आर्टिकल आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण है. आइए लोकतंत्र (डेमोक्रेसी) और तानाशाही (डिक्टेटरशिप) के बीच के तुलनात्मक विवेचन को नीचे दी गई तालिका में देखते हैं -

Difference Between Democracy and Dictatorship (लोकतंत्र और तानाशाही के बीच अंतर)

 
लोकतंत्र (डेमोक्रेसी तानाशाही (डिक्टेटरशिप)
एक लोकतांत्रिक सरकार में देश का मुखिया वह होता है जिसे आम चुनाव में वोटों के रूप में सबसे अधिक समर्थन मिलता है. उनके पास मतदाताओं के कल्याण को सुनिश्चित करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी होती है. किसी एकमात्र ख़ास व्यक्ति के पास देश का सम्पूर्ण अधिकार होना. जिसके अधिकार और जिसकी शक्ति को नियंत्रण में रखने के लिए कोई संस्था नहीं हो.
किसी भी देश को पॉलिटिकल कण्ट्रोल (राजनीतिक नियंत्रण) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जिसमें दो या दो से अधिक राजनीतिक दल शामिल होते हैं. जब किसी देश में तानाशाही की प्रणाली हो तो वहाँ कोई चुनाव (elections) नहीं होता है. राजनीतिक दलों की संख्या को सीमित करके और सभाओं और संघों को सीमित करके उन्हें कष्टमय तरीके से नियंत्रित किया जाता है.
किसी भी सरकार के लोकतांत्रिक रूप में मीडिया को ''लोकतंत्र के चौथे स्तंभ'' के रूप में जाना जाता है क्योंकि वह सरकार के हर कदम पर नज़र रखती है और अगर कोई गलत कदम उठाया जाता है तो मीडिया द्वारा इसकी आलोचना की जाती हैं. मीडिया तानाशाही सरकार का माउथपीस या मुखपत्र होता है. तानाशाह चाहे जो कुछ भी करे, मीडिया केवल वही दिखाएगा जो जनता को दिखाया जाना चाहिए ताकि तानाशाही व्यक्तित्व का पंथ हमेशा बना रहे.
लोकतंत्र में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा संविधान के द्वारा की जाती है. नागरिकों को राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों में शामिल होने का अधिकार भी होता है. एक तानाशाही शाषण में, नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बहुत कम महत्व या बिलकुल महत्त्व नहीं दिया जाता है. ऐसे शाषण में आम तौर पर देश की जनता को लगातार पुलिस द्वारा, दिखाकर या छुपकर निगरानी और क्रूरता के साथ अधीन किया जाता है.
लोकतंत्र के शुरुआती रूप प्राचीन ग्रीस में सबसे पहले सामने आए थे. यह आम तौर पर स्वीकार किया जाता है कि अथेनियंस लोगों के द्वारा 508-507 ईसा पूर्व में पहले लोकतंत्र की स्थापना की गयी थी. वैसे यह लोकतंत्र इस अर्थ में अल्पविकसित हीं था क्योंकि केवल एथेंस के स्वतंत्र पुरुष ही अपना वोट डाल सकते थे वहाँ की महिलाओं और दास (स्लेव्स) को वोट डालने का अधिकार नहीं था. प्राचीन रोम के लुसियस कॉर्नेलियस सुल्ला फेलिक्स और गयुस जूलियस सीजर को पहले तानाशाह के रूप में माना जा सकता है.
 
सामान्य हिंदी ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
पर्यावरण ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
खेल ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
साइंस ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
अर्थव्यवस्था ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
भारतीय इतिहास ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  

Related Article

Nepali Student Suicide Row: Students fear returning to KIIT campus; read details here

Read More

NEET MDS 2025 Registration begins at natboard.edu.in; Apply till March 10, Check the eligibility and steps to apply here

Read More

NEET MDS 2025: नीट एमडीएस के लिए आवेदन शुरू, 10 मार्च से पहले कर लें पंजीकरण; 19 अप्रैल को होगी परीक्षा

Read More

UPSC CSE 2025: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस तारीख तक भर सकेंगे फॉर्म

Read More

UPSC further extends last date to apply for civil services prelims exam till Feb 21; read details here

Read More

Jhakhand: CM launches six portals to modernise state's education system

Read More

PPC 2025: आठवें और अंतिम एपिसोड में शामिल रहें यूपीएससी, सीबीएससी के टॉपर्स, रिवीजन के लिए साझा किए टिप्स

Read More

RRB Ministerial, Isolated Recruitment Application Deadline extended; Apply till 21 February now, Read here

Read More

RRB JE CBT 2 Exam Date: आरआरबी जेई सीबीटी-2 की संभावित परीक्षा तिथियां घोषित, 18799 पदों पर होगी भर्ती

Read More