भावना और उससे संबंधित सिद्धांत Emotion and Its Related Theories

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Fri, 17 Sep 2021 01:31 PM IST

 भावना मूड , स्वभाव , व्यक्तित्व ,जज्बात और प्रेरणा से संबंधित है । अंग्रेजी शब्द 'Emotion' की उत्पति फ्रेंच शब्द  Emouvoir से हुई है। यह लैटिन शब्द Emovere पर आधारित है जहां e-( ex - का प्रकार ) का अर्थ है ' बाहर ' और Movere का अर्थ है ' चलना ' , संबंधित शब्द  ' प्रेरणा ' की उत्पति भी Movere से हुई है । भावना और भावना के परिणामों के बीच संबंधित अंतर मुख्य व्यवहार और भावनात्मक अभिव्यक्ति है। अपनी भावनात्मक स्थिति के परिणामस्वरूप अक्सर लोग कई तरह की अभिव्यक्तियां करते हैं । जैसे खुशी , गम , आशा , निराशा , आवेश ,रोना, लड़ना या घृणा करना वगेरह । अंग्रेजी में भावना के लिए इमोशन्स ( Emotions) का प्रयोग करते हैं। यदि कोई बिना संबंधित अभिव्यक्ति के भावना प्रकट करे तो हम मान सकते हैं की भावनाओं के लिए अभिव्यक्ति की आवश्यकता नहीं है। स्नायुविज्ञान ( न्यूरोसाइंटिफीक) शोध से पता चलता है कि ' मैजिक क्वार्टर सेकंड ' के दौरान भावनात्मक प्रतिक्रिया बनने से पहले विचार को जाना जा सकता है । उस पल में व्यक्ति भावना को नियंत्रित कर सकता है। भावना संबंधी कुछ सिद्धांत निम्न हैं - साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।

Source: Inc.Magazine



संज्ञानात्मक सिद्धांत

संज्ञानात्मक क्रिया किसी भावना को उत्पन्न करने के लिए आवश्यक है। रिचर्ड लॉरेंस के अनुसार भावना किसी चीज के बारे में जानबूझ कर पैदा होती है।  इस प्रकार की संज्ञानात्मक क्रिया चेतन या अवचेतन हो सकती हैं तथा वैचारिक प्रक्रिया का रूप ले सकती है या नहीं भी ले सकती है । यहां लॉरेंस का एक प्रभाव शाली सिद्धांत है, कि भावना एक बाधा है जो निम्न क्रम में उत्पन होती है - 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


1) संज्ञानात्मक मूल्यांकन - व्यक्ति उस घटना का तर्कपूर्ण आकलन करता है जो भावना को इंगित करती है। 
2) शारीरिक बदलाव - संज्ञानात्मक प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप जैविक बदलाव होते हैं , जैसे दिल की धड़कन का बढना या पिटयूटरी एड्रिलिन की प्रतिक्रिया ।
3) क्रिया - व्यक्ति भावना को अनुभव करता है और प्रतिक्रिया चुनता है । उदाहरण के लिए - कार्तिक एक कुत्ते को देखता है । (1) कार्तिक जब कुत्ते को देखता है , तो उसे डर लगता है । (2) उसका दिल जोर से धड़कने लगता है। एड्रिलिन का रक्त में प्रवाह तेज हो जाता है। (3) कार्तिक चिल्लाता है और भाग जाता है । लॉरेंस  कहते है कि भावनाओं की गुणवत्ता और तीव्रता को संज्ञानात्मक प्रतिक्रियाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ये प्रतिक्रियाएं बचाव की रणनीति बनाती हैं जो व्यक्ति और उसके वातावरण के बदलाव के अनुसार भावनात्मक होती है।

Safalta App पर फ्री मॉक-टेस्ट Join Now  के साथ किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें।

दैहिक सिद्धांत

भावनाओं के दैहिक सिद्धांत के अनुसार , शरीर भावनाओं के प्रति आवश्यक निर्णय की बजाए सीधे प्रतिक्रिया करता है। इस तरह के सिद्धांतो का पहला आधुनिक संस्करण 1880 में विलियम जेम्स ने प्रस्तुत किया। 20वी सदी में इस सिद्धांत ने समर्थन खो दिया, लेकिन हाल ही में जॉन कचिओप्पो , एंटोनियो दमासियो , जोसेफ ई लीदु और रॉबर्ट ई जेजोंक जैसे शोधकर्ताओं के कोशिकाविज्ञानी ( Neurological) प्रमाणों के फलस्वरूप इसने फिर से लोकप्रियता हासिल कर ली है।

जेम्स - लैंग सिद्धांत 

जेम्स - लैंग सिद्धांत बताता है कि शारीरिक परिवर्तनों से होने वाले अनुभवों के कारण बड़े पैमाने पर भावनाओं की अनुभूति होती है ।इस सिद्धांत और इसके तथ्यों के अनुसार , परिस्थिति के बदलने से शारीरिक बदलाव होता है । जैसे कि जेम्स कहते है कि शारीरिक बदलाव होने की अवधारणा ही भावना है। जेम्स दावा करते है कि   ' हमे उदासी अनुभव होती हैं क्यों कि हम रोते है, लड़ाई के समय क्रोधित होते हैं , कांपने के कारण डरते हैं, और ऐसा भी हो सकता है कि माफी मांगते हुए , क्रोध या डर के समय हम न रोये , न लड़े या न कांपे । इस सिद्धांत को प्रयोगों द्वारा साबित किया गया है, जिसमें शरीर की स्थितियों में बदलाव ला कर वांछित भावना प्राप्त की जाती है। इस प्रकार के प्रयोगों को चिकित्सा में भी प्रयुक्त किया गया है । जैसे लाफ्टर थेरेपी , डांस थेरेपी आदि।
 
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करें General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें

न्यूरोबायोलॉजिकल सिद्धांत

मस्तिष्क संरचना की तंत्रिकाओं की मैपिंग से मिली जानकारी से , मानव भावनाओं की न्यूरोबायोलॉजिकल व्याख्या यह है कि भावना एक प्रिय या अप्रिय स्थिति है जो स्तनधारी के मस्तिष्क में पैदा होती है। यदि इसकी सरीसृपों से तुलना की जाएं तो भावनाओं का विकास , सामान्य हड्डियों वाले जंतु का स्तनधारी के रूप में बदलने के समान होगा , जिनमें न्यूरोकेमिकल ( जैसे डोपामाइन , नोराड्रेनेलिन और सेरोटोनिन ) में मस्तिष्क की गतिविधि  के स्तर के अनुसार उतार - चढ़ाव आता है, जो कि शरीर के हिलने - डुलने , मनोभावों तथा मुद्राओं में परिलक्षित होता है। उधारण प्यार की भावना को स्तनधारी के मस्तिष्क के पेलियोसर्किट की अभीव्यक्ति माना जाता है जिससे देखभाल , भोजन कराने और सौंदर्य जैसी भावनाओं का बोध होता है।
 

Related Article

Exploring Graphic Design: Courses, Skills, Salary, and Career Paths

Read More

Graphic Design : टॉप 10 ग्राफिक डिजाइन कॅरिअर, सैलरी और वैकेंसी, जानें यहां

Read More

Debunking Common Myths About Digital Literacy

Read More

The Top 100 SaaS Companies to Know In 2024

Read More

Digital marketing course in Coimbatore

Read More

Optimising Performance: Best Practices for Speeding Up Your Code

Read More

How Many Sector push may create Lakhs jobs in five years

Read More

रायबरेली में सफलता का डिजिटल मार्केटिंग कोर्स मचा रहा धूम, सैकड़ों युवाओं को मिली नौकरी

Read More

Online Marketing : The Who, What, Why and How of Digital Marketing

Read More