Source: The Indian Express
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( आईएमएफ ) के उद्देश्य
1) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को बढ़ावा देना - यदि 2 देशों के बीच मुद्रा को लेकर कोई भी दिक्कत या परेशानी होती है , तो ऐसे में आईएमएफ देशों के बीच मौद्रिक सहयोग करता है।2) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संतुलित विकास को सुनिश्चित करना - यदि आईएमएफ को लगता है की विश्व व्यापार संतुलित नही है , तो ऐसे में वह संतुलित करने के कार्य करता है।
3) विनियम दर स्थिरता को सुनिश्चित करना
4) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना - यदि 2 देशों के व्यापार में किसी प्रकार की बाधा उत्पन होती है, तो ऐसे में आईएमएफ इसमें मदद करता है।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का यह उद्देश्य रहता है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को इतना सुविधाजनक बनाए कि 2 देशों के बीच किसी भी प्रकार का व्यापार करने के कोई दिक्कत ना आए।
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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( आईएमएफ) के कार्य
1) अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की निगरानी रखता है - ये देशों के लेन - देन की निगरानी रखता है।2) सदस्य देशों को भुगतान संतुलन समस्याओं के लिए लोन प्रदान करना ।
3) तकनीकी सहायता और ट्रेनिंग द्वारा सदस्य देशों की क्षमताओं के विकास , कार्य में मदद करना ।
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