UP LEKHPAL Exam विशेष: जानिए ग्रामीण परिबेश, ग्राम सभा एवं पंचायती राज के बारे में, लेखपाल परीक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण टॉपिक

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Tue, 08 Mar 2022 06:40 PM IST

UPSSSC लेखपाल की तैयार्री कर रहे अभ्यर्थियों के लिए *ग्रामीण परिवेश, ग्राम सभा एवं पंचायती राज* टॉपिक समझना बहुत ही जरुरी है, क्यूंकि परीक्षा में पूछे जाने वाले विषय *ग्राम विकास एवं समाज* से 25 प्रश्न पूछे जाने हैं और उपर्युक्त टॉपिक से ही कम से कम 7-8 प्रश्न पेपर सेटर पुच सकता है. इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह टॉपिक कितना इम्पोर्टेन्ट है। वैसे इस विषय पर नीचे दिए गए टॉपिक्स आपको कवर करने होंगे जो कि निम्नलिखित हैं। यदि आप लेखपाल भर्ती की तैयारी कर रहे हैं तो बेहतर तैयारी के लिए आप हमारे यूपीएसएसएससी लेखपाल फाउंडेशन बैच 2022 को ज्वाइन कर सकते हैं और एक्सपर्ट फैकेल्टी की सहायता ले सकते हैं। 

Source: Safalta

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ग्राम समाज एवं विकास-विषय सूची (Village Society and Development-Theme List)

  1. ग्रामीण परिवेश, ग्राम सभा एवं पंचायती राज
  2. भूमि बन्दोबस्त और भूमि पैमाइश
  3. कृषि
  4. पशुपालन एवं पशुगणना
  5. ग्रामीण क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाएँ
  6. ग्रामीण क्षेत्रा में उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाएँ
  7. राजस्व परिषद्
  8. उत्तर प्रदेश विशेष एक नज़र में
  9. उत्तर प्रदेश की मिट्टियाँ
  10.  सिंचाई पद्वति व्यवस्था
  11.  जनगणना (2011) एवं जनसांख्यिकीय रेखाचित्र
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टॉपिक-1 से सम्बंधित जरुरी बिन्दुवार और कुछ फ्लो-चार्ट नीचे  दिए गए है
 
भारतीय ग्रामीण परिवेश
भारत गाँवों का देश कहलाता है। भारत विभिन्नता युक्त समाज का एक विशाल देश है। यहाँ पर जनसंख्या एवं भौतिक संरचना के आधार पर विभिन्नता पाई जाती है। गाँव, कस्बे तथा नगर जैसे- समुदायों का प्रमुख स्थान किसी भी समाज की भौतिक संरचना के निर्माण में अहम योगदान है। विभिन्न विद्वानों ने ग्राम शब्द की अलग-अलग व्याख्याएँ प्रस्तुत की हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार गाँव वह है जहाँ कृषि को मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाया गया हो अर्थात् जहाँ लोगों की आय का मुख्य साधन कृषि हो ।
ग्राम / गाँव
नगर की तुलना में एक निश्चित छोटे भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाली जनसंख्या के निवास को ग्राम कहते हैं। यहाँ की जनसंख्या बहुसंख्यक मात्रा में प्राथमिक कार्यों से जुड़ी होती है। यह निश्चित भौगोलिक क्षेत्र राज्यपाल द्वारा अधिसूचित होता है।
  • ग्राम शब्द का उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद में मिलता है। यहाँ पर ग्राम शब्द का उल्लेख 13 बार मिला है। और विश (ग्रामों का समूह) शब्द का उल्लेख 170 तथा जन शब्द का उल्लेख 275 बार मिलता है।
  • भारत की लगभग 70% जनसंख्या गाँव में निवास करती है। भारत में लगभग 6 लाख से अधिक गाँव हैं।
  • एशिया का सबसे साफ गाँव मैलेनांग (मेघालय) है।
ग्रामीण प्रशासन
  • भारत जैसे विशाल देश में ग्रामीण प्रशासन की परम्परा प्राचीन काल से ही चली आ रही है, जिसे हम वैदिक काल से लेकर अंग्रेजों के काल तक में देख सकते हैं।
  • प्राचीन काल में ग्रामीण प्रशासन एवं स्थानीय स्वशासन का उल्लेख चोल काल में मिलता है। ग्राम 'शब्द' का सर्वप्रथम उल्लेख वैदिक साहित्य में मिलता है।
  • मध्यकाल में पंचायतों की शक्तियों में कमी आयी, क्योंकि इस काल में विशेषकर मुगल काल में जमींदारी प्रथा एवं जागीरदारी प्रथा का विकास बड़े स्तर पर हुआ था। इसी कारण पंचायतों की शक्तियाँ कमजोर हुईं।
  • मराठा साम्राज्य में शिवाजी के काल में ग्रामीण प्रशासन में पुनः सुधार होना प्रारम्भ हुआ।
  • अंग्रेजी शासन के दौरान मुख्य रूप से ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना के साथ ही प्राचीन काल से चली आ रही ग्रामीण स्वायत्तता लगभग समाप्त हो गई।
स्थानीय स्वशासन
  • स्थानीय स्वशासन का पिता 'लार्ड रिपन' को कहा जाता है।
  • भारत में स्थानीय स्वशासन की परम्परा प्राचीन काल से ही विद्यमान रही है।
  • स्थानीय स्वशासन से आशय जिला एवं ग्राम स्तर पर इस प्रकार का शासन, जिसमें राजनीतिक शक्तियों का विस्तार आम आदमी के हाथों में हो जाता है। जिससे वे अपनी किसी भी प्रकार की समस्या का निवारण स्वयं कर सकें।
  • स्थानीय शासन में राजनीतिक जागरूकता आती है।
  • आम आदमी का सशक्तिकरण होता है।
  • विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था विकसित होती है।
  • विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था का तात्पर्य है— शक्तियों का बिखराव कर देना।
उत्तर प्रदेश में पंचायती राज
  • उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था अपनाई गई है।
  • ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, विकास खण्ड स्तर पर क्षेत्र पंचायत और जिला स्तर पर जिला पंचायत है।
  • 73 वें संविधान संशोधन अधिनियम-1993 के तहत प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम-1994 को पारित किया। यहाँ पर प्रति 1000 की जनसंख्या पर पंचायत क्षेत्र एवं इससे कम होने पर कई गाँवों को सम्मिलित करके पंचायती क्षेत्र का गठन किया जाता है।

 
विभिन्न राज्यों में पंचायती स्तर
  • एक स्तरीय (केवल ग्राम पंचायतें) केरल, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर।
  • द्विस्तरीय ( ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति) असम, कर्नाटक, ओडिशा हरियाणा, दिल्ली, पुदुचेरी।
  • 10 त्रिस्तरीय ( ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद्) उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात एवं गोवा
  • चार स्तरीय (ग्राम पंचायत, अँचल पंचायत, आंचलिक परिषद्, जिला परिषद्) पश्चिम बंगाल जनजातीय परिषद् मेघालय, नागालैण्ड, मिजोरम ।


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