Major and Various Dimension of Growth and Child Development

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 04 Sep 2021 11:54 AM IST

बाल विकास के विविध आयाम [Different Dimension of Child Development]


विकास शब्द व्यापक है इसमें मात्रात्मक व गुणात्मक दोनों प्रकार के परिवर्तन शामिल है। अर्थात वह व्यक्ति के संपूर्ण विकास से संबंधित है। पाश्चात्य देशों में बाल मनोविज्ञान का विषय से सम्बन्धित है। पाश्चात्य देशों में बाल मनोविज्ञान का विषय नवीन हो सकता है। परंतु भारतीय मनीषियों ने प्रारंभ से ही बाल शिक्षा पर विचार करते हुए कहा है कि बालक की शिक्षा का प्रारंभ गर्भकाल से ही हो सकता है।विकास एक जटिल प्रक्रिया है। सामान्य रूप से विकास बुद्धि परिपक्वता तथा पोषण आदि अवधारणाओं को प्रायः मिले जुले अर्थों में इस्तेमाल किया जाता है। परंतु वास्तविकता यह है कि इन सब में कुछ न कुछ अंतर अवश्य होता है। विकास वह जटिल प्रक्रिया है जिसके परिणामस्वरूप बालक या व्यक्ति में अंतर्निहित शक्तियां एवं गुण प्रस्फुटित होते है। यदि ध्यानपूर्वक देखा जाए तो कहा जा सकता है कि भौतिक रूप से विकास एक प्रकार से परिवर्तन की ही प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से दो तत्वों से परिचालित होती है। ये तत्व हैं - परिपक्वता तथा पोषण। विकास की प्रक्रिया जीवन भर किसी न किसी रूप में चलती रहती है। विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति में कुछ योग्यतों, क्षमताओं, मानसिक शक्तियों, सामाजिक, नैतिक एवं चारित्रिक विशेषताओं का समावेश होता है। अतः विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। मनोविज्ञान एक व्यावहारिक विज्ञान है। इस व्यवहारिक विज्ञान की अनेक प्रकार की व्याख्या की गई है। बाल मनोविज्ञान में बालकों के शारीरिक तथा मानसिक विकास का अध्ययन किया जाता है। इसमें जन्म से किशोरावस्था तक विभिन्न विकासों का अध्ययन किया जाता है। इस अवस्था से आगे का अध्ययन किया जाता है। इस में जन्म से किशोरावस्था तक विभिन्न विकासो का अध्ययन किया जाता है। इस अवस्था से आगे का अध्ययन करना सामान्य मनोविज्ञान का कार्य है।  इसके साथ ही CTET परीक्षा की तैयारी के लिए आप सफलता के CTET Champion Batch से जुड़ सकते है - Subscribe Now , जहाँ 60 दिनों के तैयारी और एक्सपर्ट्स गाइडेंस से आप सेना में अफसर बन सकते हैं।  

Source: owalcation


 
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करें  General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


बाल मनोविज्ञान में बालक के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, किंतु विकास के अंर्तगत उन सभी तथ्यों तथा घटकों का अध्ययन किया जाता जो बालक के व्यवहार को निश्चित स्वरूप प्रदान करते है। आरंभ में बालो मनोविज्ञान के अंतर्गत शिशुओं तथा बालकों की समस्याओं के प्रथक प्रथक अध्ययन किए गए। लेकिन इसमें अध्ययन को पूर्णता नहीं मिली। शिशु शब्द का इस्तेमाल एक व्यंपक श्रेणी के रूप में करते है जिसमें जन्म से तीन वर्ष तक की उम्र के बच्चे शामिल होते है। यह एक तार्किक निर्णय है, क्योंकि शिशु शब्द लैटिन उत्पति उन बच्चों को संदर्भित करती है जो बोलने में असमर्थ होते हैं। 

बाल विकास मनुष्य के जन्म से लेकर किशोरावस्था के अंत तक उनमें होने वाले जैविक और मनोविज्ञानिक परिवर्तनों को कहते है, जब वे धीरे धीरे निर्भरता से और अधिक स्वयत्ता की ओर बढ़ते है। चूंकि जन्म से पहले के जीवन के दौरान आनुवंशिक कारकों और घटनाओं से प्रभावित हो सकते हैं । इसलिए आनुवांशिकी और जन्म पूर्व विकास को आमतौर पर बच्चे के विकास के अध्ययन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाता है। संबंधित शब्दों में जीवनकाल के दौरान होने वाले विकास को संदर्भित करने वाला विकासात्मक मनोविज्ञान और बच्चे की देखभाल से संबंधित चिकित्सा की शाखा बाल रोग विज्ञान शामिल हैं। विकासात्मक परिवर्तन, परिपक्वता के नाम से जानी जाने वाली आनुवंशिक रूप से नियंत्रित प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप हो सकता है, लेकिन आम तौर पर ज्यादातर परिवर्तनों में दोनों के बीच का पारस्परिक संबध शामिल होता हैं व्यक्ति का विकास एवं वृद्धि कुछ निश्चित सिद्धांतों एवं नियमों के अनुसार ही होता है।
 

Related Article

Measuring The Impact: How To Track Your Brand Awareness Success

Read More

Future-Programming Hybrid Skills: The Requirement for Marketing Professionals to Upskill and Cross-Skill

Read More

CRM Integration Made Easy: Tips for Seamless Implementation

Read More

5 of the most valued marketing skills

Read More

How to Increase Leads by Marketing Automation, know here

Read More

The Ultimate Guide: Everything You Need to Know for Writing Amazing

Read More

Online Marketing : The Who, What, Why and How of Digital Marketing

Read More

The Ultimate Guide to Blogger Outreach: Everything You Need to Know

Read More

How to perfect your Marketing Resume

Read More