Source: Safalta
Monthly Current Affairs May 2022 Hindi
राभास जनजाति क्या है और यह कहां निवास करती है।
राभा एक तिब्बती-बर्मन समुदाय हैं। वे निचले असम में गारो पहाड़ियों और पश्चिम बंगाल के डूअर क्षेत्र में निवास करते हैं। वे राज्य के मैदानी जनजातियों में से हैं। राभास एक कृषि आधारित समुदाय हैं जिनका आय केवल कृषि पर ही निर्भर करता है। बैखो त्योहार उनकी विशिष्ट संस्कृति और उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।बैखो महोत्सव के बारे में
असम में राभास जनजाति द्वारा हर साल बैको उत्सव मनाया जाता है। यह शुभ फसल के मौसम में लाने और इसे प्रचुर मात्रा में फसलों और लोगों अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए मनाया जाता है। यह राज्य में अच्छी फसल का उत्सव है साथ ही यह राभा जनजाति की एक प्राचीन परंपरा और सभ्यता है। यह मुख्य रूप से असम में राभा जनजाति द्वारा ही मनाया जाता है। हालाँकि, अन्य समुदायों के लोग भी इस उत्सव में शामिल होते हैं।Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार?
इस त्योहार में लोग बुरी आत्माओं को दूर भगाने के लिए, समुदाय में सद्भावना लाने और राज्य में फसल के लिए पर्याप्त बारिश के लिए विभिन्न अनुष्ठान एवं पुजा करते हैं। दोपहर के समय में राभा लोग अपना पारंपरिक पोशाक पहनकर ढोल बजा कर नाचते हैं। शाम को, वे बांस के बंडलों से बने एक लंबे ढांचे को जलाते हैं। सूर्यास्त के बाद पुजारी फसल के देवता की पूजा करते हैं। प्रार्थना के बाद पुजारी गर्म अंगारों पर दौड़ते हैं, जिन्हें आग से उबाल कर छोड़ दिया जाता है। इस त्यौहार में लोग ऐसा इसलिए करते हैं ताकि वे फसल देवता का सम्मान कर सके। बाद में महिलाएं पुजारियों के पैर धोकर उन्हें भोजन कराती हैं एवं उन्हें दक्षिणा देती हैं । एक अन्य अनोखे रीति-रिवाज में, राभा जनजाति चावल के आटे से अपने चेहरे पर धब्बा लगाती है और दूसरों के लिए चावल की बीयर डालती है।सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन फ्री बुक्स को डाउनलोड करें
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