Bhupen Hazarika Biography, कौन हैं भूपेन हजारिका जाने इनके बायोग्राफी के बारे में

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Fri, 04 Nov 2022 05:50 PM IST

Highlights

भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 सदिया असम में हुआ था। उनकी माता का नाम श्रीमती शंति प्रिया और पिता का नाम श्री नीलकांत था।

Bhupen Hazarika Biography : भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति भूपेन हजारिका गीतकार, संगीतकार और एक महान गायक थे। इसके अलावा ये असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, राइटर, पत्रकार आदि के क्षेत्रों में कार्य किया है। इन्हें असम की संस्कृति और संगीत के विषय में अच्छे से जानकारी थी। भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को जीता है। इन्होंने 'गांधी टू हिटलर' फिल्म में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। उन्हें से भी सम्मानित किया गया था। मरने के पश्चात भूपेन हजारिका को पद्मभूषण और भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। भूपेन हजारिका एक ऐसे कलाकार थे जो अपना गीत खुद ही लिखते थे, संगीत देते थे और स्वयं ही उसे गाते थे। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here

Source: Safalta


 

 

 आइए जानते हैं इनके जीवन परिचय के बारे में 


भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 सदिया असम में हुआ था। उनकी माता का नाम श्रीमती शंति प्रिया और पिता का नाम श्री नीलकांत था। भूपेन हजारिका पेशे से लेखक, गीतकार, संगीतकार एवं गायक थे। भूपेन हजारिका जी ने अपना पहला गाना लगभग 10 साल की उम्र में लिखा और गाया था। 12 साल के कम उम्र में इन्होंने असमिया सिनेमा की दूसरी फिल्म इंद्रमालती में काम किया था। उन्होंने बहुत कम उम्र से ही अपना करियर स्टार्ट कर दिया।   

भूपेन हजारिका का विवाह

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सन् 1949 में भूपेन हजारीका कोलंबिया यूनिवर्सिटी आगे की पढ़ाई के लिए गए वहां उनकी मुलाकात प्रियंवदा पटेल से हुई। दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे, जिसके बाद उन्होंने 1950 में शादी किया, 1952 में उनका एक पुत्र हुआ जिनका नाम तेज हजारिका था। सन् 1953 में भूपेन हजारिका सहपरिवार भारत लौट आए। भारत आने के बाद इन्होंने गुवाहाटी के विश्वविद्यालय में पढ़ाने का कार्य किया। नौकरी ज्यादा दिन नहीं किया और यूनिवर्सिटी को अपना रेजिग्नेशन लेटर दे दिया है। पैसों की कमी और तंगी के चलते उनकी पत्नी प्रियंवदा पटेल ने उन्हें छोड़ दिया। 

भूपेन हजारिका के शिक्षा के बारे में


इनकी प्रारंभिक जीवन गुवाहाटी आसाम में बीती और वहीं से इन्होंने अपनी इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने हिंदू बनारस विश्वविद्यालय सेपॉलिटिकल साइंस में बैचलर की पढ़ाई पूरी की। इसके पश्चात न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया की यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई की है। 

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आइए जानते हैं भूपेन हजारिका के करियर के बारे में 

प्रियंवादा पटेल के जाने के बाद उन्होंने संगीत और लेखन को अपना समय दिया। इसके बाद उन्होंने ''दमन'', ''गजगामिनी,'' "साज", "दरमियां", "क्यों" "जूठी मूठी मितवा" आदि गीतों पर काम किया है। भूपेन हजारिका ने अपने पूरे जीवन भर लगभग 1000 गाने से ऊपर गाना गाया है, 15 किताबें लिखी है और स्टार टीवी पर आने वाली सीरियल डॉन को इन्होंने प्रोड्यूस किया है। भूपेन हजारीका द्वारा लिखे गए गीतों को लाखों लोगों ने पसंद किया है। उन्हें असमिया, हिंदी, बंगला और भारतीय अन्य भाषाओं में गीत गाया है।

भूपेन हजारिका के फेमस गीत के बारे में
 

दुनिया में कुछ आवाज ऐसी होती है जिसे सालों सुनने के बाद भी उनमें ताजगी बरकरार होती है। कुछ ऐसे ही मशहूर सिंगर और म्यूजिशियन भूपेन हजारिका का नाम शामिल है। भूपेन खुद ही लिखा करते थे एवं अपने गानों को खुद ही कंपोज करके गाया करते थे। मल्टी टैलेंटेड भूपेन मूल रूप से असमिया भाषा के संगीतकार एवं गीतकार और गायक थे, लेकिन इन्होंने हिंदी भाषा में कई फेमस गीत गाए हैं। इन्हीं में से एक मशहूर फिल्म रूदाली का गीत दिल हूं हूं करे हैं, यह गीत मेल एवं फीमेल दोनों वर्जन में गाया गया है। भूपेन हजारिका के संगीत और आवाज में लोक संस्कृति की खुशबू सहज ही दिखाई और सुनाई देती है। असामी गायक का राजस्थानी म्यूजिक पर गाया दिल हूम हूम करे बहुत मशहूर गाना में से एक है, जिसे भूपेन ने गाया है। इस गाने के कारण उन्हें बहुत अच्छी प्रशंसा मिली, खबरों की कहे तो भूपेन में आसामी गीत बुक हूम हूम करे गाया था जिसे पुनः हिंदी वर्जन में दिल हूम हूम करे उतारा गया था। इस गीत की भाषा भले ही बदल गई लेकिन इस गीत की आत्मा वही असामी भाषा में बनी रही।


भूपेन हजारिका के अवार्ड


2019 में उन्हें मरने के बाद भारत रत्न से सम्मानित किया गया
2012 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया
2009 में असोम रत्न पुरस्कार (असम सरकार द्वारा सर्वोच्च सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित किया गया) 
2001 पद्मभूषण
1992 दादा साहेब फ़ाल्के पुरस्कार
1987 संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
1977 पद्मश्री 
1975 बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर नेशनल अवॉर्ड 
1961 सर्वश्रेष्ठ असमी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार (भूपेन हजारिका द्वारा निर्देशित किए गए फिल्म शकुंतला के लिए)

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भूपेन हजारिका पुल के बारे में


असम में लोहित नदी पर बनाए गए देश के सबसे लंबे ढोला सदिया पुल जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2017 को लांच किया था। इसका नामकरण भूपेन हजारिका के नाम पर रखा गया है।

भूपेन हजारिका की मृत्यु के बारे में 

 

भारत एवं असम राज्य के बहुमुखी प्रतिभा के धनी भूपेन हजारिका की मृत्यु 85 साल की उम्र में 5 नवंबर 2011 को मुंबई में हुआ था। भारतीय डाक विभाग में देश के 10 प्रतिष्ठित गायकों की स्मृति में 10 - 10 स्मारक डाक टिकट का सैंट 30 दिसंबर 2016 को जारी किया था। जिसमें भूपेन हजारिका पर डाक टिकट भी उस शामिल था।

   

 

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