Story of Kargil War in Hindi- एक बुद्धिमान और शालीन मानव कभी भी युद्ध नहीं चाहता क्योंकि 'युद्ध से विध्वंस और बर्बादी के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं होता.' पर पकिस्तान जैसे कट्टरपंथी, ईर्ष्यालु और सरफिरे देशों की समझ में यह बात नहीं आती. उनके सर पर हमेशा रक्तपात का पिशाच जो सवार रहता है. ऐसी हीं एक सरफिरी हरकत पकिस्तान ने तब की थी जब उसने अपने 5000 सैनिकों के साथ चोरों Fकी तरह घुसपैठ करके कश्मीर के कारगिल क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया था. भारत की सेना ने दिलेरी के साथ इस युद्ध को लड़ा था और पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ दिया था. इस युद्ध को
कारगिल युद्ध या
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पूरे हुए 23 साल (कारगिल युद्ध के)
26 जुलाई को कारगिल युद्ध के 23 साल पूरे हो जाएँगे. कारगिल विजय के बाद इस दिन को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के द्वारा विजय दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई थी. बात तब की है जब पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर के उग्रवादियों के साथ मिलकर भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा को पार कर हिंदुस्तान की जमीन पर कब्जा करना चाहा था. उनके इस दुस्साहस के बाद भारत की सेना ने उन्हें इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था और घुसपैठियों को बुरी तरह से पराजित कर देश की सीमा से बाहर मार भगाया था.
युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान की तरफ से
जैसा कि हम सभी को मालूम है कि कारगिल के युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान की तरफ से की गयी थी. 3 मई साल 1999 को कश्मीर (अब लद्दाख) के कारगिल जिले में ऊंची पहाड़ियों के ऊपर पाकिस्तान ने अपने 5000 सैनिकों के साथ चोरों की तरह घुसपैठ करके वहाँ पर कब्जा जमा लिया. इस बात की खबर जब भारत सरकार को मिली तो भारत सरकार ने अपने शूरवीर सिपाहियों के साथ मिलकर ''ऑपरेशन विजय” चलाया और पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटा कर 26 जुलाई 1999 को कारगिल से मार भगाया और युद्ध में जीत हासिल की. तब से लेकर आज तक इस दिन को पूरे भारतवर्ष में ''कारगिल विजय दिवस'' के रूप में मनाया जाता है. बताते चलें कि यह युद्ध करीब 18000 फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ा गया था. यह युद्ध लगभग 2 महीने तक चला था जिसमें भारतीय सेना के योद्धाओं ने बड़े हीं साहस और पराक्रम के साथ युद्ध किया था.
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पकिस्तान का झूठ
कारगिल का युद्ध काफी ज्यादा ऊंचाई पर लड़ा गया था और इसलिए इसमें भारत और पाकिस्तान दोनों की सेनाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. उल्लेखनीय है कि इस लड़ाई को लेकर पाकिस्तान की तरफ से यह दावा किया गया था कि भारत पर कब्जा करने वाले लोग पाकिस्तानी नहीं बल्कि कश्मीरी उग्रवादी हैं. हालाँकि लड़ाई के दौरान मिले दस्तावेजों तथा कई पाकिस्तानी नेताओं की बयानबाजियों से इस बात की पुष्टि हो गई थी कि कश्मीरी उग्रवादियों के साथ पाकिस्तान की सेना भी इस युद्ध में शामिल थी.
भारत के 527 से भी अधिक सैनिक शहीद
भारतीय सेना के योद्धाओं ने बहुत हीं वीरता के साथ कारगिल युद्ध को लड़ा था. धोखेबाज पाकिस्तान के खिलाफ इस युद्ध में भारत के लगभग 527 से भी ज्यादा सैनिक शहीद हो गए थे. और 1300 से भी अधिक सैनिक बुरी तरह से जख्मी हुए थे.
कारगिल युद्ध की पूरी कहानी (Story of Kargil War in Hindi)
बात 3 मई 1999 की है जब कारगिल की ऊँची पर्वतमाला पर पशु चराने गए एक चरवाहे के द्वारा भारतीय सेना को पाकिस्तानी सेना के घुसपैठ करने और कब्जा ज़माने की जानकारी मिली. भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम जब इन बातों की जानकारी लेने के लिए 5 मई को कारगिल पहुँची तो पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें बंदी बना लिया लिया और उनमें से 5 लोगों की हत्या कर दी. पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा गोलाबारी करने की वजह से 9 मई को कारगिल में मौजूद भारतीय सेना का गोला बारूद का स्टोर नष्ट हो गया.
लद्दाख के प्रवेश द्वार के पास दिखे घुसपैठिये
इसके बाद लद्दाख के प्रवेश द्वार के निकट 10 मई को पाकिस्तानी घुसपैठियों को फिर से देखा गया. तब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश प्राप्त होने के बाद भारतीय वायु सेना के मिग-27 और मिग 29 का इस्तेमाल किया पर इसी दौरान 27 मई को पाकिस्तान ने भारत के फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को गिरफ्तार कर बंदी बना लिया साथ हीं भारत के मिग 27 हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान द्वारा नष्ट कर दिया गया जिसमें चार सैनिक मारे गए.
पकड़ा गया पाकिस्तान का झूठ
5 जून को पाकिस्तानी रेंजर्स के पास से मिले कागजातों को भारतीय सेना द्वारा अखबारों के लिए जारी कर दिया गया, जिसमें पाकिस्तानी रेंजर्स के शामिल होने की बात सामने आ गई. इसी के बाद 11 जून को आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान और परवेज मुशर्रफ की बातचीत की रिकॉर्डिंग जारी की गई जिसमें इस बात की पुष्टि हो गई कि इस चोरी से की गई घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना भी शामिल है. इस जानकारी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
जान बचा कर भागे घुसपैठिये, भारत की जीत
इधर 15 जून को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने परवेज मुशर्रफ को फोन करके कहा कि वह अपने सैनिकों को कारगिल सेक्टर से हटा ले. दूसरी तरफ भारतीय सैनिकों के द्वारा बाल्टिक क्षेत्र, द्रास सेक्टर, टाइगर हिल्स, बटालिक में जुबर हिल्स आदि पर एक के बाद एक कब्ज़ा जमाना जारी रहा. 2 जुलाई 1999 को भारतीय सेना द्वारा कारगिल पर तीन तरफ से हमला बोल दिया गया जिसके बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने बटालिक से भागना शुरू किया. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बिल क्लिंटन से बातचीत की और कहा कि वह अपनी सेना को कारगिल से हटाने के लिए तैयार है. 14 जुलाई को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने “ऑपरेशन विजय” के जीत का ऐलान किया.