Difference between Civil Law and Criminal Law: सिविल और करिमिनल लॉ क्या है, जानें सिविल और करिमिनल लॉ में क्या अंतर है?

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Sat, 29 Jan 2022 11:03 PM IST

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एख स्टेटमेंट दिया कि ये जरुरी है कि "बिजनेस सर्कल की बढती प्रवृत्ति के आधार पर सिविल डिसप्युट को  आपराधिक मामलों में बदलने के लिए"। यह अकेले भारत में ही नहीं हैा बहुत से अन्य लोकतंत्र, जो एक सामान्य कानून का पालन करते हैं, अनुभव कर रहे हैं, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय का कनवर्जन भारत के लिए विशिष्ट है। लेकिन  क्या आप वास्तव में ये जानते हैं कि कानून वास्तव में कैसे काम करता है? क्या आप नागरिक कानून और आपराधिक कानून की बारीकियों से अवगत हैं? आपने इस्तेमाल किए गए शब्दों को सुना है, लेकिन क्या आप वास्तव में जानते हैं कि वे कैसे भिन्न हैं? नागरिक कानून और आपराधिक कानून के बीच समानता और अंतर का पता लगाने के लिए पढ़ते रहें। यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

Source: social media


 
सिविल और करिमिनल लॉ क्या है-
 
सिविल लॉ में ऐसे सेट ऑफ रुल होते है जो किसी व्यक्ति या संगठन  के  बिहेव्यर के साथ डिल करता है जो किसी प्राइवेट पार्टी और व्यक्ति को चोट पहुंचा सकता है।

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वहीं सिविल लॉ के उदाहरण है- मानहानि और बदनामी, कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन, किसी लापरवाही के कारण चोट या मृत्यु, और संपत्ति की क्षति है।
 
करिमिनल लॉ- 
 
इस लॉ में उस बिहेव्यर की बात की गयी है जिसे समाज, जनता या भूमि के लिए खतरा माना जाता है।
उदाहरणों में चोरी, शराब के नशे में गाड़ी चलाना, हत्या, हमला आदि शामिल है।

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Civil law vs criminal law-
Civil Law-
  • सिविल लॉ एक सामान्य कानून है जो 2 संगठनों या व्यक्तियों के बीच विवादों को हल करता है। सिविल लॉ के अनुसार गलत करने वाले को प्रभावित संगठन या व्यक्ति को मुआवजा देना होगा। सिविल लॉ संपत्ति, धन, आवास, तलाक, तलाक की स्थिति में बच्चे की कस्टडी आदि से संबंधित है।
  • सिविल लॉ के मामले में, मामला शुरू करने के लिए, पीड़ित पक्ष को न्यायालय या ट्रिब्यूनल में मामला दर्ज करने की आवश्यकता होती है।
  • सिविल लॉ पीड़ित व्यक्ति या संगठन द्वारा शुरू किया जाता है या इसे 'वादी' के रूप में भी जाना जाता है।
  • सिविल लॉ में, गलत काम करने वाले पर शिकायतकर्ता या पीड़ित पक्ष द्वारा मुकदमा चलाया जाता है।
  • सिविल लॉ का उद्देश्य किसी व्यक्ति या संगठन के अधिकारों की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें या संबंधित संगठन को उनके द्वारा किए गए नुकसान के लिए मुआवजा मिले।
  • सिविल लॉ के मामले में आपराधिक कानून की तरह कोई सजा नहीं है, लेकिन पीड़ित पक्ष को मुआवजा मिलता है और विवाद का निपटारा किया जाता है।
  • सिविल लॉ के मामलों में, प्रतिवादी को या तो उत्तरदायी या उत्तरदायी नहीं माना जाता है।
Criminal law-
  • करिमिनल लॉ (आपराधिक कानून) उन अपराधों से संबंधित है जो समाज के खिलाफ किए जाते हैं। यह किए गए अपराध के अनुरूप सजा की अलग-अलग डिग्री पूरी करता है। आपराधिक कानून हत्या, बलात्कार, आगजनी, डकैती, हमला आदि जैसे गंभीर अपराधों से निपटेगा।
  • सरकार आपराधिक कानून के मामले में याचिका दायर करती है।
  • करिमिनल लॉ के अनुसार, एक मामला शुरू करने के लिए, सीधे अदालत में याचिका दायर नहीं कर सकते है, बल्कि शिकायत पहले पुलिस में दर्ज करनी होगी, और फिर पुलिस द्वारा अपराध की जांच होगी। इसके बाद कोर्ट में केस दायर किया जा सकता है
  • करिमिनल लॉ में, आरोपी व्यक्ति पर कानून की अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा।
  • करिमिनल लॉ का उद्देश्य अपराधियों को दंडित करना और समाज की रक्षा करना, कानून और व्यवस्था बनाए रखना है।
  • करिमिनल लॉ में प्रतिवादी को या तो दोषी माना जाता है या अदालत द्वारा दोषी नहीं माना जाता है।

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