Difference between Constitution and Law: जानें संविधान क्या है, संविधान और कानून में क्या अंतर है?

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Sat, 29 Jan 2022 11:04 PM IST

एक संविधान एक लिगल इंट्रिग्रिटी के साथ एक लिगल स्ट्रक्चर होती है जो सरकार के संविधान और उसके प्रमुख प्रिंसिपल को डिफाइन करता है।  संविधान दुनिया का सर्वोच्च नियम है। इसके तीन कार्य मूख्य कार्य होते है। पहला संविधान से सरकार बनती है, मतलब सरकार का गठन संविधान के अनुसार होता है और कोई भी सरकार इसे अपने आप बदल नहीं सकती। यह सरकार को कुछ शक्तियाँ देता है ताकि सरकार कानून बना सके, उन्हें देश में लागू कर सके और देश में सद्भाव और शांति और ईमानदारी स्थापित कर सके। यह सरकार को दी गयी शक्तियों को नियंत्रित करता है ताकि सत्ता में उच्च पदों पर बैठे अधिकारी अपनी मनमानी न करें। अपने देश के अस्तित्व के विरुद्ध कोई भी गलत निर्णय न लें और कभी भी ऐसा कानून न बनाएं जो देश के लोगों के लिए हानिकारक साबित हो। यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

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संविधान और कानून क्या है?
 
एक संविधान एक कानूनी संरचना है जो सरकार की एक संस्था और उसकी प्रमुख भूमिकाओं को परिभाषित करता है। सामान्य तौर पर एक संविधान मौलिक सिद्धांतों का एक संग्रह है जो राज्य व्यवस्था, संगठन और अन्य के कानूनी आधार का गठन करता है और परिभाषित करता है कि इसे कैसे शासित किया जाना है। ऐसे सिद्धांत जब एक कानूनी दस्तावेज के रूप में लिखे जाते हैं और इकाई के प्रत्येक सदस्य द्वारा उनका पालन किया जाता है तो एक संविधान बन जाता है। संविधान लिखित या ओरल बनें हो सकते हैं।

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जबकि कानून एक अनुशासन है, नियमों का एक सिस्टम होता है , जो सरकारी संस्थानों द्वारा बनाया और लागू किया गया होता है। ताकि यह परिभाषित किया जा सके कि वहां के लोग क्या कर सकते हैं या नहीं। कानून में संविधान, नियमों और विनियमों का भी समावेश किया होता है, जो इसे एक व्यापक विषय बनाते हैं।

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संविधान और कानून के बीच अंतर-
 
संविधान-
  • संविधान देश का कानून है। इसे भूमि का सिद्धांत कानून माना जाता है
  • एक संविधान मौलिक कानूनों का समूह है जो यह निर्धारित करता है कि किसी देश को कैसे शासित किया जाना चाहिए। इसमें मौलिक अधिकार, निर्देश और लोगों के कर्तव्य आदि के साथ-साथ सार्वजनिक संस्थानों की बुनियादी राजनीतिक संहिता, ढांचा, तंत्र, शक्तियां और दायित्व  आदि शामिल हैं। टॉमस पेन के अनुसार संविधान के बिना सरकार बिना शक्ति की सरकार है।
  • संविधान समाज के बुनियादी प्रिंसिपल प्रदान करता है। संविधान नागरिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
  • संविधान के विभिन्न प्रकार राजशाही, रिपब्लिकन, राष्ट्रपति, संसदीय, संघीय, एकात्मक, राजनीतिक, कानूनी आदि।
  • संविधान देश की विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अंतर करता है।
  • संविधान इस बात का मार्गदर्शन करता है कि किसी भी देश को कैसे  आर्गनाइज्ड किया जाना चाहिए।
  • संविधान नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी है।
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कानून-
  • कानून की व्याख्या सामाजिक या राजनीतिक संस्था द्वारा नियमों के एक समूह के रूप में की जाती है जो देश के लोगों के व्यवहार को नियंत्रित करने में उपयोगी होते हैं।
  • भारत में विभिन्न प्रकार के कानून हैं- संवैधानिक कानून, प्रशासनिक कानून, आपराधिक कानून, अनुबंध कानून, संपत्ति कानून, श्रम कानून, मानवाधिकार कानून, कंपनी कानून, बौद्धिक संपदा कानून, अंतरिक्ष कानून, कर कानून, बैंकिंग कानून, उपभोक्ता कानून, पर्यावरण कानून आदि।
  • कानून, नियमों का एक सिस्टम है जिसे एक राष्ट्र अपने नागरिकों के कार्यों को विनियमित करने के लिए बनाता है। 
  • किसी भी जगह का कानून किसी देश के रुलिंग बाडी के द्वारा लागू किया जाता है। कानून कार्यों में नैतिकता की गारंटी देता है।

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