Electronic-National Agricultural Market e-NAM : जाने ई-नाम पोर्टल क्या है और किसानों के लिए यह कैसे लाभदायक है

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Sat, 16 Apr 2022 09:16 PM IST

Highlights

-किसानों और खरीदारों के बीच कोई  बिचौलिया नहीं रहता है।

- इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब अपनी फसल की बिक्री के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेगा।

-  इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलता है।

 

 Electronic-National Agricultural Market e-NAM : आज यानी 16 अप्रेल 2022 को eNAM को शुरू किए गए 6 साल पूरे हो गए हैं। यह केंद्र सरकार का एक ambitious portal है। यह एक All India Electronic Trading Portal है जो कृषि समानों के लिए एक Integrated राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए मौजूदा APMC मंडियों को नेटवर्क करता है। कृषि उपजो की डायरेक्ट खरीद और बिक्री के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का काम करता है।  आपको बता दें  कि COVID-19 महामारी की शुरुआत में देश के बहुत सारे मंडियों को e-NAM के तहतIntegrated किया गया था। अभी तक इन 6 सालों  में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों  में 1,000 मंडियों को Integrated किया गया है। इसके तहत 1.73 करोड़ से अधिक किसानों, 2.19 लाख व्यापारियों और 2,000 farmer producer organization ने भी ई-नाम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है।  

Source: Safalta


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eNAM पोर्टल क्या है?

 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक-राष्ट्रीय कृषि बाजार (Electronic-National Agricultural Market (e-NAM)) पोर्टल लॉन्च किया था। इस पोर्टल से देश में कृषि उपजों के लिए 'One Nation, One Market' के रूप में एकCommon Online Market Platforms पर मौजूदा मंडियों का नेटवर्क बनाने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। यह प्लेटफॉर्म किसानों के लिए ई-भुगतान की सुविधा भी देता है। इस ई-नाम पोर्टल के तहत केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बहुत सी सुविधा जोड़ी है

ई-नाम पोर्टल में ट्रेडिंग कैसे की जाती है?


इसमें व्यापार के लिए किसानों, व्यापारियों और एफपीओ को ई-एनएएम पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर की अवश्यकता पड़ती है। एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद, किसान और व्यापारी अपना user id और generate password कर सकते हैं। अब किसान अपने उत्पादों के बारे में डिटेल ई-नाम पोर्टल पर एक बाजार समिति के माध्यम से बिक्री के लिए अपलोड कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के पुरा होने के बाद व्यापारी अब बोली लगाना  शुरू कर सकते हैं, और सबसे अधिक बोली लगाने वाले उपज के खरीदार होगें।

ई-नाम के  लाभ क्या क्या हैं-


-किसानों और खरीदारों के बीच कोई  बिचौलिया नहीं रहता है।

- इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब अपनी फसल की बिक्री के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेगा।

-  इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलता है।

- पोर्टल व्यापारियों को भारत में कहीं भी एक कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) से दूसरी में द्वितीयक व्यापार करने में सक्षम बनाता है।

- e-NAM उपभोक्ताओं के लिए उपजों के कीमतों और उपलब्धता को भी स्थिर करता है।

- e-NAM वस्तुओं की the supply chain में भी सुधार करता है और वेस्टेज को कम करता है।

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