Fundamental Rights in India : जानिये क्या हैं भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकार

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Wed, 06 Jul 2022 01:13 PM IST

Highlights

मौलिक अधिकार भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता (सेकुलरिज्म) को कायम रखने की नींव है. हमारे मौलिक अधिकार न केवल हमारे सामाजिक न्याय और समानता को सुनिश्चित करते हैं बल्कि व्यक्ति की नैतिक और भौतिक सुरक्षा की आवश्यक शर्तें भी स्थापित करते हैं. आइए इस आर्टिकल में हम यह जानते हैं कि हमारे संविधान ने भारत के नागरिकों को कौन कौन से मौलिक अधिकार दिए हैं.

नुपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद पर विवादित बयान के बाद से देश में साम्प्रदायिक और राजनीतिक माहौल गरम है. बताते चलें कि नूपुर शर्मा की रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाल की पीठ ने पीड़ा व्यक्त करते हुए मौखिक टिप्पणी की थी जिसमें कहा गया था की उनका अविवेकपूर्ण बयान देश भर के माहौल में आग लगाने के लिए जिम्मेवार है. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here

Source: Safalta.com

May Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW
Indian States & Union Territories E book- Download Now
 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

क्या था मामला

पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के चलते विवाद में आईं नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और नूपुर शर्मा को फटकार लगाते हुए कहा कि उनके बयान की वजह से न केवल देश का माहौल खराब हुआ है बल्कि उनके माफी मांगने में देरी की वजह से उदयपुर जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है.
इधर नूपुर शर्मा के इस टिप्पणी के बाद से उनके खिलाफ देश के अलग अलग हिस्सों में हर रोज मुक़दमे दर्ज़ कराए जा रहे हैं. ऐसे में नूपुर शर्मा की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि उनकी जान को खतरा है और ऐसे में वह देश के अलग-अलग हिस्सों में केसों की सुनवाई के लिए नहीं जा सकतीं अतः सभी केसों को दिल्ली हीं ट्रांसफर कर दिया जाए. इधर देश में आज कल हमारे मौलिक अधिकार का मुद्दा भी खासी चर्चा में है. तो आइए देखते हैं कि भारत के संविधान से हमें क्या क्या मौलिक अधिकार मिले हुए हैं.

भारतीय संविधान

भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार, संयुक्त राज्य के संविधान, बिल ऑफ राइट्स से प्रेरित हैं. वर्तमान में हमारा भारतीय संविधान अपने नागरिकों को उसके छह मौलिक अधिकारों की रक्षा की गारंटी देता है.
 
Monthly Current Affairs May 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs April 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs March 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs February 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs January 2022  डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs December 2021 डाउनलोड नाउ
 

हमारे मौलिक अधिकार 

मौलिक अधिकार भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता (सेकुलरिज्म) को कायम रखने की नींव है. हमारे मौलिक अधिकार न केवल हमारे सामाजिक न्याय और समानता को सुनिश्चित करते हैं बल्कि व्यक्ति की नैतिक और भौतिक सुरक्षा की आवश्यक शर्तें भी स्थापित करते हैं. मौलिक अधिकार नागरिकों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता को भी सुनिश्चित करते हैं. आइए इस आर्टिकल में हम यह जानते हैं कि हमारे संविधान ने भारत के नागरिकों को कौन कौन से मौलिक अधिकार दिए हैं -

(1) समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)

  • अनुच्छेद 14 समानता के विचार का प्रतिनिधित्व करता है. इसके मुताबिक भारत का कानून नस्ल, रंग या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना यहाँ के हर व्यक्ति को समानता का अधिकार देगा और कानून के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा.
  • संविधान का अनुच्छेद 15 यह कहता है कि धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि आधारों पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा. इस अनुच्छेद के मुताबिक महिलाओं और बच्चों के लिए कोई विशेष प्रावधान करने से नहीं रोका जाएगा.
  • संविधान के अनुच्छेद 16 में कहा गया है कि किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, वंश, जन्म स्थान, निवास आदि के आधार पर राज्य के अधीन किसी रोजगार या कार्यालय में उसके साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा. यह अनुच्छेद सभी नागरिकों को सार्वजनिक रोजगार में समानता का अवसर देता है.
  • संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता को समाप्त करता है और इसके किसी भी रूप को मना करता है.
  • संविधान का अनुच्छेद 18 सभी तरह के उपाधियों को समाप्त करता है और किसी भी नागरिक को उपाधि प्रदान करने से रोकता है. इसमें सैन्य और शैक्षणिक भेदों को निषेध से छूट दी गई है. यह अनुच्छेद उपाधियों का उन्मूलन करता है.

(2) स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19) 

अनुच्छेद 19 भारत के नागरिकों को छह प्रकार की मौलिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है -
(1) अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता,
(2) रहने और बसने की स्वतंत्रता,
(3) सभा की स्वतंत्रता,
(4) आंदोलन की स्वतंत्रता,
(5) संघ बनाने की स्वतंत्रता,
(6) पेशे, व्यापार या व्यवसाय की स्वतंत्रता.
 

अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण (अनुच्छेद 20) 

अनुच्छेद 20 किसी भी अपराध करने वाले व्यक्ति के लिए मनमानी और अत्यधिक सजा से सुरक्षा प्रदान करता है.

जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21) 

अनुच्छेद 21 कहता है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता. हालाँकि, अनुच्छेद 21 विधायी सूचियों के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 246 के तहत राज्य की शक्ति को सीमित करता है.

मनमानी गिरफ्तारी और नजरबंदी के खिलाफ सुरक्षा उपाय (अनुच्छेद 22) 

अनुच्छेद 22 गिरफ्तार किए गए प्रत्येक व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के कारण के बारे में सूचित करने के अधिकार की गारंटी देता है. प्रत्येक व्यक्ति को बचाव करने और इसके लिए अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने का अधिकार देता है. गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए व्यक्ति को चौबीस घंटे की अवधि के भीतर निकटतम मजिस्ट्रेट के सामने पेशी करने और केवल उसके अधिकार के साथ हिरासत में रखने.

(3) शोषण के खिलाफ अधिकार (अनुच्छेद 23-24) 

  • अनुच्छेद 23 महिलाओं, बच्चों, भिखारियों या किसी भी मनुष्य को, मानव गरिमा के विरुद्ध बलात् श्रम के अवैध कार्य को प्रतिबंधित करता है.
  • अनुच्छेद 24, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खतरनाक पेशे में नियोजित करने से रोकता है.

(4) धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28) 

  • अनुच्छेद 25 और 26 धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांतों को समर्थन देता है. भारतीय लोकतंत्र धर्मनिरपेक्ष प्रकृति यानी सभी धर्मों के लिए समान सम्मान पर जोर देता है.
  •  अनुच्छेद 25 अंतरात्मा की स्वतंत्रता और मुक्त धर्म, अभ्यास और प्रचार की स्वतंत्रता प्रदान करता है.
  • अनुच्छेद 26 धार्मिक मामलों का प्रबंधन करता है.
  • अनुच्छेद 27 किसी विशेष धर्म के प्रचार या रखरखाव पर धार्मिक खर्चों के लिए करों का भुगतान न करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है.
  • अनुच्छेद 28 राज्य द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी धार्मिक निर्देशों को प्रतिबंधित करता है.
     
सामान्य हिंदी ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
पर्यावरण ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
खेल ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
साइंस ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
अर्थव्यवस्था ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
भारतीय इतिहास ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
 

(5) अल्पसंख्यकों के अधिकार (अनुच्छेद 29-30) 

  • अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के हितों को सुरक्षा प्रदान करता है. एक अल्पसंख्यक समुदाय अपनी भाषा, लिपि या संस्कृति को किसी एक शैक्षणिक संस्थान के माध्यम से संरक्षित कर सकता है.
  • अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के धर्म या भाषा पर आधारित अधिकारों को बताता है.

(6) संवैधानिक उपचार का अधिकार (अनुच्छेद 32-35) 

  • यह अनुच्छेद मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए आदेश या रिट जारी करने की सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति से संबंधित है. यह मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उपयुक्त कार्यवाही द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में जाने के अधिकार की गारंटी देता है.
  • अनुच्छेद 33 संसद को सशस्त्र बलों या सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के लिए आरोपित बलों के मौलिक अधिकारों के आवेदन को संशोधित करने का अधिकार देता है. अनुच्छेद 35 कहता है कि कुछ निर्दिष्ट मौलिक अधिकारों को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाने की शक्ति केवल संसद के पास होगी, न कि राज्य विधानमंडलों के पास.
  • संविधान में मौलिक अधिकारों को शामिल करने के पीछे का उद्देश्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता को संरक्षित करना, एक समान समाज का निर्माण करना और एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना था.

Related Article

Nepali Student Suicide Row: Students fear returning to KIIT campus; read details here

Read More

NEET MDS 2025 Registration begins at natboard.edu.in; Apply till March 10, Check the eligibility and steps to apply here

Read More

NEET MDS 2025: नीट एमडीएस के लिए आवेदन शुरू, 10 मार्च से पहले कर लें पंजीकरण; 19 अप्रैल को होगी परीक्षा

Read More

UPSC CSE 2025: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस तारीख तक भर सकेंगे फॉर्म

Read More

UPSC further extends last date to apply for civil services prelims exam till Feb 21; read details here

Read More

Jhakhand: CM launches six portals to modernise state's education system

Read More

PPC 2025: आठवें और अंतिम एपिसोड में शामिल रहें यूपीएससी, सीबीएससी के टॉपर्स, रिवीजन के लिए साझा किए टिप्स

Read More

RRB Ministerial, Isolated Recruitment Application Deadline extended; Apply till 21 February now, Read here

Read More

RRB JE CBT 2 Exam Date: आरआरबी जेई सीबीटी-2 की संभावित परीक्षा तिथियां घोषित, 18799 पदों पर होगी भर्ती

Read More