Biography of Jayaprakash Narayan, जाने जयप्रकाश नरायण के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Tue, 11 Oct 2022 12:53 PM IST

Highlights

1.साल 1999 में भारत सरकार की ओर से भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
2.इन्हें एफ फाउंडेशन की ओर से भी राष्ट्रभूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

Biography of Jayaprakash Narayan : भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां की भिन्नता ही यहां की खूबसूरती है, जब जब भारत के लोकतंत्र पर किसी तरह का खतरा आता है तब एक नई क्रांति या आंदोलन होती है और लोकतंत्र को पुनः मुक्त करवाया जाता है। ऐसे ही इंदिरा गांधी के शासन काल में आपातकाल इसी तरह का एक लोकतांत्रिक खतरा था। इस समय जयप्रकाश नारायण ने सरकार के इस फैसले के विरुद्ध अपना विरोध जताया था और सरकार के विपक्ष में आंदोलन जारी किया था। इनका नाम भारतीय राजनीति में क्रांति के नाम से जाना जाता है, लोग इन्हें जेपी भी कहते हैं। उनके नाम पर बिहार के पटना हवाई अड्डे का नाम रखा गया है। आइए जानते हैं इनके जीवन परिचय के बारे में विस्तार से - अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here 

Source: safalta


जयप्रकाश नारायण का आरंभिक जीवन -


जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1930 में बिहार के सारण जिले के सिताबदियारामें हुआ था। इनका घर लाला टोलो के घागरा नदी के किनारे आता था जहां आए दिन बाढ़ आते रहते थे। बाढ़ से परेशान इनके परिवार याहां से कुछ मील दूर जाकर रहने लगे थे जो कि अब उत्तर प्रदेश में पड़ता है। इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था और उनके पिता का नाम हरशु दयाला और मां का नाम फूल रानी देवी था।  इनके पिता स्टेट गवर्नमेंट के कैनल विभाग में काम करते थे।

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


 जयप्रकाश नारायण की शिक्षा के बारे में 


जब ये 9 साल के थे उसी समय आ गए थे और सातवीं कक्षा में अपना दाखिला करवाया था। अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने सरस्वती, प्रभा और प्रताप जैसी पत्रिकाओं को पढ़ना शुरू कर दिया था। ये इसी समय में भारत भारती  जैसी पुस्तक पढ़ी थी, उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त और भारतेंदु हरिश्चंद्र जैसे बड़े लेखकों की रचनाओं को पढ़ना शुरू कर दिया था और उनकी पढ़ने के क्षेत्र में काफी रूचि थी। जिसमें उन्होंने कई राजपूत वीरों की वीर गाथा को भी पढ़ा था। उन्होंने उसी दौरान श्रीमद्भागवत गीता के अनमोल वचनों को भी पढ़ा था। इनके  इस पठन-पाठन से इनका बढ़िया बैधिक विकास हुआ था।  इन्होंने द प्रेजेंट स्टेट ऑफ हिन्ची इन  बिहार टाइटल से एक निबंध लिखे थे। एक निबंध प्रतियोगिता के दौरान इनके इस निबंध को बेस्ट एसे अवार्ड प्राप्त हुआ था। स्कूलों में इनका काफी बढ़िया विकास हुआ और पढ़ने में इनकी रूची काफी बढ़ते गई थी और साल 1918 में उन्होंने अपना स्कूल प्रशिक्षण कंप्लीट कर स्टेट पब्लिक  मैट्रिकुलेशन एग्जामिनेशन का सर्टिफिकेट हासिल किया।


 जयप्रकाश नारायण के निजी जीवन के बारे में 


साल 1920 अक्टूबर में इनका विवाह ब्रजकिशोर प्रसाद की बेटी प्रभावती देवी से हुआ था। उनके विवाह के समय उनकी आयु मात्र 18 साल की थी और प्रभावती देवी की आयु 14 साल की थी। इस दौरान विवाह के लिए यह आम उम्र मानी जाती थी। विवाह के दौरान जय प्रकाश नारायण पटना में कार्यरत थे नौकरी के चलते उनका उनके पत्नी के साथ रहना संभव नहीं था। इस समय महात्मा गांधी के न्योते पर प्रभावती  महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में सेवारत हो गई थी इसी समय महात्मा गांधी ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी किए रोलट एक्ट के खिलाफ असहयोग आंदोलन कर रहे थे। इस आंदोलन में मौलाना आजाद के भाषण सुनने वालेमें जेपी भी शामिल हुए थे इस भाषण में मौलाना लोगों से अंग्रेजी हुकूमत की शिक्षा को त्यागने की बात कही थी। मौलाना के भाषण से जयप्रकाश नारायण बहुत प्रभावित हुए थे और पटना से लौटकर परीक्षा के 20 दिन पहले ही कॉलेज छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित कॉलेज बिहार विद्यापीठ में अपना नामांकन करवाया और डॉक्टर अनुग्रह सिन्हा के पहले विद्यार्थी हुए।   

Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize


 जयप्रकाश नारायण की संयुक्त अमेरिका में हायर एजुकेशन 


जयप्रकाश नारायण शिक्षा को लेकर काफी उत्साहित स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्होंने बिहार विद्यापीठ में अपने कोर्स को पूरा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में अपनी हायर एजुकेशन की योजना बनाई, इसके उपरांत वह 20 साल की उम्र में ही उन्होंने जानूस नाम के अमेरिका जाने वाले एक कार्गो शिप से अमेरिका के लिए सवार हो गए।  इस समय प्रभावती देवी साबरमती आश्रम में ही थी। जयप्रकाश नारायण 8 अक्टूबर 1922 को कैलिफोर्निया पहुंचे, उसके बाद जनवरी 1923 में इन्हें बर्कले में एडमिशन मिला। इस समय इन्हें कहीं से भी किसी तरह की आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं थी और अपनी शिक्षा की फीस भरने के लिए इन्होंने कभी किसी  फैक्ट्री में तो कभी होटल में बर्तन धो के काम करके कॉलेज की फीस के लिए पैसे जुटाए। इसके बाद भी उनके सामने कई तरह की कठिनाई और दिक्कत सामने आई।  इन्हें फिस और पैसे की तंगी के कारण बर्कली की विश्वविद्यालय छोड़ कर यूनिवर्सिटी ऑफ लोया में एडमिशन लेना पड़ा। इसके बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों में पैसे की  कमी की वजह से कॉलेज बदलना पड़ा। इन्होंने उच्च शिक्षा के दौरान सोशियोलॉजी की पढ़ाई की जो कि उनका फेवरेट सब्जैक्ट था। इन्हें अपने पढ़ाई के समय  प्रोफेसर एडवर्ड रोस से काफी सहायता मिली थी। विस्कॉन्सिन में पढ़ाई करते समय इन्हें कार्ल मार्क्स के दास कैपिटल पढ़ने का अवसर मिला था। इसी समय रूस क्रान्ति की सफलताओं की खबर से साल 1917 में ये मार्क्सवाद से बहुत प्रभावित हुए थे। इसके बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट से भी मार्क्सवाद पर विवेचना की। अपने अध्ययन के समय जब इन्होंने अपना सोशियोलॉजी पेपर, सोशल वेरिएशन लिखा तो वह इस विषय पर लिखा जाने साल का सर्वश्रेष्ठ पेपर था। 


जयप्रकाश नारायण का आपातकाल के दौरान भूमिका


 आपातकाल के समय इंदिरा गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एलेक्टोरल कानून के उलंघन करने के अंतर्गत दोषी माना था। इस पर उन्होंने इंदिरा गांधी तथा अन्य कांग्रेश शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस्तीफा की मांग की थी। इन्होंने मिलिट्री ऑफ पुलिस को सरकार के अनैतिक और असंवैधानिक निर्णय को न मानने की अपील की।  25 जून 1975  तत्कालीक प्रधानमंत्री इंदिरा गंधी ने इमरजेंसी की घोषणा की थी। इस समय देश भर में नारायण की संपूर्ण क्रांति आयोजन चल रहे थे। केंद्र सरकार ने इस आंदोलन से जुड़े हुए लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया इसके बाद इन्होंने सरकार के विरोध में रामलीला मैदान में 1,00,000 लोगों को संबोधित करते हुए भारत के राष्ट्रपति दिनकर की कविता सिंहासन खाली करो कि जनता आती है कि कई  आवृत्तियाँ की,  इसके बाद उन्हें सरकार द्वारा एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया और चंडीगढ़ जेल में रखा गया।  इस समय बिहार में बाढ़ आई हुई थी उन्होंने सरकार से 1 महीने की पैरोल मांगी थी ताकि बाढ़ का जायजा लिया जा  सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच उनकी तबीयत खराब हो गई जिसके चलते उन्हें 12 नवंबर को जेल से रिहा किया गया। जेल से उन्हें डायग्नोसिस के लिए जसलोक हॉस्पिटल में ले जाया गया। यहां पर यह पता चला कि इन्हें किडनी संबंधित परेशानी हो गई है और पूरे जीवन भर इन्हें डायग्नोसिस के सहारे ही जीना पड़ेगा। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application


 इसके बाद फ्री जेपी कैंपेन जारी किया गया,  इस कैंपेन का नेतृत्व नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता नोएल बेकर ने किया था। जिसका उद्देश्य जयप्रकाश नारायण को जेल से रिहा करवाना था। इंदिरा गांधी ने लगभग 2 साल बाद 18 जनवरी 1977 को देश से आपातकाल हटाए और चुनाव की घोषणा की, इस चुनाव के समय में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जनता पार्टी का गठन किया गया और चुनाव में जीत भी हासिल की, देश में पहली बार ऐसा हुआ कि केंद्र में एक गैर कांग्रेसी सरकार सत्ता में आई थी। इस सत्ता पर देशभर के युवा राजनीति की ओर बढ़ रहे थे और कई युवाओं ने स्वयं को जयप्रकाश के इस आंदोलन से भी जोड़ा  हुआ था। 

 जयप्रकाश नारायण की मृत्यु 


जयप्रकाश नारायण की मृत्यु  8 अक्टूबर 1979 में उनके जन्मदिन के 3 दिन पहले ही हो गई थी, उनकी मृत्यु का मुख्य कारण डायबिटीज और हार्ट और किडनी संबंधित कारण थे। इस समय उनकी उम्र मात्र 77 साल की थी।

 जयप्रकाश नारायण को मिले हुए अवार्ड और अचीवमेंट 


लोकनायक जयप्रकाश नारायण का व्यक्तित्व किसी तरह के पुरस्कार और सम्मान के लिए मोहताज नहीं था, लेकिन उन्होंने देश की सेवा में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया था। उन्हें विश्व स्तर पर पुरस्कार मिले हैं। आइए जानते हैं इनके अवार्ड और अचीवमेंट के बारे में-

1.साल 1999 में भारत सरकार की ओर से भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
2.इन्हें एफ फाउंडेशन की ओर से भी राष्ट्रभूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
3.इनकी प्रतिभा को भारत  से पहले विदेशियों ने पहचान लिया था, इस कारण से लोक सेवा करने के कारण उन्हें साल 1965 में रोमन मैगसेसे अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।

 देश की सेवा के लिए और भारत की स्वतंत्रता आंदोलन एवं राजनीतिक आंदोलन में जयप्रकाश नारायण ने हमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था और इसके लिए उन्होंने कई यातनाएं भी सहनी पड़ी थी, लेकिन हार नहीं मानी थी आज भी इस राजनेता को लोग आज भी याद करते हैं। भारतीय राजनीति को सदैव ऐसे ही क्रांतिकारी व्यक्तित्व वालों की आवश्यकता रहेगी। देश का युवा वर्ग आज भी इन से प्रेरणा लेकर भारतीय राजनीति में अपनी भूमिका रखता है और ऐसे बनने की कोशिश करता हूं।

  सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन करंट अफेयर को डाउनलोड करें
October Current Affairs E-book  DOWNLOAD NOW
September Month Current affair DOWNLOAD NOW
August  Month Current Affairs 2022 डाउनलोड नाउ
Monthly Current Affairs July 2022 डाउनलोड नाउ

 

Related Article

Nepali Student Suicide Row: Students fear returning to KIIT campus; read details here

Read More

NEET MDS 2025 Registration begins at natboard.edu.in; Apply till March 10, Check the eligibility and steps to apply here

Read More

NEET MDS 2025: नीट एमडीएस के लिए आवेदन शुरू, 10 मार्च से पहले कर लें पंजीकरण; 19 अप्रैल को होगी परीक्षा

Read More

UPSC CSE 2025: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस तारीख तक भर सकेंगे फॉर्म

Read More

UPSC further extends last date to apply for civil services prelims exam till Feb 21; read details here

Read More

Jhakhand: CM launches six portals to modernise state's education system

Read More

PPC 2025: आठवें और अंतिम एपिसोड में शामिल रहें यूपीएससी, सीबीएससी के टॉपर्स, रिवीजन के लिए साझा किए टिप्स

Read More

RRB Ministerial, Isolated Recruitment Application Deadline extended; Apply till 21 February now, Read here

Read More

RRB JE CBT 2 Exam Date: आरआरबी जेई सीबीटी-2 की संभावित परीक्षा तिथियां घोषित, 18799 पदों पर होगी भर्ती

Read More