One Nation One Registration:क्या है एक राष्ट्र एक पंजीकरण योजना

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Fri, 04 Feb 2022 05:55 PM IST

Highlights

यह योजना पूरे देश में एक समान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया लाएगी। पंजीकरण कहाँ किया जा रहा है, चाहे वह भूमि रजिस्ट्रेशन हो या वाहन रजिस्ट्रेशन या कोई अन्य रजिस्ट्रेशन, पूरे देश में एक ही प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन देश में कहीं भी किया जा सकता है।

One Nation One Registration: भारत सरकार ने एक राष्ट्र एक पंजीकरण (One Nation One Registration)योजना की घोषणा की है, इस लेख में जाने इस योजना के संपूर्ण तथ्यों के बारे में जो करंट अफेयर्स के प्रश्नों के लिए महत्वपूर्ण है। बजट प्रस्तुत करने के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  कई सारे योजनाओं का घोषणा किया था जो देश के विकास के लिए बनाए गए हैं, उन सभी घोषणाओं में से एक‘वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन’ (One Nation One Registration) योजना भी है । इससे व्यपारियों के लिए व्यापार करना आसान होगा और  उनके जीवनयापन  करने के तौर तरिके में भी सुधार होगा।

Source: Safalta

एक राष्ट्र एक पंजीकरण योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण फैक्ट

यह योजना पूरे देश में एक समान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया लाएगी। पंजीकरण कहाँ किया जा रहा है, चाहे वह भूमि रजिस्ट्रेशन हो या वाहन रजिस्ट्रेशन या कोई अन्य रजिस्ट्रेशन, पूरे देश में एक ही प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन देश में कहीं भी किया जा सकता है। राज्य की कोई बाधा नहीं होगी।

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 यह 3C फॉर्मूला अपनाएगा -

1. अभिलेखों का केंद्र(Central of Records).
2. रिकॉर्ड की सुविधा (Convenience of Record) 
3.अभिलेखों का संग्रह (Collection of Records) है। 

14-अंकों की विशिष्ट संख्या भूमि को आवंटित (Specific number of points allotted to the land)की जायेगी। इस संख्या को “भूमि की आधार संख्या” कहा जायेगा। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (National Generic Document Registration System) को ‘एक राष्ट्र एक पंजीकरण’ योजना से जोड़ेगी।

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 Digital India Land Record Modernisation Programme

DILRMP डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम । इस कार्यक्रम के तहत, भारत सरकार ने अब तक देश में 90% भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है। जिसे 24 राज्यों में अपनाया किया गया है। इसे 2008 में राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (National Land Records Modernization Programme) के रूप में लॉन्च किया गया था। हाल ही में नरेंद्र मोदी  ने इसका नाम बदलकर DILRMP कर दिया है। राजस्व प्रशासन का Strengthening and Updation of Land Records और भूमि अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण नामक दो योजनाओं को इस योजना में विलय कर दिया गया था। DILRMP में भूमि उपयोग, पार्सल स्वामित्व, स्थान सीमाओं, कराधान, भूमि मूल्य, भार आदि से जुड़ा हुआ है। 


 इस योजना से क्या लाभ होगा

‘वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन सिस्टम’ से अदायगी में देरी कम होगी। साथ ही, यह संपूर्ण पेपरलेस एंड टू एंड ई-बिल सिस्टम को प्राप्त करेगा। इससे जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ी दिक्कतें कम होंगी। यह भूमि का वास्तविक समय स्वामित्व प्रदान करता है। इससे नागरिकों का कीमती समय बचेगा। यह सरकारी अधिकारियों और नागरिकों के बीच इंटरफेस को कम करेगा। इस प्रकार यह प्रणाली लोगों के परेशानी को कम करेगी। इसके जरिए  जमीन जायदाद से जुड़े कार्य के लिए लोगों को अब दस जगह भटकना नहीं पड़ेगा।
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