Polio Outbreak in South Africa: दक्षिण अफ्रीका के देश मलावी ने पोलियो के प्रकोप की घोषणा की

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Sun, 20 Feb 2022 07:25 PM IST

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डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद अफ्रीकी क्षेत्र के पोलियो मुक्त प्रमाण पत्र पर कोई असर नहीं डालेगा

Polio Outbreak in South Africa: दक्षिण अफ्रीका के देश मलावी के राजधानी लिलोंग्वे में एक बच्ची में पोलियो का मामला सामने आया है, यह जानकारी मलावी के  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दिया है। इस मामले के पता चलने के बाद बाद देश में पोलियो का प्रकोप घोषित कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) ने कहा कि अफ्रीका में पांच सालों से अधिक समय में इस साल वाइल्ड पोलियो वायरस का पहला मामला सामने आया है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि लैब रिसर्च से पता चला है कि मलावी में पाया गया पोलियो का यह वेरियंट पाकिस्तान और अफ्गानिस्तान में फैले वेरियंट के जैसे है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पोलियो का यह वायरस अब भी स्थानीय बीमारी के रूप में फैला हुआ है।

Source: social media


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 वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने क्या कहा?

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद अफ्रीकी क्षेत्र के पोलियो मुक्त प्रमाण पत्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा और अफ्रिका का क्षेत्र पोलियो मुक्त बना रहेगा।‘The Global Polio Eradication Initiative ने कहा है कि दक्षिणी अफ़्रीकी देश- मलावी में एक तीन साल की बच्ची में वाइल्ड पोलियो का  पहला मामला पाया गया था। बच्ची को पिछले साल नवंबर माह में लक़वा का दौरा पड़ा था। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वर्तमान में पोलियो का टीकाकरण के अलावा कोई और इलाज नहीं है। इसे केवल टीकाकरण से ही बस रोका जा सकता है।

वाइल्ड पोलियो वायरस के केस और कहां पाया गया है?


दक्षिण अफ्रीका के ‘National Institute for Communicable Diseases (NIFCD)और 'U.S. Center for Disease Control and Prevention(U.S.CFDCP) ने इस वायरस को सुनिश्चित करते हुए फरवरी में इसे TYPE-1 वाइल्ड पोलियो वायरस (डब्ल्यूपीवी1) के रूप में सूची में शामिल किया है। ‘The Global Polio Eradication Initiative ने दुनिया के दो स्थानिक महामारी वाले देश- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा वाइल्ड पोलियो वायरस (डब्ल्यूपीवी1) के केस के सामने आने को गंभीर चिंता का मामला बताया और कहां है कि यहां पोलियो टीकाकरण को प्राथमिकता देने जरूरत है, क्योकि पोलियो का केवल एक ही इलाज है और वो है, टीकाकरण, यहां टीकाकरण को प्राथमिकता नहीं देने से लाखों बच्चों की भविष्य खराब हो रही है ।

अफ्रीका में डब्ल्यूपीवी का आखरी मामला कब सूचीबद्ध किया गया था?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन  ने कहा कि हाई लेवल की पोलियो निगरानी व्यवस्था मौजूद होने के कारण अफ्रीका तेजी से इस मामले में काउंटरमीजर प्रोग्राम शुरू कर सकता है। W.H.O के अफ्रीका क्षेत्रीय ऑफिस में पोलियो कोऑर्डिनेटर मोदजिरोम नदौताबे ने कहा है कि, ‘अफ्रीका में वाइल्ड पोलियो वायरस के अंतिम मामले की पहचान 2016 में उत्तरी नाइजीरिया में की गई थी , जिसके बाद 2021 में विश्व स्तर पर केवल 5 मामले सामने आए थे। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूपीवी1 का कोई भी मामला बहुत खतरनाक है और हम इसके काउंटरमीजर के लिए सभी संसाधन जुटाएंगे।
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