Production Linked Incentive Scheme:उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना क्या है और यह कैसे काम करती है?

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Wed, 09 Feb 2022 06:51 PM IST

Highlights

1. बैटरी बनाने के लिए 18100 करोड रुपये का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दिया जाएगा।
2. इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट के लिए 5000 करोड़ रुपये।
3. स्पेशियल्टी स्टील के लिए 6000 करोड़ रुपये के पीएलआई का प्रावधान किया गया है।

Production Linked Incentive Scheme: पिछले 2 साल से चल रहे इस कोविड-19 महामारी के कारण भारत समेत विश्व में अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका लगा है और इसने बेरोज़गारी दर में में भारी इज़ाफ़ा किया है। संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों  को अपने नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  अपने बजट भाषण में देश में रोज़गार बढ़ाने के लिए नई योजना की बात रखी है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से चल रही पीएलआई स्कीम (Production Linked Incentive Scheme) अगले 5 साल में लोगों के लिए 60 लाख नए रोज़गार पैदा कर सकती है।

Source: social media



उन्होंने कहा, "आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पाने के लिए शुरू की गई पीएलआई स्कीम को काफी अच्छा समर्थन मिला है इससे अगले पांच साल में 60 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और 30 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त उत्पादन होगा."

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क्या है पीएलआई (Production Linked Incentive Scheme)योजना?

पीएलआई यानी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

फिलहाल यह स्कीम 13 उद्योगों के लिए चल रही है। शुरुआत में 5 साल के लिए लाई गई इस योजना के तहत सरकार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कैश इन्सेंटिव देगी ताकि वे उत्पादन बढ़ाएं और भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने में देश की सहायता करें। इस योजना के जरिये देश में बड़े पैमाने पर युवाओं औक जिन्होंने महामारी के दौरान अपनी नौकरी गवांई है उनके लिए रोज़गार पैदा करने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल समेत 13 उद्योग यह सभी आते हैं । 
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सीएमआईई क्या है


सीएमआईई (CMIE- Centre for Monitoring Indian Economy) भारतीय अर्थव्यवस्था की निगरानी के लिए केंद्र  के आंकड़ों के अनुसार भारत में हाल के दिनों में कृषि के क्षेत्र में रोज़गार  दर बढ़ा है। साथ ही दिहाड़ी मजदूरों को भी तेज़ी से काम मिल रहा है। इन सबके साथ ही दिसंबर 2021 तक नौकरी गवां चुके वेतनभोगी लोगों की तादाद बढ़ कर 95 लाख तक पहुंच गई है।

सीएमआईई के रिपोर्ट के अनुसार इस साल अकेले जनवरी में अपना रोज़गार करने वाले यानी सेल्फ बिजनसमेन भी लगभग दस लाख लोगों का कारोबार ढप हो गया। 
 

इस योजना से किसे लाभ होगा


भारत में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना के तहत
1. बैटरी बनाने के लिए 18100 करोड रुपये का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दिया जाएगा।
2. इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट के लिए 5000 करोड़ रुपये।
3. स्पेशियल्टी स्टील के लिए 6000 करोड़ रुपये के पीएलआई का प्रावधान किया गया है।
4. स्कीम के तहत ऑटोमोबाइल एवं ऑटो कंपोनेंट को 57,000 करोड़ रुपये।
5. फार्मा एंड ड्रग सेक्टर के लिए 15 हजार करोड़ रुपये।
6. टेलीकॉम नेटवर्क एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 12,000 करोड रुपये।
7. टेक्सटाइल एवं फूड प्रोडक्ट्स सेक्टर के लिए 10,000करोड़ रुपये।
8. सोलर फोटोवॉल्टिक सेक्टर के लिए 4500 करोड़ रुपये।
9.टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 6300 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।

इसके साथ ही उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ रेफ्रजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पाद, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी बनने वाले जैसे उद्योगों में निवेशकों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
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