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क्यों मनाते हैं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस?
आपको बतां दे कि साल 1950 में देश में भारत का संविधान (Indian constitution) लागू किया गया था। 26 नवंबर 1950 को देश में कानून राज स्थापित करने के लिए भारत ने संविधान सभा में भारतीय संविधान को अपनाया था। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था, भारत के स्वतंत्र होने के ठीक 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद देश में संविधान लागू हुआ था। जिसके बाद इस दिन यानी 26 जनवरी को भारत को पूर्ण गणतंत्र देश घोषित किया गया था। जिसके बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है।Read more Daily Current Affairs- Click Here
देश में पहली बार गणतंत्र दिवस गब मनाया गया था?
भारत ने पहली बार 26 जनवरी 1950 को अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था। इस दिन देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजा रोहण करते हुए भारत को पूर्ण रूप से गंणतंत्र घोषित किया था। तब से लेकर आज तक देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।2023 में कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा?
इस साल 2023 में भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है।गणतंत्र दिवस से जुड़ी रोचक तथ्य
- 26 जनवरी 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारतीय स्वराज की घोषणा की गई थी। इसलिए भारत के संविधान लागू करने के लिए भी 26 जनवरी की तारीख को चुना गया था।
- जनवरी 1948 में भारत के संविधान का पहला प्रारूप चर्चा के लिए प्रस्तुत किया गया था। 4 नवंबर 1948 को संविधान को लेकर चर्चा शुरू हुई और 32 दिनों तक यह चर्चा चली थी। इस दौरान 7635 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें से 2473 पर विस्तार से चर्चा की गई थी। संविधान को अंतिम रूप देने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
- संविधान को बनाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति का गठन किया गया था, मसौदा समिति का अंतिम सत्र 26 नवंबर 1949 को समाप्त हुआ था और सभी के सहमति के साथ संविधान को अपनाया गया था। 26 जनवरी 1950 को संविधान देश में लागू किया गया था।
- 26 जनवरी को परेड के दौरान राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देने की प्रथा है। 21 तोपों की सलामी भारतीय सेना की 7 तोपों से दी जाती है, जिन्हें 25 पाउंडर्स कहा जाता है। पहली सलामी राष्ट्रगान से शुरू होने के साथ दी जाती है और आखरी सलामी राष्ट्रगान के समाप्त होने के ठीक 52 सेकंड के बाद दी जाती है।
- संविधान की मूल प्रति को हिंदी और इंग्लिश में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखा गया था, जिसे लिखने में उन्हें पूरे 6 महीने का समय लगा था। संविधान लिखने के कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा कंस्टीटूशन हाउस में उनको एक कमरा दिया गया था।
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान लिखने के लिए सरकार से कोई भी मेहनताना नहीं लिया था। उन्होंने मेहनताना के तौर पर बस एक मांग की थी कि वे संविधान के हर पन्ने पर अपना नाम लिखेंगे और आखिरी पन्ने पर अपने साथ अपने दादाजी का नाम भी लिखेंगे।
- भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा और विस्तृत संविधान है। संविधान के हर पन्ने पर संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने खूबसूरत लिखावट के साथ लिखा है। जब संविधान लागू हुआ था तब उसमें 395 लेख, 8 अनुसूचियां थी और यह संविधान 22 भाग में बांटा था।
- 26 जनवरी की परेड के दौरान हर साल किसी न किसी देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राष्ट्राध्यक्ष को अतिथि के रुप में आमंत्रित किया जाता है। 26 जनवरी 1950 को आयोजित पहली परेड में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो को आमंत्रित किया गया था।
- साल 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन इरविन स्टेडियम (अभी का नेशनल स्टेडियम), लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित किया गया था।
- 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह स्थाई रूप से कर्तव्यपथ पर आयोजित किया जा रहा है। 1955 में कर्तव्यपथ पर आयोजित परेड में अतिथि के रूप में पाकिस्तान के गवर्नर जन. गुलाम मोहम्मद को आमंत्रित किया गया था।
- गणतंत्र दिवस 3 दिवसीय राष्ट्रीय त्योहार है जो कि 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ संपन्न होता है।