Single Use Plastic Buy Back Scheme : क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक बाय बैक योजना और इसे क्यों लागु किया जा रहा है

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Tue, 28 Jun 2022 12:43 AM IST

Highlights

भारत में हर साल 9.46 मिल्टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है जिसमें 43 फ़ीसदी सिंगल यूज प्लास्टिक है।

Single Use Plastic Buy Back Scheme : केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जिसके बाद केंद्र के फैसले को मानते हुए धीरे-धीरे सभी राज्य अपने-अपने राज्यों में प्लास्टिक के यूज़ को बैन करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक बाय बैक योजना शुरू किया है।  अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

Source: Safalta


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 सिंगल यूज प्लास्टिक बाय बैक योजना क्या है


 इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश सरकार स्कूलों और कॉलेज के छात्रों  से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट खरीदेगी। इस योजना के मदद से सरकार युवाओं और बच्चों के मदद से पर्यावरण को संरक्षित करने की भावना पैदा करेगी और उनके मदद से पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करेगी। इस योजना के तहत छात्रों को घरों से सिंगल यूज प्लास्टिक का सामान इकट्ठा करके अपने अपने स्कूल में जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिसके बाद सरकार छात्रों को प्रति किलो प्लास्टिक के पीछे ₹75 का भुगतान करेगी। इस योजना के मदद से सरकार युवाओं में पर्यावरण संरक्षण की आदत डालेगी और पर्यावरण को साफ करने में एक कदम बढ़ाएगी।

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नियम के प्रावधान क्या है 

1 जुलाई 2022 को चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रोडक्शन, इंपोर्ट, स्टॉकिंग, डिस्ट्रीब्यूशन, सेल और यूज़ पर नियम के अनुसार रहेगा। यह बैन कंपोस्टेबल प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुओं पर नहीं होगा। भविष्य में लिस्ट किए गए एक के अलावा अन्य प्लास्टिक वस्तुओं पर बैन लगाने के लिए सरकार ने इंडस्ट्रीज को अनुपालन के लिए अधिसूचना की तारीख से 10 साल का समय दिया है। प्लास्टिक की पन्नीओं की अनुमति 30 सितंबर 2021 से 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन और 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोंस कर दी गई है।

 इस योजना के  निगरानी प्राधिकरण कौन है


 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण निकाय निगरानी प्राधिकरण है और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत लोगों को दंडित करेंगे

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है


 सिंगल यूज प्लास्टिक को डिस्पोजेबल प्लास्टिक के रूप में भी जाना जाता है इनका यूज़ केवल एक बार ही किया जाता है। जिसके बाद उन्हें फेंक दिया जाता है। प्लास्टिक की पैकेजिंग इतना सस्ता और सुविधाजनक है कि इसने सभी उद्योगों की पैकेजिंग के लिए जगह ले ली है। जिसके बाद लोग इसका उपयोग करके फेंक देते हैं और इसे गलने में सैकड़ों साल लगते हैं। भारत में हर साल 9.46 मिल्टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है जिसमें 4 3 फ़ीसदी सिंगल यूज प्लास्टिक है।

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