Weekly Current Affair : 05 से 11 December तक के करंट अफेयर यहां पढ़े।

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Sun, 11 Dec 2022 10:47 PM IST

Weekly current affair : अगर आप भी किसी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इसमें हम आज आपके लिए लाए हैं राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के करंट अफेयर। जो कि आपके प्रतियोगी परीक्षा के लिए लाभदायक हो सकता है। इस लेख का एक मात्र उद्देश्य यह है कि इस लेख से ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे छात्रों की सहायता करना है। वीकली करंट अफेयर के विषय में पढ़ने के लिए नीचे स्क्रोल कीजिए।

Source: safalta


 

05-12-2022

World Meteorological Organization Report, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जारी किया रिपोर्ट, जानें इसके बारे में विस्तार से


World Meteorological Organization Report :  डब्ल्यूएमओ विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अपनी पहली वार्षिक वैश्विक जल संसाधन रिपोर्ट साल 2021 की जारी कर दी है। इस वार्षिक रिपोर्ट का उद्देश्य बढ़ती मांग एवं सीमित आपूर्ति के युग में वैश्विक मीठे पानी के रिसोर्सेज के निगरानी एवं मैनेजमेंट का समर्थन करना है। रिपोर्ट नदी के प्रवाह के साथ-साथ प्रमुख बाढ़ और सूखे का एक सिंहावलोकन देती है। यह मीठे पानी के भंडारण में बदलाव के लिए हॉटस्पॉट में अंतर्दृष्टि प्रवाहित करती है और क्रायोस्फीयर की महत्वपूर्ण भूमिका एवं भेद्यता पर हाईलाइट करता है। इस रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2021 में विश्व के बड़े क्षेत्र में सामान्य परिस्थितियों की तुलना में कितना सूखा रिपोर्ट किया गया है। एक ऐसा वर्षा जिसमें जलवायु परिवर्तन एवं एक ला नीना घटना से वर्षा के पैटर्न में प्रभावित हुए थे। 30 साल के हाइड्रोलॉजिकल एवरेज की तुलना में एवरेज से कम कम प्रवाह वाले क्षेत्र की तुलना में लगभग दो गुना थी।

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रिपोर्ट के फोकस क्षेत्र कौन-कौन से थे 


रिपोर्ट का फेकस 3 प्रमुक क्षेत्र हैं

1.स्ट्रीमफ्लो, किसी भी समय एक नदी चैनल के माध्यम से बहने वाले पानी की मात्रा
2.स्थलीय जल भंडारण - भूमि की सतह पर और उप-सतह में सभी पानी 
3.क्रायोस्फीयर (जमे हुए पानी)  

 WMO रिपोर्ट में क्या कहा गया है:


 WMO के महासचिव प्रो. पेटेरी तालस ने कहा है कि, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के माध्यम से महसूस किए जाते हैं, अधिक तीव्र एवं लगातार सूखा,  अधिक चरम बाढ़, अधिक अनियमित मौसमी वर्षा और ग्लेशियर के त्वरित पिघलने, अर्थव्यवस्थाओं, इको सिस्टम और हमारे दैनिक जीवन के सभी पहलुओं पर व्यापक प्रभाव के साथ और फिर भी ताजे पानी के रिसोर्सेज के वितरण मात्रा एवं गुणवत्ता में बदलाव की अपर्याप्त समझ है।


 वैश्विक जल संसाधन रिपोर्ट की स्थिति का उद्देश्य उस ज्ञान अंतर को भरना है और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की उपलब्धता का संक्षिप्त अवलोकन  प्रदान करना है। यह जलवायु अनुकूलन औरशमन इनवेस्टमेंट के साथ - साथ बाढ़ और सूखे जैसे खतरों के की प्रारंभिक चेतावनी के लिए अगले 5 सालों में सार्वभौमिक पहुंचने के लिए संयुक्त राष्ट्र अभियान को सूचित करेगा।

 इस रिपोर्ट में चिंताजनक स्थिति क्या है 


वर्तमान में 3.6 बिलियन लोगों को हर साल कम से कम 1 महीने पानी की अपर्याप्त पहुंच का सामना करना पड़ सकता है और 2050 तक यह बढ़कर 5 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद जताई गई है। 2001 और 2018 के बीच, UN-Water ने बताया है कि सभी प्राकृतिक आपदाओं में से 74 परसेंट से संबंधित थे, हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP27, ने सरकारों से अनुकूलन प्रयासों में पानी को और एकीकृत करने का आग्रह किया है। पहली बार पानी को इसके महत्वपूर्ण महत्व की मान्यता में एक सीओपी परिणाम दस्तावेज में संदर्भित किया गया है।


निम्न ऐवरेज प्रवाह वाले क्षेत्र


दक्षिण अमेरिका का रियो डी ला प्लाटा क्षेत्र जहां 2019 से लगातार सूखा पड़ रहा है। दक्षिण और दक्षिण - पूर्व अमेज़न उत्तरी अमेरिका में कोलोकाडो, मिसौरी और मिसिसिपी जैसी नदियां घाटियाँ, और सामान्य से कम हुआ है। पश्चिम और मध्य एशिया के कई हिस्सों में नदियों में सामान्य से कम बहाव का अनुभव होता है, वे हैं कई उत्तरी अमेरिकी बेसिन, उत्तरी अमेजॉन और दक्षिण अफ्रीका, उत्तरी भारत और चीन, जिन क्षेत्रों का विश्लेषण किया गया उनमें से लगभग एक तिहाई क्षेत्र 30 साल के एवरेज के अनुरूप थे। प्रमुख बार घटनाएं चीन, उत्तर भारत, पश्चिमी यूरोप और मोजांबिक, फिलिपींस और इंडोनेशिया जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात से प्रभावित देशों में हुई थी। इथोपिया केन्या और सोमालिया जैसे देश में लगातार कई सालों तक एवरेज से कम सालों का अनुभव किया है। जिससे इन स्थानों में क्षेत्रीय सुखों की घटना हुई है।

 सतही जल की स्थिति क्या है


साल 2021 में अमेरिका के पश्चिम तट, दक्षिण अमेरिका के मध्य भाग और पेटागोनिया, उत्तरी अफ्रीका और मेडागास्कर, मध्य एशिया और मध्य पूर्व, पाकिस्तान और उत्तर भारत जैसी जगहों पर स्थलीय भंडारण सामान्य से कम था, यह मध्य अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग और चीन के उत्तरी भाग में सामान्य से ऊपर था लंबी अवधि में कई स्थानों पर जल भंडारण में नकारात्मक प्रवृत्ति का अनुभव होने की उम्मीद है। इनमें ब्राजील में रिओ साओ फ्रेंसिस्को को बेसिन पेंटागोनिया, गंगा और सिंधू नदी के मुहाने और दक्षिण - पश्चिमी अमेरिका जैसे क्षेत्र शामिल है।  ग्रेट लेक्स क्षेत्र नाइजर बेसिन पूर्वी अफ्रीका दरार और उत्तरी अमेज़न बेसिन जैसी जगहों से स्थानीय जल भंडारण में पॉजिटिव रुझान रिपोर्ट की उम्मीद की गई है।  सकारात्मक लोगों की तुलना में नकारात्मक रुझान अधिक मजबूत है। ग्रो का अत्यधिक शोषण सिंचाई उद्देश्यों के लिए पानी के नीचे के संसाधनों से नकारात्मक प्रवृत्ति के बिगड़ने की आशंका है।

 क्रायोस्फीयर क्या है


  क्रायोस्फीयर (ऐसे स्थान जहां ग्लेशियर स्नो कवर आईसकैप और पर्माफ्रॉस्ट मौजूद है) दुनिया में मीठे पानी का सबसे बड़ा प्राकृतिक जलाशय हैं। वाटर रिसोर्सेज में परिवर्तन खाद्य सुरक्षा मानव स्वास्थ्य और इको सिस्टम को प्रभावित करते हैं जिससे आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर बहुत महत्वपूर्ण प्रधान इफेक्ट पड़ता है। ये परिवर्तन ग्लेशियर झील के फटने के कारण बनते हैं। बढ़ते वायु मंडल तापमान के कारण, वार्षिक ग्लेशियर रन ऑफ पीक वॉटर कहे जाने वाले बिंदु तक पहुंच जाएगा, जिसके बाद में रन ऑफ में गिरावट आएगी।


IIFL Mutual Fund, IIFL म्यूचुअल फंड का पहला टैक्स सेवर इंडेक्स फंड क्या है, जानें विस्तार से


IIFL Mutual Fund : आईआईएफएल म्यूच्यूअल फंड ने भारत का पहला टैक्स सेवर इंडेक्स फंड लॉन्च किया है, जिसका नाम आईआईएफएलईएलएसएस  nifty50 टैक्स सेवर फंड है। यह न्यू फंड ऑफर एक ओपन एंडेड पैसिव इक्विटी सेविंग स्कीम है। जिसमें 3 साल की लॉक इन पीरियड है, इन्वेस्टर्स के पास इसमें टैक्स बेनिफिट के साथ बड़ा फंड जनरेट करने का अवसर मिलेगा। यह एनएसओ 1 दिसंबर से खुलेगा जो कि 21 दिसंबर को बंद हो जाएगा। एक्टिव फंड्स की तुलना में इसका एक्सपेंस रेश्यो भी कम है। यह स्कीम 2 जनवरी साल 2023 से सब्सक्रिप्शन और रिडेंप्शन के लिए फिर से खुलेगी परिजात गर्ग आईआईएफएलईएलएसएस निफ़्टी 50  टैक्स  सेवर इंडेक्स फंड के लिए डेडीकेटेड फंड मैनेजर हैं।


 धारा 80 सी के तहत कर सकेंगे टैक्स बचत 


इस योजना में धारा 80 सी के अंतर्गत का दोहरा लाभ प्रोवाइड करेगी और इक्विटी बाजारों में विविध जोखिम से लाभ की संभावना होने के नाते इसका मकसद एक ऐसा पोर्टफोलियो तैयार करना है। जिसमें लार्ज कैप भारतीय कंपनियां शामिल है। यह एक पैसिव फंड है जो एक्टिव तरीके से प्रबंधित योजनाओं की तुलना में कम लागत में खर्चा होता है।
 

एनएफओ के बारे में विस्तार से  


एनएफओ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए IIFL AMC के फंड मैनेजर पारिजात गर्ग ने कहा है कि निफ्टी 50 भारत के मार्केट कैप का लागत 50 प्रतिशत।  पेसिव फंड के माध्यम से निफ्टी कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करना इन्वेस्टर्स के लिए इक्विटी की विकास क्षमता को का दोहन करने, टैक्स व्यय को काम करने, इन्वेस्टमेंट की लागत को कम करने और डायवर्सिफिकेशन पाने का एक अवसर है।
 

 इन्वेस्टमेंट का मकसद क्या है 


यह फंड उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो long-term में बड़ा फंड जनरेट करना चाहते हैं, इन्वेस्टमेंट का उद्देश्य योजना का इन्वेस्टमेंट उद्देश्य nifty50 इंडेक्स के कुल रिटर्न इंडेक्स के बराबर रिटर्न पाने के लिए इंडेक्स में है। योजना में किया गया ऐसा निवेश आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट प्रदान करता है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि योजना का इन्वेस्ट उद्देश्य प्राप्त हो जाएगा। इस योजना में इन्वेस्ट धारा 80 सी के लाभ प्राप्त करने के लिए आवंटन की तारीख से 3 साल के वैधानिक लॉक-इन के अधीन होगा। पारिजात गर्ग ने यह कहा है कि इस तरह के ऑफर का बाजार में लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। समय-समय पर भारतीय घरेलू और साथ ही वैश्विक परिस्थितियों के खिलाफ बेहतरीन फ्लैक्सिबिलिटी का प्रदर्शन किया है, इन्वेस्टर के लिए भारत के डेवलपमेंट के अवसर का लाभ उठाने का एक तरीका टैक्स - सेविंग बेनिफिट के साथ ही पेसिव इन्वेस्टमेंट होगा। 


Dr. B.R Ambedkar Biography, भीमराव अंबेडकर के जीवन परिचय के बारे में जानें विस्तार से

 

Dr. B.R Ambedkar Biography : डॉ भीमराव अंबेडकर जिन्हें लोग बाबासाहेब के नाम से जानते हैं भीमराव अंबेडकर उनमें से एक हैं, जिन्होंने भारत के संविधान को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान एवं भूमिका निभाई है। अंबेडकर जी इतिहास में जाने-माने राजनेता एवं प्रख्यात विधिवेत्ता थे इन्होंने देश में छुआछूत जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आंदोलन चलाए, उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों के ऊपर समर्पित कर दिया। दलित व पिछड़ी जाति के हक के लिए इन्होंने बहुत मेहनत की इनके ही चलते आरक्षण आया, जैसे पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे आने का अवसर मिला। आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के कैबिनेट में पहली बार अंबेडकर जी को लॉ मिनिस्टर बनाया गया था। अपने अच्छे कार्य एवं देश के विकास के लिए बहुत कुछ करने के लिए अंबेडकर जी को साल 1990 में देश के सबसे बड़े सम्मान यानी भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। आइए जानते हैं भीमराव अंबेडकर के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्म परिवार एवं विवाह के बारे में 


भीमराव अंबेडकर अपने माता पिता के 14वीं संतान थे इनके पिता इंडियन आर्मी में सूबेदार थे, उनकी पोस्टिंग इंदौर के महू में हुई थी और अंबेडकर जी का जन्म भी यहीं हुआ था। 1894 में रिटायरमेंट के बाद अंबेडकर जी का पूरा परिवार महाराष्ट्र के सतारा में शिफ्ट हुआ, कुछ दिनों बाद इनकी मां की मृत्यु हो गई। जिसके बाद इनके पिता ने दूसरी विवाह की और मुंबई शिफ्ट हो गए 15 साल की उम्र में अंबेडकर का विवाह 9 साल की रमा बाई से हुआ।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जाति भेद एवं आरंभिक जीवन के बारे में


 बचपन से भीमराव अंबेडकर ने छुआछूत देखा था वह हिंदू मेहर कास्ट के थे, जिन्हें नीची जाति का समझा जाता था वह ऊंची कास्ट के लोग उन्हें आपने से नीची जाती का समझते थे, यही कारण था कि अंबेडकर जी को समाज में कई जगह भेदभाव का शिकार होना पड़ा, इन्हें भेदभाव के चलते अपने जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। आर्मी स्कूल जहां यह पढ़ा करते थे वहां भी इन्हें छुआछूत के भेदभाव से गुजरना पड़ा, उनकी कक्षा के बच्चे उन्हें उनके जाति के चलते अंदर बैठने नहीं दिया करते थे, शिक्षक भी उनके ऊपर ध्यान नहीं दिया करते थे, उन्हें पानी को छूने की भी इजाजत नहीं थी,  स्कूल के चपरासी उन्हें ऊपर से पानी डालकर देते थे, जिस दिन नहीं आते थे उन्हें उस दिन पानी तक नहीं मिलता था।


 भीमराव अंबेडकर के शिक्षा के बारे में 


भीमराव अंबेडकर का परिवार मुंबई शिफ्ट हुआ तब भीमराव अंबेडकर की शादी 15 साल की उम्र में हुई थी, जिसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की, स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद अंबेडकर जी आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज जाने का अवसर मिला पढ़ाई में बहुत अच्छे एवं तेज बुद्धि के थे यह अपने सभी एग्जाम अच्छे अंक से पास करते थे इसलिए इन्हें बरोदा के गायकवाड के राजा सहयाजी से ₹25 की स्कॉलरशिप हर महीने मिलती थी। इन्होंने राजनीति विज्ञान एवं अर्थशास्त्र में 1912 में ग्रेजुएशन पूरा किया इन्होंने अपने स्कॉलरशिप के पैसे आगे की पढ़ाई में लगाने के बारे में सोची, जिसके बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गए।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के करियर के बारे में


 अमेरिका से पढ़ाई करके लौटने के बाद बरोदा के राजा ने उन्हें अपने यहां राज्यमंत्री में अपने राज्य में रक्षा मंत्री बना दिया लेकिन छुआछूत के चलते इतने बड़े पद में होने के बावजूद भी उन्हें निरादर का सामना करना पड़ता था। मुंबई गवर्नर की सहायता से वह मुंबई के सिंड्रोम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में राजनीति अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने, इसके बाद अंबेडकर ने आगे की पढ़ाई करने के बाद बारे में विचार किया जिसके बाद वे एक बार फिर से भारत से बाहर इंग्लैंड गए इसके बाद उन्होंने अपने खर्चों का भार खुद उठा लिया, यहां लंदन यूनिवर्सिटी ने उन्हें डीएससी के अवार्ड से सम्मानित किया। अंबेडकर जी कुछ समय जर्मनी के बोन यूनिवर्सिटी में भी समय गुजारा यहां उन्होंने इकोनॉमिक्स में अधिक अध्ययन करने का अवसर मिला। 8 जून 1927 को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के दलित आंदोलन के बारे में 


भारत लौटने के बाद अंबेडकर जी ने छुआछूत एवं जातिवाद के खिलाफ मोर्चा शुरू किया, अंबेडकर जी ने कहा कि नीची जाति एवं जनजाति और दलित के लिए देश में अलग से एक चुनाव प्रणाली होनी चाहिए, इनका मनना था कि उन्हें भी सामान्य लोगों की तरह पूरा हक मिलना चाहिए,  विदेश के चुनाव में अंबेडकर जी ने इनके रिजर्वेशन की बात रखी अंबेडकर जी देश के कई हिस्सों में गए जहां वे लोगों को समझाया कि अपनी पुरानी प्रचलित प्रथा है वह सामाजिक बुराई है उसे जड़ से उखाड़ कर फेंकना चाहिए। भीमराव अंबेडकर ने एक न्यूज़पेपर मूक्नायका (लीडर ऑफ साइलेंट) शुरू किया। एक बार उनकी रैली में उनके भाषण को सुनने के बाद कोल्हापुर के शासक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद पूरे देश में हल्ला हो गया था जिसके बाद देश की राजनीति में एक नई मोड़।


 भीमराव अंबेडकर के राजनैतिक सफर के बारे में 


डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने स्वतंत्रता  मजदूर पार्टी का गठन किया, विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 15 सीट से जीत मिली अंबेडकर जी अपनी इस पार्टी को ऑल इंडिया शेड्यूल कास्ट पार्टी में बदल दिया। पार्टी के साथ विधान संविधान सभा के चुनाव में खड़े हुए लेकिन चुनीव में इस पार्टी का बहुत ही खराब प्रदर्शन दिया था, जिससे सब लोग उन्हें हरिजन बोला करते थे लेकिन अंबेडकर जी को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने उस बात का विरोध किया, उनका कहना था कि अछूत लोग भी  समाज के एक हिस्सा हैं बाकी लोगों की तरह सामान्य इंसान है। अंबेडकर जी के रक्षा सलाहकार कमेटी में रखा गया व वाइसराय एग्जीक्यूटिव काउंसिल में उन्हें लेबर का मंत्री बनाया गया। वे आजाद भारत के पहले दलित होने के बावजूद भी उन्हें मंत्री बनने का अवसर मिला जो कि एक बहुत बड़ी उपाधि थी।

 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा संविधान का गठन 


भीमराव अंबेडकर को संविधान कमेटी का चेयरमैन बनाया गया उनके एवं प्रख्यात विधिवेत्ता भी कहा जाता है। अंबेडकर जी ने देश के विभिन्न जातियों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए एक पुलिया का काम किया था, वह सब के समान अधिकार की बात पर जोर दिए। अंबेडकर के मुताबिक देश के अलग-अलग जाति एक दूसरे से लड़ाई खत्म नहीं करेंगे तो कभी भी देश एकजुट होकर सामने नहीं आएगा।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का बौद्ध धर्म में रूपांतर करना


 साल 1950 में अंबेडकर जी ने एक सम्मेलन को अटेंड करने के लिए श्री लंका गए, वहां जाकर उनका जीवन बदला वे बौध धर्म से अत्यधिक प्रभावित हुए और उन्होंने फिर अपना धर्म रूपांतरण किया,  धर्म रूपांतरण करने के बाद उन्होंने बौध धर्म के बारे में  किताब लिखी वह अपने आप को इस धर्म में बदल लिया, अपने भाषण में अंबेडकर जी ने हिंदू रीति रिवाज व जाति विभाजन की घोर निंदा की। 1955 में उन्हें भारतीय बौद्ध महासभा का गठन किया, उनकी बुक द बुद्धा व उनका धर्म का विभाजन उनके मरणोपरांत हुआ था।

 14 अक्टूबर 1956 को अंबेडकर जी एक आम सभा का आयोजन किया, जहां उन्होंने अपने 5 लाख सपोर्टर का बौद्ध धर्म में परिवर्तन  करवाया था। अंबेडकर जी काठमांडू में आयोजित चौथी वर्ल्ड बुद्धिस्ट कॉन्फ्रेंस को अटेंड करने गए 2 दिसंबर 1956 में उन्होंने अपनी पुस्तक द बुद्धा और कार्ल मार्क्स का हस्तलिपिक पूरा किया।


 भीमराव अंबेडकर की मृत्यु के बारे में 


अंबेडकर जी अपनी सेहत से बहुत परेशान थे उन्हें शुगर, आंखों में धुंधलापन एवं और अन्य कई तरह की बीमारियां होने लगी थी। 6 दिसंबर 1956 को अपने दिल्ली के घर में अंतिम सांस ली। उन्होंने बैद्ध धर्म को अपनाया था इसलिए उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के रीति रिवाज के मुताबिक हुआ था।


  भीमराव अंबेडकर को दिए गए सम्मान एवं पुरस्कार 

  • बाबासाहेब आंबेडकर को उनके महान कार्य के चलते कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है आइए जानते हैं इनके बारे में- 
  • भीमराव अंबेडकर जी की स्मारक दिल्ली स्थित उनके घर 26 अलीपुर रोड में स्थापित की गई है।
  •  अंबेडकर जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है।
  •  1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
  •  सार्वजनिक स्थानों का नाम उनके सम्मान में उनके नाम पर रखा गया है जैसे हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में डॉक्टर अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, बी. आर. अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर। 
  • डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर में है जो कि पहले सोनेगांव हवाई अड्डा के नाम से जाना जाता था। अंबेडकर का एक बड़ा अधिकारिक चित्र भारतीय संसद भवन में प्रदर्शित किया गया है।


15 facts About Dr. Bhimrao Ambedkar , डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से जुड़े अनसुने 15 फैक्ट


15 facts About Dr. Bhimrao Ambedkar : डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के नजदीक स्थित मुह में हुआ था। जिसका नाम आज बदलकर भीमराव अंबेडकर के सम्मान में डॉक्टर अंबेडकर नगर रख दिया गया है। भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर दलित जाति से थे, जिसके चलते जन्म से ही उन्होंने छुआछूत का सामना किया है। नीची जाति के चलते उन्होंने अपने जीवन में बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए भी संघर्षों का सामना करते हुए भी बाबासाहेब अपने जीवन में अपने लक्ष्य के लिए आगे बढ़ते रहे, नीची जाति के होने के चलते इन्हें लोगों से सामाजिक बहिष्कार, अपमान, भेद भाव का सामना करना पड़ा, ऐसे में आइए जानते हैं कि इतने संघर्ष के बावजूद भी भीमराव अंबेडकर को आज के समय में महान क्यों माना जाता है और आइए जानते हैं इनके कार्यों के बारे में -


  भीमराव अंबेडकर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य


1. भीमराव अंबेडकर ने अपने माता पिता के 14 वीं एवं आखिरी संतान थे। भीमराव अंबेडकर के पूर्वज काफी समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में कार्यरत थे, इनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सुबेदार थे।

2. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का मूल नाम अंबावाडेकर था इनके एक शिक्षक महादेव अंबेडकर जो इन्हें बहुत मानते थे उन्होंने इनका स्कूल रिकॉर्ड में नाम बदलकर अंबावेडकर से अंबेडकर कर दिया था।

3. भीमराव अंबेडकर मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में 2 साल तक प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत थे।

4. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान की धारा 370 जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देता है उसके खिलाफ थे, अंबेडकर नहीं चाहते थे कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया जाए।

5. भीमराव अंबेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री लेने वाले पहले भारतीय व्यक्ति थे।

6. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सालों तक डायबिटीज से पूरी तरह से ग्रसित थे।

7. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक ऐसे एकमात्र ऐसे भारतीय हैं जिनकी पोट्रेट लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।

8.डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ही भारतीय झंडा में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय जाता है।

9. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर लेबर  मेंमबर ऑफ द वायसरॉय एक्जीक्यूटीव काउंसील के सदस्य थे इनके ही चलते फैक्ट्रियों में कम से कम 12 से 14 घंटे काम करने का नियम बदलकर 8 घंटे रखा गया था।

10. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर महिला श्रमिकों के लिए सहायक मेटरनिटी बेनिफिट फॉर वुमन लेबर वेलफेयर फंड, वुमन एंड चाइल्ड लेबर प्रोटेक्शन एक्ट जैसे कानून बनाए थे।

11. इकोनामिक नोबेल प्राइज जीत चुके अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को अर्थशास्त्र  में अपना पिता मानते थे।

12. बेहतर विकास के लिए 50 के दशक में ही भीमराव अंबेडकर ने मध्यप्रदेश और बिहार के विभाजन का प्रस्ताव रखा था। पर साल 2000 में जाकर यह विभाजन हुआ, जिसके बाद छत्तीसगढ़ और झारखंड का भी गठन हुआ।

13. भीमराव अंबेडकर को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था कहा जाता है कि उनकी पर्सनल लाइब्रेरी दुनिया की सबसे बड़ी व्यक्तिगत लाइब्रेरी थी जिसमें 50,000 से अधिक किताबें थीं। 

14.डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की दो शादियां हुई थीं, पहली 9 वर्षीय बालिका रमाबाई के साथ हुई थी तब बाबासाहेब की उम्र मात्र 15 साल थी। दूसरी रमाबाई की मृत्यु के बाद हेल्थ इसूज के बाद 57 साल की उम्र में शारदा कबीर से हुई थी।  

15. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संविधान सभा के अध्यक्ष एवं आजद भारत के कानून मंत्री थे।
 


06-12-2022


Mahaparinirvan Day 2022, महापरिनिर्वाण दिवस क्या है और यह क्यों मनाया जाता है
 

Mahaparinirvan Day 2022 : हर साल 6 दिसंबर को डॉक्टर भीमराव रामजी अंबेडकर जिन्हें लोग डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से जानते हैं और जिन्हें भारतीय संविधान के जनक कहा जाता है, इनके पुण्यतिथि के अवसर पर हर साल महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है। बाबासाहेब आंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। इस दिन को मनाने का पीछे का कारण भीमराव अंबेडकर को सम्मानित एवं श्रद्धांजलि देना है। ऐसे में आइए जानते हैं कि महापरिनिर्वाण दिवस क्या है और इसे बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर क्यों मनाया जाता है और इसे मनाने का क्या महत्व है।

 महापरिनिर्वाण क्या है 


परिनिर्वाण का अर्थ है मृत्यु पश्चात निर्वाण अर्थात मौत के बाद निर्वाण। परीनिर्वाण बौद्ध धर्म के कई प्रमुख सिद्धांत एवं लक्ष्य में से एक है जोकि बाबासाहेब अंबेडकर ने धर्म हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म में धर्मांतरण कर लिया था इस कारण उनका अंतिम संस्कार भी बौद्ध धर्म तरीके से हुआ था। बौद्ध धर्म के कई सिद्धांतों एवं लक्ष्य में से एक परिनिर्वाण है और इसके मुताबिक जो व्यक्ति निर्वाण करता है, वह सांसारिक मोह, माया, इच्छा, जीवन की पीड़ा से मुक्त रहता है साथ ही जीवन चक्र से भी मुक्त रहता है। निर्वाण को हासिल करना आसान नहीं है, इसके लिए सदाचारी एवं धर्म सम्मत जीवन व्यतीत करना पड़ता है। बौद्ध धर्म में 80 साल के भगवान बुद्ध के निधन को महापरिनिर्वाण कहा जाता है।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता है


 गरीब एवं दलित वर्ग की स्थिति और जीवन में सुधार लाने में भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, उन्होंने समाज सेवा सहित रूढ़िवादी प्रथाओं को समाप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि उनके बौद्ध गुरु डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक सदाचारी थे, भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों के मुताबिक डॉ भीमराव भी अपने कार्यों से निर्वाण प्राप्त कर चुके थे, इसलिए उनके पुण्यतिथि के अवसर को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कई सालों तक बौद्ध धर्म का अध्ययन कर 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया था। मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के नियम के मुताबिक हुआ था।  मुंबई के दादर चौपाटी में जिस जगह डॉक्टर अंबेडकर का अंतिम संस्कार किया गया उसको अब चैत्यभूमी के नाम से जाना जाता है।


 महापरिनिर्वाण दिवस कैसे मनाया जाता है 


भारतीय संविधानसभा के अध्यक्ष एवं निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि जो कि  6 दिसंबर को मनाई जाती है, महापरिनिर्वाण दिवस के दिन  लोग भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं और दीपक एवं मोमबत्तियां जलाई जाती है इसके बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग इकट्ठा होते हैं इस दिन बौद्ध भिक्षुओं समेत कई लोग पवित्र गीत गाकर बाबासाहेब के नाम के नारे लगाते हैं। 


Nagpur Metro Guinness World Record, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई और महा मेट्रो की टीम के द्वारा नागपुर में बनाए गए हाईवे फ्लाईओवर एवं मेट्रो रेल के साथ सिंगल कॉलम पर समर्थित सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई और महामेट्रो की टीम को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी है।  केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट्स के एक सीरीज में एनएचएआई एवं महामंत्री को एकल स्तंभ पर समर्थित हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो के साथ सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट का निर्माण करके नागपुर में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड पर नाम दर्ज करवाने को लेकर बधाई और शुभकामनाएं दी है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट को पहले ही एशिया बुक और इंडिया बुक से रिकॉर्ड हासिल हो चुका है। अब यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देश के लिए गौरव की बात है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि वह उन अविश्वसनीय इंजीनियरों अधिकारियों एवं श्रमिकों को दिल से धन्यवाद देने एवं सलाम करते हैं जो इस फ्लाईओवर को बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे।  


डबल डेकर बस डक्ट की खासियत क्या है 


वर्धा रोड पर बने 3.14 किलोमीटर लंबे इस डबल डेकर वायलेट में कुल 3 मेट्रो स्टेशन है जिसमें छत्रपति नगर, जयप्रकाश नगर एवं उज्जवल नगर जैसे क्षेत्र शामिल हैं, इन मेट्रो स्टेशन की इंजीनियरिंग विचार प्रोसेस, अवधारणा डिजाइन और क्रियान्वयन किसी चुनौती से कम नहीं थी, जब शुरुआत में इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई थी तब हाईवे फ्लाईओवर एवं मेट्रो रेल का संरेखण वर्धा रोड पर एक ही मौजूदा हाईवे पर था, जिसमें माध्यिका पर प्रस्तावित वैकल्पिक स्थानों पर इंडिपेंडेंस पियर्स थे। बाद में इसकी समीक्षा की गई और डबल डेकर वायाडक्ट बनाने के लिए राजमार्ग फ्लाई ओवर  और मेट्रो रेल को एकीकृत करने का फैसला किया गया। 


नागपुर मेट्रो के बारे में


हाईवे फ्लाईओवर और दूसरे स्तर पर मेट्रो रेल को वहन करेगा जिससे यह जमीनी स्तर पर मौजूद राजमार्ग के साथ ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम बन जाती है, इसके अतिरिक्त यह प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण से बचाने में मदद करेगी, जिससे भूमि लागत की बचत होने के साथ-साथ निर्माण और प्रोजेक्ट लागत में भी कमी आएगी। गिनीज वर्ल्ड रिकॉडर्स  लंदन के एक बयान में कहा है कि नागपुर महाराष्ट्र में वर्धा रोड पर 3.14 किलोमीटर के  डबल डेकर वायाडक्ट 5 मार्च 2019 से शुरू किया गया था।  


International Civil Aviation Day, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस थीम और उद्देश्य क्या है


International Civil Aviation Day : हर साल 7 दिसंबर को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस दिन को मान्यता देने के बाद से अधिकारिक रूप से पहली बार 7 दिसंबर 1996 को इस दिन को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में कनाडाई सरकार की सहायता से 7 दिसंबर को इंटरनेशनल सिविल एवियशन डे को ऑफिशियल तरीके से मान्यता दी थी। तब से लेकर अब तक हर 5 साल के बाद अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के लिए एक विशेष थीम बनाती है जिसके आधार पर यह दिन मनाया जाता है।  विश्व के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में विमानन के महत्व को पहचानने के लिए हर साल विश्व स्तर पर 7 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस साल 2022 का थीम


 इस साल अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस साल 2022 का थीम वैश्विक विमानन विकास के लिए उन्नत नवाचार रखा गया है। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस साल 2022 के अवसर पर कई कार्यक्रम का आयोजन होना है। 

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस क्यों मनाया जाता है


 दुनिया भर में 7 दिसंबर को नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है, सबसे पहली बार नागरिक उड्डयन दिवस 7 दिसंबर 1994 को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन द्वारा संगठन बनाया गया था, इसके बाद 7 दिसंबर को नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है। नागरिक उड्डयन दिवस मनाने का उद्देश्य देश में सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के महत्व को मान्यता दिलाना और लोगों को इसके विषय में जागरूक करना है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक दिवस मानव जाति की सेवा के लिए वैश्विक महत्व को समझने एवं सहयोग करने में विभिन्न देशों की मदद कर रहा है।


  प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य 


1.अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस कब मनाया जाता है?
 7 दिसंबर 

2.साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस का थीम क्या रखा गया था? 
वैश्विक विमानन विकास के लिए उन्नत नवाचार 

3.अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की स्थापना कब हुई थी?
 7 दिसंबर 1994 

4.अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन का मुख्यालय कहां है? 
मटेरियल कनाड



Armed Forces Flag Day,  सशस्त्र बल झंडा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है


Armed Forces Flag Day : आर्म्ड फोर्सज फ्लैग डे हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन को सशस्त्र बल झंडा दिवस या फ्लैग डे कहा जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र सेना के कर्मियों के कल्याण के लिए फंड इकट्ठा करना और उनके परिवार एवं सेना के लिए खर्च करना है। सशस्त्र बल झंडा दिवस की शुरुआत 7 सितंबर दिसंबर 1949 को हुई थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की डिफेंस कमिटी ने युद्ध दिग्गजों एवं उनके परिवारों के कल्याण के लिए 7 दिसंबर को सशस्त्र बल झंडा दिवस यानी फ्लैग डे मनाने का फैसला कमेटी द्वारा लिया गया था, तब से लेकर हर साल 7 दिसंबर को सशस्त्र बल झंडा दिवस मनाया जाता है। सरकार ने 1993 में संबंधित सभी फंड को एक झंडा सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में फंड रखा था, ताकि सशस्त्र सैन्य बलों के परिजनों के ऊपर उसको खर्च किया जा सके।


सशस्त्र झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है


सशस्त्र झंडा दिवस  पर इकट्ठा किए गए धन के तीन मुख्य उद्देश्य है 

1. युद्ध के समय हुए नुकसान की भरपाई या मदद 
2. सेना में कार्य कर रहे लोगों को और उनके परिवारों के कल्याण एवं मदद के लिए 
3. सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के मदद के लिए उस फंड का उपयोग किया जाता है।

 सशस्त्र झंडा दिवस के दिन भारतीय सैनिक, इंडियन एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी के द्वारा कार्यक्रम आयोजित करते हैं, कार्यक्रम से जो धन इकट्ठा होता है उसको आर्म्ड फोर्सज फ्लैग डे फंड में रखा जाता है। रक्षा मंत्री के तहत आने वाले केंद्रीय सैनिक बोर्ड की स्थानीय ब्रांच इस दिन फंड इक्कट्ठा करते हैं, इसमें एक मैनेजमेंट कमेटी एवं स्वयंसेवी संगठन होते हैं।


 सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर लाल और नीले रंग के झंडे क्यों दिए जाते हैं 


देशभर में सैन्य बलों के लिए इकट्ठा किए गए धन के बदले लाल, गहरे नीले और हल्के नीले रंग के झंडे दिए जाते हैं। तीनों रंग भारत की तीनों सेना का प्रतीक हैं, नौसेना, भारतीयसेना,वायु सेना और भारतीय सेना का प्रतीक है। यह दिन हमें इस बात की ओर ध्यान केंद्रित करती हैं कि सीमा पर मुश्किल हालातों में डटे हुए जवानों के परिजन के लिए हमें उनके साथ खड़ा होना चाहिए।


ऑनलाइन मदद भी कर सकते हैं


 वेबसाइट पर जाकर कर आप आर्थिक सहायता कर सकते हैं,  देश के लाखों सेनाओं के लिए आर्थिक सहयोग करना चाहते हैं तो आपको केंद्रीय सैनिक बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से अपना सहयोग राशि जमा कर सकते हैं।  

07-11-2022


RBI Monetary Policy 2022, आरबीआई ने एक बार फिर बढ़ाया रेपो रेट, 0.35% बढ़कर 6.25% किया


 RBI Monetary Policy 2022 : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 3 दिनों तक चले मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के बैठक के बाद रेपो रेट को एक बार फिर बढ़ाने की घोषणा की है, आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी है, अब आरबीआई की रिपोर्ट पढ़कर 6.25 परसेंट हो गई है, इसके पहले आरबीआई ने अक्टूबर और अगस्त में भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90 परसेंट कर दिया था। मई के महीने में हुई एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट से बढ़ाकर 4.90% किया गया था। आइए जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर ने मीटिंग के बाद क्या कहा है और रेपो रेट को लेकर उनके क्या विचार हैं, 


आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा है 


आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट की बढ़ोतरी की घोषणा की है साथ ही कहा है कि अगले 4 महीने में महंगाई दर बने रहने की संभावना है। मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 ने रेपो रेट को बढ़ाने के फैसले को सपोर्ट किया था। आरबीआई गवर्नर की घोषणा करते हुए कहा कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों की मांग में सुधार दिख रहा है। आरबीआई गवर्नर कहा है कि फाइनेंशिल ईयर 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% हो सकता है, इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है की फाइनेंशियल ईयर 2023 के पहली तिमाही  में सीपीआई 5 परसेंट रह सकती है।


 आरबीआई रेपो रेट नतीजन, विभिन्न दरें निम्नानुसार हैं- 


रेपो रेट  6.25%  
स्थायी जमा सुविधा (fixed deposit facility)-6.00%  
सीमांत स्थायी सुविधा दर (marginal standing facility rate) - 6.50%  
बैंक दर (Bank rate)- 6.50%  
फिक्स्ड रिवर्स रेपो रेट (fixed reverse repo rate) 3.35%
नकद आरक्षित अनुपात (cash reserve ratio) - 4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (statutory liquidity ratio) -18.00%
 

 3 दिन के बैठक के बारे में 


एक्सपर्ट के मुताबिक रिटेल मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत एवं वृद्धि को आगे बढ़ाने की आवश्यकता के बीच आरबीआई अपने आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा में रेपो रेट में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी का ऑप्शन है। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई शुरू से ही मौद्रिक नीति समिति एमपीसी की 3 दिवसीय बैठक के बाद 7 दिसंबर बुधवार को अपनी अगली द्विमासिक पॉलसी को पेश की है।
 

 रेपो रेट क्या है  

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक कर्ज से ग्राहकों को ऋण देता है, बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रोवाइड करते हैं, रेपो रेट कम होने का मतलब है ग्राहक अब कम दाम में लोन या कर्ज ले सकेंगे, आसान भाषा में कहें तो सस्ते दामों पर कर्ज लेना रेपो रेट कहलाता है।
 

Parliament Winter Session, 16 नए बिल लाने की संभावना, जाने कौन से विधेयक होंगे पास 


Parliament Winter Session :  7 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। यह सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा इस सेशन के दौरान संसद में 16 बिल पेश किए जाएंगे और साथ लंबित विधेयक को पास करने की कोशिश भी की जाएगी, आपको बता दें कि यह सत्र राज्यसभा के 258 वां सत्र है।  इस बार सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहली बार उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे। पहले दिन कई बिल पेश की जाने की उम्मीद है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि शीतकालीन सेशन बहुत महत्वपूर्ण है 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं, अब भारत में अमृत काल की यात्रा में आगे बढ़े हैं, ऐसे में हिंदुस्तान को g20 की मेजबानी करने का अवसर मिला है। भारत के वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ाता जा रहा है, g20 सम्मिट पूरे भारत के सामने का एक बहुत बड़ा अवसर है, यह विंटर सेशन के दौरान महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।

 7 दिसंबर को केंद्र सरकार संसद में विधेयक पेश करने वाली है, आने वाले कुछ विधेयक कुछ इस प्रकार से हैं।


 विधेयकों में व्यापार चिन्ह संशोधन विधेयक 2022, 
वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एवं संरक्षण ) संशोधन विधेयक 2022, 
कुछ प्रोसेस  को सरल बनाने के लिए  मूल अधिनियम में संसोधन करने का प्रयास है।

निरसन और संशोधन विधेयक 2022 शामिल है। संशोधन विधेयक, 2022 के कुछ पहलुओं को शामिल करना चाहते हैं, (उसके लिए रजिस्ट्रेशन करने एवं कई देशों में उनकी सुरक्षा के लिए एक स्टॉप सॉल्यूशन प्रोवाइड करती है, वही वस्तुओं के भौगोलिक संकेत और संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के कुछ प्रोसेस को सरल बनाने के लिए नियम में संशोधन करने का प्रयास है। कुछ अन्य विधेयकों में बहु राज्य सहकारी समितियां विधेयक 2022 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2019 में 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विदेश मामलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था । 

 लोकसभा में आज बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम 2002 में संशोधन के लिए बहुराज्य सहकारी समिति संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जाएगा। गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह इस विधेयक को प्रस्तुत करेंगे।

 समुद्री जल दस्युता रोधी विधेयक 2019 भी सदन में विचार एवं पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। इस विधेयक को विदेश मंत्री डॉ सुब्रमण्यम जयशंकर समुद्र में डकैती की रोकथाम के लिए विशेष प्रावधान एवं समुद्री डकैती अपराध के लिए सजा का प्रावधान करने के लिए प्रेसेंट किया जाएगा।

 डॉ जयशंकर भारत की विदेश नीति में नवीनतम घटनाक्रम के बारे में वक्तव्य देंगे।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह भी वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग से संबंधित संसद की स्थाई समिति की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन 360 वीं रिपोर्ट सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति पर बयान देंगे।

 राज्यसभा में केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में संशोधन के लिए वन्य जीव संरक्षण विधेयक 2022 पेश करेंगे। इसे पहले ही लोकसभा में पास किया जा चुका है। 
 


Virtual Drone E-learning Platform,वर्चुअल ड्रोन ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म क्या है, जिसे अनुराग ठाकुर ने लॉन्च किया है


Virtual Drone E-learning Platform : सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 6 दिसंबर को चेन्नई के पास चेंगलपेट में अग्नि कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी में वर्चुअल ड्रोन ई   लर्निंग प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया है, आइए जानते हैं इस लेकर महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में  विस्तार से-

 सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी तरह की पहली ड्रोन यात्रा को हरी झंडी दिखाई है।
 ड्रोन तकनीक रक्षा, कृषि, बागवानी, सिनेमा के लिए महत्वपूर्ण है और कई क्षेत्रों के लिए स्थानापन्न हो सकती है।
चेंगलपेट जिले में गरुड़ एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी द्वारा 2 साल के समय में  मेक इन इंडिया योजना के अंतर्गत कम से कम 100000 ड्रोन पायलट बनाए जाएंगे।
 भारत ड्रोन तकनीक में अत्याधुनिक विकास करने में महत्वपूर्ण प्रगति की ओर अग्रसर है।
 अवैध खनन को रोकने के लिए ड्रोन टैकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। 
कृषि पर व्यापक प्रभाव पैदा करने के लिए उनका प्रयोग किया जाएगा।

ड्रोन यात्रा के बारे में विस्तार से 


गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन यात्रा ऑपरेशन 777 का उद्घाटन कृषि उपयोग के लिए किया गया था। देश भर में कृषि कार्य को आसान बनाने के लिए के लिए 777 जिलों को कवर करने के लिए तैयार है।

ड्रोन यात्रा किसानों को प्रौद्योगिकी के बारे में अच्छे से समझाने में सहायता करेगी साथ ही उनके फसल के बारे में अच्छा दृष्टिकोण भी प्रोवाइड करेगी।

ड्रोन वास्तव में एग्रीकल्चर इकोसिस्टम के लिए क्रांतिकारी हैं और गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन की सहायता से प्रभावी कृषि तकनीकों  के साथ किसानों की मदद करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है।

गरुड़ एयरोस्पेस अगले 2 सालों में एक लाख से ज्यादा ड्रोन बनाएगा।

गरुड़ द्वारा वर्तमान में डेवलप किए जा रहे किसान ड्रोन में सेंसर, कैमरे और स्प्रेयर लगे हैं जो कि खाद्य फसल के उत्पादन को बढ़ाने का काम करेगी साथ ही फसल के नुकसान को कम करने एवं हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने वाले किसानों के लिए सहायता करेगी। 

08-12-2022


International Anti-Corruption Day, अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का इतिहास, महत्व एवं थीम क्या है


International Anti-Corruption Day : भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है जोकि देश के समाज एवं आर्थिक विकास को कमजोर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भ्रष्टाचार के चलते देश के विकास पर  इसका बहुत गहरा असर पड़ता है। आज के समय में ऐसा कोई देश, समुदाय, क्षेत्र और व्यक्ति नहीं है जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो। भ्रष्टाचार एक ऐसी संक्रामक बीमारी की तरह है जो विश्व के हर क्षेत्र में फैला हुआ है और जिसका कोई इलाज नहीं है। भ्रष्टाचार के चलते धीरे-धीरे लोकतांत्रिक संस्थाएं भी कमजोर होती जा रही है, सरकारी संस्थानों में भी भ्रष्टाचार का महत्वपूर्ण योगदान है, जो कि देश और समाज के आर्थिक विकास को कमजोर करता है, इसीलिए हर साल विश्व स्तर पर भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों को अधिक से अधिक भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक किया जा सके कि भ्रष्टाचार एक कानूनन अपराध है।  

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का इतिहास क्या है 


अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की शुरुआत 31 अक्टूबर 2003 से शुरू हुई थी। महासभा ने जब भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को अपनाया था, और अनुरोध किया था कि महासचिव ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को राज्यों के दलों के सम्मेलन के लिए सचिवालय के रूप में (संकल्प 58/4) नामित किया जाए  भ्रष्टाचार के बारे में अवेयरनेस बढ़ाने एवं इससे निपटने के लिए कन्वेंशन की भूमिका के लिए विधानसभा में 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में नामित किया था, जो कि यह कन्वेंशन साल 2005 दिसंबर में लागू हुआ था।

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का महत्व क्या है 


अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस यानी इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे का महत्व विश्व स्तर पर लोगों को करप्शन से कैसे और क्यों बचना चाहिए। भ्रष्टाचार विरोधी दिवस समूह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो कि इस कदाचार के प्रति जागरूकता फैलाते हैं एवं अपने कार्यस्थल, समाज, देश और लोगों को भ्रष्टाचार से बचाने के संसाधनों और तरीकों को शेयर करते हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव को बचाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ गहरी होने से रोकने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार के चलते देश की नींव कमजोर होती है और यह किसी देश के विकास की सबसे बड़ी बाधा में से एक बनती है। भ्रष्टाचार एक ऐसा स्वार्थ है जो अपने अलावा किसी को भी बढ़ने नहीं देती है।


अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का थीम क्या है 


कोरोनावायरस चलते दुनिया की आर्थिक स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं सप्लाई सिस्टम के पुनरुद्धार को ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार पर तुरंत कार्रवाई करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके चलते इस साल अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस की थीम रिकवरी विद इंटीग्रिटी रखी गई है। आइए जानते हैं कि भारत में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कौन - कौन से महत्वपूर्ण संस्थाएं एवं पहल शुरू की गई है।
 

भारत में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण पहल 

  • अखिल भारतीय सेवा नियम 1954 एवं केंद्रीय नागरिक सेवा नियम 1956
  • 1964 में केंद्रीय सतर्कता ओयोग की स्थापना 
  • बेनामी लेन-देन एक्ट 1988
  • सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण
  • सूचना का अधिकार 2005
  • व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट 2014
  • सरकारी सहायता का प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण 
  • लोकपाल
  • विमुद्रीकरण और डिजिटल मनी का प्रोतेसाहन
  • लेखा परीक्षण एवं लेखांकन प्रक्रियाओं को मजबूत करना
  • भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट 1988, भ्रष्टाचार रोकथाम विधेयक 2018
  • गवर्नमेंट ई मार्केट जैसे उपायों ने सार्वजनिक खरीद में जवाबदेही
  • सरकार के द्वारा ई गवर्नेंस को बढ़ावा देना 
  • काले धन से लड़ने के लिए विसेष जाँच टीम का गठन करना
  • बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 को मजबूत बनाने के लिए संशोधन

 
 भ्रष्टाचार के कारण क्या हैं 

  • निरक्षरता  गरीबी और जागरूकता की कमी के चलते लोग अपने अधिकार के प्रति जागरूक नहीं होते हैं जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ़ता है।
  •  कम वेतन एवं पारिश्रमिक भ्रष्टाचार की गतिविधियों को और ज्यादा बढ़ावा देती है।
  •  कठोर कानूनों एवं इंस्टेंट जस्टिस सिस्टम की कमी।
  •  सार्वजनिक खरीदी व्यापार समझौते में ट्रांसपेरेंसी की कमी।
  •  पॉलिटिक्स, एडमिनिस्ट्रेटिव और जस्टिस सिस्टम में रिस्पांसिबिलिटी की कमी।
  •  कुशल नियामक की कमी में अनुचित व्यापार गतिविधियों का प्रोत्साहन।
  •  विकास मुखी प्रोग्राम के प्रभावी मैनेजमेंट एवं कुशल कार्यान्वयन का अभाव।
  •  देश में आर्थिक विकास एवं आर्थिक स्थिरता की कमी।
  •  जनसंख्या के आकार में रिसोर्सेज की कमी होना।
  •  देश में कॉर्पोरेट एवं पॉलिटिक्स का गठजोड़ होना।
  •  भ्रष्टाचार को समाज के द्वारा स्वीकृति विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग करना। 

 

Ustad Yojana, उस्ताद योजना क्या है और यह क्यों लाया गया है, जानें विस्तार से


Ustad Yojana : सरकार ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अल्पसंख्यकों को जिनमें विशेष रूप से आर्थिक रूप से जो लोग कमजोर एवं समाज के कम विशेष अधिकार प्राप्त करने वाले वर्गों सहित हर एक तबके के कल्याण एवं उत्थान और उनके आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की है। 

उस्ताद योजना किसके लिए लाया गया है


अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय पारंपरिक कला रूपों से जुड़े अल्पसंख्यक समुदायों को रोजगार के अवसर देने एवं रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए राजस्थान एवं कर्नाटक राज्य सहित पूरे भारत में उस्ताद योजना को लागू किया है। महिला लाभार्थियों के लिए 33 परसेंट आवंटन के साथ उस्ताद योजना अल्पसंख्यक समुदायों की पारंपरिक कला एवं शिल्प की विरासत को संरक्षण प्रदान करने एवं पारंपरिक सरकारों और कारीगरों की क्षमता को बेहतर निर्माण करने और वैश्विक बाजार के साथ पारंपरिक कौशल के संबंध स्थापित करना चाहती है।

उस्ताद योजना का उद्देश्य


 हुनर हाट, देशभर के अल्पसंख्यक कारीगरों/शिल्पकारों  और पाक विशेषज्ञों को अपनी बेहतरीन हस्तशिल्प एवं स्वदेशी उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए एक बेहतर स्टेज प्रदान करता है। उस्ताद योजना  को अब एक नई योजना के कंपोनेंट के रूप में विलय कर दिया गया है, जिसे प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन पीएम विकास के नाम से जाना जाता है। फाइनेनशियल ईयर 2022-23, में स्किल डेवलपमेंट, एजुकेशन, नेतृत्व के माध्यम से अल्पसंख्यक लोगों को विशेष रूप से आजीविका को सुधार करने के लक्ष्य से इस परिवर्तन को किया गया है। यह योजना की जानकारी अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर के दौरान दिया है।


World Mountain Day, विश्व पर्वत दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जानें इसके थीम और इतिहास के बारे में


World Mountain Day : हर साल 11 दिसंबर को पहाड़ों के महत्व के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया जाता है। पर्वतीय संरक्षण दीर्घकालिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, पृथ्वी के लगभग 27% हिस्सा पहाड़ से घिरा हुआ है, संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया की लगभग 15% आबादी पहाड़ों पर रहती है, ग्लोबल वार्मिंग एवं दूसरे अन्य क्लाइमेट चेंजेज़ के चलते अब पहाड़ों पर रहने वाले जीव जंतु और मनुष्य के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है और इसी खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एवं इस संकट के निवारण के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्वत दिवस मनाया जाता है।


विश्व पर्वत दिवस मनाने का इतिहास क्या है 


संयुक्त राष्ट्र ने साल 1992 में सतत विकास आयोग सीएसडी के दौरान फ्रैजाइल  इको सिस्टम का प्रबंध सतत पर्वतीय विकास का डॉक्यूमेंट को अपनाया था। इसके अनुसार पहाड़ों की सुरक्षा एवं संरक्षण की आवश्यकता थी। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2003 में 11 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाने के लिए घोषणा की थी, तब से लेकर आज तक हर साल 11 दिसंबर को विश्व पर्वत दिवस मनाया जाता है।

विश्व पर्वत दिवस थीम


 हर साल पर्वत दिवस एक खास थीम के साथ मनाया जाता है और उस क्षेत्र के ऊपर साल भर ध्यान केंद्रित कर सुधार कार्य किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस साल 2022 का थीम वुमन मूव माउंटेंस रखा गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक और आर्थिक विकास में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान एवं भूमिका होती हैं, वे अक्सर पर्वतीय सोर्सेस के प्राथमिक प्रबंधक, जैव विविधता के संरक्षक, पारंपरिक ज्ञान के रक्षक, स्थानीय संस्कृति के संरक्षक एवं पारंपरिक चिकित्सा के विशेषज्ञ होती हैं। इसलिए इस बार पर्वत दिवस के अवसर पर महिलाओं को केंद्रित किया गया है।

 पहाड़ों से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें 


पहाड़ दुनिया के आधे जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट की मेजबानी करते हैं, पहाड़ 1.1 अरब लोगों का घर है जो दुनिया की आबादी के 15 परसेंट है। पहाड़ दुनिया के 70 से 80% मीठे पानी का जरिया है। पहाड़ी क्षेत्र का 40 परसेंट भाग वनों से आच्छादित है, अधिकांश खाद्य फसल में टमाटर, आलू, मक्का आदि पहाड़ों से उत्पन्न होती है, बहुत से आयुर्वेदिक, औषधीय, जड़ी बूटी, लकड़ी, फूल पत्ते, पहाड़ों से ही प्राप्त की जाती है पर्वतीय पर्यटन दुनिया भर के सभी पर्यटकों का 15 से 20 परसेंट हिस्सा है।
 

इंटरनेशनल माउंटेन डे 2022 का सिग्निफिकेंट क्या है


 पृथ्वी पर रहने वाले  एक चौथाई जीव जंतुओं, जानवरों एवं पौधे की आबादी का घर है। यह दुनिया की आधी आबादी को मीठे पानी के साथ भोजन जड़ी-बूटी, रहने के लिए स्थान और अन्य प्राकृतिक संसाधन प्रोवाइड करती है। बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन पहाड़ों पर पाई जाती है और इनकी संरक्षण एवं जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल विश्व स्तर पर पहाड़ी दिवस मनाया जाता है। पहाड़ दुनिया के 6 सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों का भी घर है, यह इकोसिस्टम को बैलेंस करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी के जलवायु को सुधारने के लिए पर्वतों का संरक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है। ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के चलते इसका असर पहाड़ों पर पढ़ रहा है, जिसके चलते तेजी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिसका असर समुद्रों पर पड़ रहा है। 



Weekly current affair : अगर आप भी किसी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए यह लेख बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इसमें हम आज आपके लिए लाए हैं राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के करंट अफेयर। जो कि आपके प्रतियोगी परीक्षा के लिए लाभदायक हो सकता है। इस लेख का एक मात्र उद्देश्य यह है कि इस लेख से ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे छात्रों की सहायता करना है। वीकली करंट अफेयर के विषय में पढ़ने के लिए नीचे स्क्रोल कीजिए।
 

05-12-2022

World Meteorological Organization Report, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जारी किया रिपोर्ट, जानें इसके बारे में विस्तार से


World Meteorological Organization Report :  डब्ल्यूएमओ विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अपनी पहली वार्षिक वैश्विक जल संसाधन रिपोर्ट साल 2021 की जारी कर दी है। इस वार्षिक रिपोर्ट का उद्देश्य बढ़ती मांग एवं सीमित आपूर्ति के युग में वैश्विक मीठे पानी के रिसोर्सेज के निगरानी एवं मैनेजमेंट का समर्थन करना है। रिपोर्ट नदी के प्रवाह के साथ-साथ प्रमुख बाढ़ और सूखे का एक सिंहावलोकन देती है। यह मीठे पानी के भंडारण में बदलाव के लिए हॉटस्पॉट में अंतर्दृष्टि प्रवाहित करती है और क्रायोस्फीयर की महत्वपूर्ण भूमिका एवं भेद्यता पर हाईलाइट करता है। इस रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2021 में विश्व के बड़े क्षेत्र में सामान्य परिस्थितियों की तुलना में कितना सूखा रिपोर्ट किया गया है। एक ऐसा वर्षा जिसमें जलवायु परिवर्तन एवं एक ला नीना घटना से वर्षा के पैटर्न में प्रभावित हुए थे। 30 साल के हाइड्रोलॉजिकल एवरेज की तुलना में एवरेज से कम कम प्रवाह वाले क्षेत्र की तुलना में लगभग दो गुना थी।
 

रिपोर्ट के फोकस क्षेत्र कौन-कौन से थे 


रिपोर्ट का फेकस 3 प्रमुक क्षेत्र हैं

1.स्ट्रीमफ्लो, किसी भी समय एक नदी चैनल के माध्यम से बहने वाले पानी की मात्रा
2.स्थलीय जल भंडारण - भूमि की सतह पर और उप-सतह में सभी पानी 
3.क्रायोस्फीयर (जमे हुए पानी)  

 WMO रिपोर्ट में क्या कहा गया है:


 WMO के महासचिव प्रो. पेटेरी तालस ने कहा है कि, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के माध्यम से महसूस किए जाते हैं, अधिक तीव्र एवं लगातार सूखा,  अधिक चरम बाढ़, अधिक अनियमित मौसमी वर्षा और ग्लेशियर के त्वरित पिघलने, अर्थव्यवस्थाओं, इको सिस्टम और हमारे दैनिक जीवन के सभी पहलुओं पर व्यापक प्रभाव के साथ और फिर भी ताजे पानी के रिसोर्सेज के वितरण मात्रा एवं गुणवत्ता में बदलाव की अपर्याप्त समझ है।


 वैश्विक जल संसाधन रिपोर्ट की स्थिति का उद्देश्य उस ज्ञान अंतर को भरना है और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की उपलब्धता का संक्षिप्त अवलोकन  प्रदान करना है। यह जलवायु अनुकूलन औरशमन इनवेस्टमेंट के साथ - साथ बाढ़ और सूखे जैसे खतरों के की प्रारंभिक चेतावनी के लिए अगले 5 सालों में सार्वभौमिक पहुंचने के लिए संयुक्त राष्ट्र अभियान को सूचित करेगा।

 इस रिपोर्ट में चिंताजनक स्थिति क्या है 


वर्तमान में 3.6 बिलियन लोगों को हर साल कम से कम 1 महीने पानी की अपर्याप्त पहुंच का सामना करना पड़ सकता है और 2050 तक यह बढ़कर 5 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद जताई गई है। 2001 और 2018 के बीच, UN-Water ने बताया है कि सभी प्राकृतिक आपदाओं में से 74 परसेंट से संबंधित थे, हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP27, ने सरकारों से अनुकूलन प्रयासों में पानी को और एकीकृत करने का आग्रह किया है। पहली बार पानी को इसके महत्वपूर्ण महत्व की मान्यता में एक सीओपी परिणाम दस्तावेज में संदर्भित किया गया है।


निम्न ऐवरेज प्रवाह वाले क्षेत्र


दक्षिण अमेरिका का रियो डी ला प्लाटा क्षेत्र जहां 2019 से लगातार सूखा पड़ रहा है। दक्षिण और दक्षिण - पूर्व अमेज़न उत्तरी अमेरिका में कोलोकाडो, मिसौरी और मिसिसिपी जैसी नदियां घाटियाँ, और सामान्य से कम हुआ है। पश्चिम और मध्य एशिया के कई हिस्सों में नदियों में सामान्य से कम बहाव का अनुभव होता है, वे हैं कई उत्तरी अमेरिकी बेसिन, उत्तरी अमेजॉन और दक्षिण अफ्रीका, उत्तरी भारत और चीन, जिन क्षेत्रों का विश्लेषण किया गया उनमें से लगभग एक तिहाई क्षेत्र 30 साल के एवरेज के अनुरूप थे। प्रमुख बार घटनाएं चीन, उत्तर भारत, पश्चिमी यूरोप और मोजांबिक, फिलिपींस और इंडोनेशिया जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात से प्रभावित देशों में हुई थी। इथोपिया केन्या और सोमालिया जैसे देश में लगातार कई सालों तक एवरेज से कम सालों का अनुभव किया है। जिससे इन स्थानों में क्षेत्रीय सुखों की घटना हुई है।

 सतही जल की स्थिति क्या है


साल 2021 में अमेरिका के पश्चिम तट, दक्षिण अमेरिका के मध्य भाग और पेटागोनिया, उत्तरी अफ्रीका और मेडागास्कर, मध्य एशिया और मध्य पूर्व, पाकिस्तान और उत्तर भारत जैसी जगहों पर स्थलीय भंडारण सामान्य से कम था, यह मध्य अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग और चीन के उत्तरी भाग में सामान्य से ऊपर था लंबी अवधि में कई स्थानों पर जल भंडारण में नकारात्मक प्रवृत्ति का अनुभव होने की उम्मीद है। इनमें ब्राजील में रिओ साओ फ्रेंसिस्को को बेसिन पेंटागोनिया, गंगा और सिंधू नदी के मुहाने और दक्षिण - पश्चिमी अमेरिका जैसे क्षेत्र शामिल है।  ग्रेट लेक्स क्षेत्र नाइजर बेसिन पूर्वी अफ्रीका दरार और उत्तरी अमेज़न बेसिन जैसी जगहों से स्थानीय जल भंडारण में पॉजिटिव रुझान रिपोर्ट की उम्मीद की गई है।  सकारात्मक लोगों की तुलना में नकारात्मक रुझान अधिक मजबूत है। ग्रो का अत्यधिक शोषण सिंचाई उद्देश्यों के लिए पानी के नीचे के संसाधनों से नकारात्मक प्रवृत्ति के बिगड़ने की आशंका है।

 क्रायोस्फीयर क्या है


  क्रायोस्फीयर (ऐसे स्थान जहां ग्लेशियर स्नो कवर आईसकैप और पर्माफ्रॉस्ट मौजूद है) दुनिया में मीठे पानी का सबसे बड़ा प्राकृतिक जलाशय हैं। वाटर रिसोर्सेज में परिवर्तन खाद्य सुरक्षा मानव स्वास्थ्य और इको सिस्टम को प्रभावित करते हैं जिससे आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर बहुत महत्वपूर्ण प्रधान इफेक्ट पड़ता है। ये परिवर्तन ग्लेशियर झील के फटने के कारण बनते हैं। बढ़ते वायु मंडल तापमान के कारण, वार्षिक ग्लेशियर रन ऑफ पीक वॉटर कहे जाने वाले बिंदु तक पहुंच जाएगा, जिसके बाद में रन ऑफ में गिरावट आएगी।


IIFL Mutual Fund, IIFL म्यूचुअल फंड का पहला टैक्स सेवर इंडेक्स फंड क्या है, जानें विस्तार से


IIFL Mutual Fund : आईआईएफएल म्यूच्यूअल फंड ने भारत का पहला टैक्स सेवर इंडेक्स फंड लॉन्च किया है, जिसका नाम आईआईएफएलईएलएसएस  nifty50 टैक्स सेवर फंड है। यह न्यू फंड ऑफर एक ओपन एंडेड पैसिव इक्विटी सेविंग स्कीम है। जिसमें 3 साल की लॉक इन पीरियड है, इन्वेस्टर्स के पास इसमें टैक्स बेनिफिट के साथ बड़ा फंड जनरेट करने का अवसर मिलेगा। यह एनएसओ 1 दिसंबर से खुलेगा जो कि 21 दिसंबर को बंद हो जाएगा। एक्टिव फंड्स की तुलना में इसका एक्सपेंस रेश्यो भी कम है। यह स्कीम 2 जनवरी साल 2023 से सब्सक्रिप्शन और रिडेंप्शन के लिए फिर से खुलेगी परिजात गर्ग आईआईएफएलईएलएसएस निफ़्टी 50  टैक्स  सेवर इंडेक्स फंड के लिए डेडीकेटेड फंड मैनेजर हैं।


 धारा 80 सी के तहत कर सकेंगे टैक्स बचत 


इस योजना में धारा 80 सी के अंतर्गत का दोहरा लाभ प्रोवाइड करेगी और इक्विटी बाजारों में विविध जोखिम से लाभ की संभावना होने के नाते इसका मकसद एक ऐसा पोर्टफोलियो तैयार करना है। जिसमें लार्ज कैप भारतीय कंपनियां शामिल है। यह एक पैसिव फंड है जो एक्टिव तरीके से प्रबंधित योजनाओं की तुलना में कम लागत में खर्चा होता है।
 

एनएफओ के बारे में विस्तार से  


एनएफओ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए IIFL AMC के फंड मैनेजर पारिजात गर्ग ने कहा है कि निफ्टी 50 भारत के मार्केट कैप का लागत 50 प्रतिशत।  पेसिव फंड के माध्यम से निफ्टी कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करना इन्वेस्टर्स के लिए इक्विटी की विकास क्षमता को का दोहन करने, टैक्स व्यय को काम करने, इन्वेस्टमेंट की लागत को कम करने और डायवर्सिफिकेशन पाने का एक अवसर है।
 

 इन्वेस्टमेंट का मकसद क्या है 


यह फंड उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो long-term में बड़ा फंड जनरेट करना चाहते हैं, इन्वेस्टमेंट का उद्देश्य योजना का इन्वेस्टमेंट उद्देश्य nifty50 इंडेक्स के कुल रिटर्न इंडेक्स के बराबर रिटर्न पाने के लिए इंडेक्स में है। योजना में किया गया ऐसा निवेश आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट प्रदान करता है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि योजना का इन्वेस्ट उद्देश्य प्राप्त हो जाएगा। इस योजना में इन्वेस्ट धारा 80 सी के लाभ प्राप्त करने के लिए आवंटन की तारीख से 3 साल के वैधानिक लॉक-इन के अधीन होगा। पारिजात गर्ग ने यह कहा है कि इस तरह के ऑफर का बाजार में लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। समय-समय पर भारतीय घरेलू और साथ ही वैश्विक परिस्थितियों के खिलाफ बेहतरीन फ्लैक्सिबिलिटी का प्रदर्शन किया है, इन्वेस्टर के लिए भारत के डेवलपमेंट के अवसर का लाभ उठाने का एक तरीका टैक्स - सेविंग बेनिफिट के साथ ही पेसिव इन्वेस्टमेंट होगा। 


Dr. B.R Ambedkar Biography, भीमराव अंबेडकर के जीवन परिचय के बारे में जानें विस्तार से

 

Dr. B.R Ambedkar Biography : डॉ भीमराव अंबेडकर जिन्हें लोग बाबासाहेब के नाम से जानते हैं भीमराव अंबेडकर उनमें से एक हैं, जिन्होंने भारत के संविधान को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान एवं भूमिका निभाई है। अंबेडकर जी इतिहास में जाने-माने राजनेता एवं प्रख्यात विधिवेत्ता थे इन्होंने देश में छुआछूत जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आंदोलन चलाए, उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों के ऊपर समर्पित कर दिया। दलित व पिछड़ी जाति के हक के लिए इन्होंने बहुत मेहनत की इनके ही चलते आरक्षण आया, जैसे पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे आने का अवसर मिला। आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के कैबिनेट में पहली बार अंबेडकर जी को लॉ मिनिस्टर बनाया गया था। अपने अच्छे कार्य एवं देश के विकास के लिए बहुत कुछ करने के लिए अंबेडकर जी को साल 1990 में देश के सबसे बड़े सम्मान यानी भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। आइए जानते हैं भीमराव अंबेडकर के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्म परिवार एवं विवाह के बारे में 


भीमराव अंबेडकर अपने माता पिता के 14वीं संतान थे इनके पिता इंडियन आर्मी में सूबेदार थे, उनकी पोस्टिंग इंदौर के महू में हुई थी और अंबेडकर जी का जन्म भी यहीं हुआ था। 1894 में रिटायरमेंट के बाद अंबेडकर जी का पूरा परिवार महाराष्ट्र के सतारा में शिफ्ट हुआ, कुछ दिनों बाद इनकी मां की मृत्यु हो गई। जिसके बाद इनके पिता ने दूसरी विवाह की और मुंबई शिफ्ट हो गए 15 साल की उम्र में अंबेडकर का विवाह 9 साल की रमा बाई से हुआ।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जाति भेद एवं आरंभिक जीवन के बारे में


 बचपन से भीमराव अंबेडकर ने छुआछूत देखा था वह हिंदू मेहर कास्ट के थे, जिन्हें नीची जाति का समझा जाता था वह ऊंची कास्ट के लोग उन्हें आपने से नीची जाती का समझते थे, यही कारण था कि अंबेडकर जी को समाज में कई जगह भेदभाव का शिकार होना पड़ा, इन्हें भेदभाव के चलते अपने जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। आर्मी स्कूल जहां यह पढ़ा करते थे वहां भी इन्हें छुआछूत के भेदभाव से गुजरना पड़ा, उनकी कक्षा के बच्चे उन्हें उनके जाति के चलते अंदर बैठने नहीं दिया करते थे, शिक्षक भी उनके ऊपर ध्यान नहीं दिया करते थे, उन्हें पानी को छूने की भी इजाजत नहीं थी,  स्कूल के चपरासी उन्हें ऊपर से पानी डालकर देते थे, जिस दिन नहीं आते थे उन्हें उस दिन पानी तक नहीं मिलता था।


 भीमराव अंबेडकर के शिक्षा के बारे में 


भीमराव अंबेडकर का परिवार मुंबई शिफ्ट हुआ तब भीमराव अंबेडकर की शादी 15 साल की उम्र में हुई थी, जिसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की, स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद अंबेडकर जी आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज जाने का अवसर मिला पढ़ाई में बहुत अच्छे एवं तेज बुद्धि के थे यह अपने सभी एग्जाम अच्छे अंक से पास करते थे इसलिए इन्हें बरोदा के गायकवाड के राजा सहयाजी से ₹25 की स्कॉलरशिप हर महीने मिलती थी। इन्होंने राजनीति विज्ञान एवं अर्थशास्त्र में 1912 में ग्रेजुएशन पूरा किया इन्होंने अपने स्कॉलरशिप के पैसे आगे की पढ़ाई में लगाने के बारे में सोची, जिसके बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका गए।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के करियर के बारे में


 अमेरिका से पढ़ाई करके लौटने के बाद बरोदा के राजा ने उन्हें अपने यहां राज्यमंत्री में अपने राज्य में रक्षा मंत्री बना दिया लेकिन छुआछूत के चलते इतने बड़े पद में होने के बावजूद भी उन्हें निरादर का सामना करना पड़ता था। मुंबई गवर्नर की सहायता से वह मुंबई के सिंड्रोम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में राजनीति अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने, इसके बाद अंबेडकर ने आगे की पढ़ाई करने के बाद बारे में विचार किया जिसके बाद वे एक बार फिर से भारत से बाहर इंग्लैंड गए इसके बाद उन्होंने अपने खर्चों का भार खुद उठा लिया, यहां लंदन यूनिवर्सिटी ने उन्हें डीएससी के अवार्ड से सम्मानित किया। अंबेडकर जी कुछ समय जर्मनी के बोन यूनिवर्सिटी में भी समय गुजारा यहां उन्होंने इकोनॉमिक्स में अधिक अध्ययन करने का अवसर मिला। 8 जून 1927 को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के दलित आंदोलन के बारे में 


भारत लौटने के बाद अंबेडकर जी ने छुआछूत एवं जातिवाद के खिलाफ मोर्चा शुरू किया, अंबेडकर जी ने कहा कि नीची जाति एवं जनजाति और दलित के लिए देश में अलग से एक चुनाव प्रणाली होनी चाहिए, इनका मनना था कि उन्हें भी सामान्य लोगों की तरह पूरा हक मिलना चाहिए,  विदेश के चुनाव में अंबेडकर जी ने इनके रिजर्वेशन की बात रखी अंबेडकर जी देश के कई हिस्सों में गए जहां वे लोगों को समझाया कि अपनी पुरानी प्रचलित प्रथा है वह सामाजिक बुराई है उसे जड़ से उखाड़ कर फेंकना चाहिए। भीमराव अंबेडकर ने एक न्यूज़पेपर मूक्नायका (लीडर ऑफ साइलेंट) शुरू किया। एक बार उनकी रैली में उनके भाषण को सुनने के बाद कोल्हापुर के शासक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद पूरे देश में हल्ला हो गया था जिसके बाद देश की राजनीति में एक नई मोड़।


 भीमराव अंबेडकर के राजनैतिक सफर के बारे में 


डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने स्वतंत्रता  मजदूर पार्टी का गठन किया, विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 15 सीट से जीत मिली अंबेडकर जी अपनी इस पार्टी को ऑल इंडिया शेड्यूल कास्ट पार्टी में बदल दिया। पार्टी के साथ विधान संविधान सभा के चुनाव में खड़े हुए लेकिन चुनीव में इस पार्टी का बहुत ही खराब प्रदर्शन दिया था, जिससे सब लोग उन्हें हरिजन बोला करते थे लेकिन अंबेडकर जी को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने उस बात का विरोध किया, उनका कहना था कि अछूत लोग भी  समाज के एक हिस्सा हैं बाकी लोगों की तरह सामान्य इंसान है। अंबेडकर जी के रक्षा सलाहकार कमेटी में रखा गया व वाइसराय एग्जीक्यूटिव काउंसिल में उन्हें लेबर का मंत्री बनाया गया। वे आजाद भारत के पहले दलित होने के बावजूद भी उन्हें मंत्री बनने का अवसर मिला जो कि एक बहुत बड़ी उपाधि थी।

 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा संविधान का गठन 


भीमराव अंबेडकर को संविधान कमेटी का चेयरमैन बनाया गया उनके एवं प्रख्यात विधिवेत्ता भी कहा जाता है। अंबेडकर जी ने देश के विभिन्न जातियों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए एक पुलिया का काम किया था, वह सब के समान अधिकार की बात पर जोर दिए। अंबेडकर के मुताबिक देश के अलग-अलग जाति एक दूसरे से लड़ाई खत्म नहीं करेंगे तो कभी भी देश एकजुट होकर सामने नहीं आएगा।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का बौद्ध धर्म में रूपांतर करना


 साल 1950 में अंबेडकर जी ने एक सम्मेलन को अटेंड करने के लिए श्री लंका गए, वहां जाकर उनका जीवन बदला वे बौध धर्म से अत्यधिक प्रभावित हुए और उन्होंने फिर अपना धर्म रूपांतरण किया,  धर्म रूपांतरण करने के बाद उन्होंने बौध धर्म के बारे में  किताब लिखी वह अपने आप को इस धर्म में बदल लिया, अपने भाषण में अंबेडकर जी ने हिंदू रीति रिवाज व जाति विभाजन की घोर निंदा की। 1955 में उन्हें भारतीय बौद्ध महासभा का गठन किया, उनकी बुक द बुद्धा व उनका धर्म का विभाजन उनके मरणोपरांत हुआ था।

 14 अक्टूबर 1956 को अंबेडकर जी एक आम सभा का आयोजन किया, जहां उन्होंने अपने 5 लाख सपोर्टर का बौद्ध धर्म में परिवर्तन  करवाया था। अंबेडकर जी काठमांडू में आयोजित चौथी वर्ल्ड बुद्धिस्ट कॉन्फ्रेंस को अटेंड करने गए 2 दिसंबर 1956 में उन्होंने अपनी पुस्तक द बुद्धा और कार्ल मार्क्स का हस्तलिपिक पूरा किया।


 भीमराव अंबेडकर की मृत्यु के बारे में 


अंबेडकर जी अपनी सेहत से बहुत परेशान थे उन्हें शुगर, आंखों में धुंधलापन एवं और अन्य कई तरह की बीमारियां होने लगी थी। 6 दिसंबर 1956 को अपने दिल्ली के घर में अंतिम सांस ली। उन्होंने बैद्ध धर्म को अपनाया था इसलिए उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के रीति रिवाज के मुताबिक हुआ था।


  भीमराव अंबेडकर को दिए गए सम्मान एवं पुरस्कार 

  • बाबासाहेब आंबेडकर को उनके महान कार्य के चलते कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है आइए जानते हैं इनके बारे में- 
  • भीमराव अंबेडकर जी की स्मारक दिल्ली स्थित उनके घर 26 अलीपुर रोड में स्थापित की गई है।
  •  अंबेडकर जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है।
  •  1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
  •  सार्वजनिक स्थानों का नाम उनके सम्मान में उनके नाम पर रखा गया है जैसे हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में डॉक्टर अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, बी. आर. अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर। 
  • डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर में है जो कि पहले सोनेगांव हवाई अड्डा के नाम से जाना जाता था। अंबेडकर का एक बड़ा अधिकारिक चित्र भारतीय संसद भवन में प्रदर्शित किया गया है।


15 facts About Dr. Bhimrao Ambedkar , डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से जुड़े अनसुने 15 फैक्ट


15 facts About Dr. Bhimrao Ambedkar : डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के नजदीक स्थित मुह में हुआ था। जिसका नाम आज बदलकर भीमराव अंबेडकर के सम्मान में डॉक्टर अंबेडकर नगर रख दिया गया है। भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर दलित जाति से थे, जिसके चलते जन्म से ही उन्होंने छुआछूत का सामना किया है। नीची जाति के चलते उन्होंने अपने जीवन में बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए भी संघर्षों का सामना करते हुए भी बाबासाहेब अपने जीवन में अपने लक्ष्य के लिए आगे बढ़ते रहे, नीची जाति के होने के चलते इन्हें लोगों से सामाजिक बहिष्कार, अपमान, भेद भाव का सामना करना पड़ा, ऐसे में आइए जानते हैं कि इतने संघर्ष के बावजूद भी भीमराव अंबेडकर को आज के समय में महान क्यों माना जाता है और आइए जानते हैं इनके कार्यों के बारे में -


  भीमराव अंबेडकर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य


1. भीमराव अंबेडकर ने अपने माता पिता के 14 वीं एवं आखिरी संतान थे। भीमराव अंबेडकर के पूर्वज काफी समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में कार्यरत थे, इनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सुबेदार थे।

2. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का मूल नाम अंबावाडेकर था इनके एक शिक्षक महादेव अंबेडकर जो इन्हें बहुत मानते थे उन्होंने इनका स्कूल रिकॉर्ड में नाम बदलकर अंबावेडकर से अंबेडकर कर दिया था।

3. भीमराव अंबेडकर मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में 2 साल तक प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत थे।

4. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान की धारा 370 जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देता है उसके खिलाफ थे, अंबेडकर नहीं चाहते थे कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया जाए।

5. भीमराव अंबेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री लेने वाले पहले भारतीय व्यक्ति थे।

6. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सालों तक डायबिटीज से पूरी तरह से ग्रसित थे।

7. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक ऐसे एकमात्र ऐसे भारतीय हैं जिनकी पोट्रेट लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।

8.डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ही भारतीय झंडा में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय जाता है।

9. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर लेबर  मेंमबर ऑफ द वायसरॉय एक्जीक्यूटीव काउंसील के सदस्य थे इनके ही चलते फैक्ट्रियों में कम से कम 12 से 14 घंटे काम करने का नियम बदलकर 8 घंटे रखा गया था।

10. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर महिला श्रमिकों के लिए सहायक मेटरनिटी बेनिफिट फॉर वुमन लेबर वेलफेयर फंड, वुमन एंड चाइल्ड लेबर प्रोटेक्शन एक्ट जैसे कानून बनाए थे।

11. इकोनामिक नोबेल प्राइज जीत चुके अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को अर्थशास्त्र  में अपना पिता मानते थे।

12. बेहतर विकास के लिए 50 के दशक में ही भीमराव अंबेडकर ने मध्यप्रदेश और बिहार के विभाजन का प्रस्ताव रखा था। पर साल 2000 में जाकर यह विभाजन हुआ, जिसके बाद छत्तीसगढ़ और झारखंड का भी गठन हुआ।

13. भीमराव अंबेडकर को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था कहा जाता है कि उनकी पर्सनल लाइब्रेरी दुनिया की सबसे बड़ी व्यक्तिगत लाइब्रेरी थी जिसमें 50,000 से अधिक किताबें थीं। 

14.डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की दो शादियां हुई थीं, पहली 9 वर्षीय बालिका रमाबाई के साथ हुई थी तब बाबासाहेब की उम्र मात्र 15 साल थी। दूसरी रमाबाई की मृत्यु के बाद हेल्थ इसूज के बाद 57 साल की उम्र में शारदा कबीर से हुई थी।  

15. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संविधान सभा के अध्यक्ष एवं आजद भारत के कानून मंत्री थे।
 


06-12-2022


Mahaparinirvan Day 2022, महापरिनिर्वाण दिवस क्या है और यह क्यों मनाया जाता है
 

Mahaparinirvan Day 2022 : हर साल 6 दिसंबर को डॉक्टर भीमराव रामजी अंबेडकर जिन्हें लोग डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से जानते हैं और जिन्हें भारतीय संविधान के जनक कहा जाता है, इनके पुण्यतिथि के अवसर पर हर साल महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है। बाबासाहेब आंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। इस दिन को मनाने का पीछे का कारण भीमराव अंबेडकर को सम्मानित एवं श्रद्धांजलि देना है। ऐसे में आइए जानते हैं कि महापरिनिर्वाण दिवस क्या है और इसे बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर क्यों मनाया जाता है और इसे मनाने का क्या महत्व है।

 महापरिनिर्वाण क्या है 


परिनिर्वाण का अर्थ है मृत्यु पश्चात निर्वाण अर्थात मौत के बाद निर्वाण। परीनिर्वाण बौद्ध धर्म के कई प्रमुख सिद्धांत एवं लक्ष्य में से एक है जोकि बाबासाहेब अंबेडकर ने धर्म हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म में धर्मांतरण कर लिया था इस कारण उनका अंतिम संस्कार भी बौद्ध धर्म तरीके से हुआ था। बौद्ध धर्म के कई सिद्धांतों एवं लक्ष्य में से एक परिनिर्वाण है और इसके मुताबिक जो व्यक्ति निर्वाण करता है, वह सांसारिक मोह, माया, इच्छा, जीवन की पीड़ा से मुक्त रहता है साथ ही जीवन चक्र से भी मुक्त रहता है। निर्वाण को हासिल करना आसान नहीं है, इसके लिए सदाचारी एवं धर्म सम्मत जीवन व्यतीत करना पड़ता है। बौद्ध धर्म में 80 साल के भगवान बुद्ध के निधन को महापरिनिर्वाण कहा जाता है।


 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता है


 गरीब एवं दलित वर्ग की स्थिति और जीवन में सुधार लाने में भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, उन्होंने समाज सेवा सहित रूढ़िवादी प्रथाओं को समाप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि उनके बौद्ध गुरु डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक सदाचारी थे, भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों के मुताबिक डॉ भीमराव भी अपने कार्यों से निर्वाण प्राप्त कर चुके थे, इसलिए उनके पुण्यतिथि के अवसर को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कई सालों तक बौद्ध धर्म का अध्ययन कर 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया था। मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म के नियम के मुताबिक हुआ था।  मुंबई के दादर चौपाटी में जिस जगह डॉक्टर अंबेडकर का अंतिम संस्कार किया गया उसको अब चैत्यभूमी के नाम से जाना जाता है।


 महापरिनिर्वाण दिवस कैसे मनाया जाता है 


भारतीय संविधानसभा के अध्यक्ष एवं निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि जो कि  6 दिसंबर को मनाई जाती है, महापरिनिर्वाण दिवस के दिन  लोग भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं और दीपक एवं मोमबत्तियां जलाई जाती है इसके बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग इकट्ठा होते हैं इस दिन बौद्ध भिक्षुओं समेत कई लोग पवित्र गीत गाकर बाबासाहेब के नाम के नारे लगाते हैं। 


Nagpur Metro Guinness World Record, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई और महा मेट्रो की टीम के द्वारा नागपुर में बनाए गए हाईवे फ्लाईओवर एवं मेट्रो रेल के साथ सिंगल कॉलम पर समर्थित सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई और महामेट्रो की टीम को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी है।  केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट्स के एक सीरीज में एनएचएआई एवं महामंत्री को एकल स्तंभ पर समर्थित हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो के साथ सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट का निर्माण करके नागपुर में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड पर नाम दर्ज करवाने को लेकर बधाई और शुभकामनाएं दी है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट को पहले ही एशिया बुक और इंडिया बुक से रिकॉर्ड हासिल हो चुका है। अब यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देश के लिए गौरव की बात है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि वह उन अविश्वसनीय इंजीनियरों अधिकारियों एवं श्रमिकों को दिल से धन्यवाद देने एवं सलाम करते हैं जो इस फ्लाईओवर को बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे।  


डबल डेकर बस डक्ट की खासियत क्या है 


वर्धा रोड पर बने 3.14 किलोमीटर लंबे इस डबल डेकर वायलेट में कुल 3 मेट्रो स्टेशन है जिसमें छत्रपति नगर, जयप्रकाश नगर एवं उज्जवल नगर जैसे क्षेत्र शामिल हैं, इन मेट्रो स्टेशन की इंजीनियरिंग विचार प्रोसेस, अवधारणा डिजाइन और क्रियान्वयन किसी चुनौती से कम नहीं थी, जब शुरुआत में इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई थी तब हाईवे फ्लाईओवर एवं मेट्रो रेल का संरेखण वर्धा रोड पर एक ही मौजूदा हाईवे पर था, जिसमें माध्यिका पर प्रस्तावित वैकल्पिक स्थानों पर इंडिपेंडेंस पियर्स थे। बाद में इसकी समीक्षा की गई और डबल डेकर वायाडक्ट बनाने के लिए राजमार्ग फ्लाई ओवर  और मेट्रो रेल को एकीकृत करने का फैसला किया गया। 


नागपुर मेट्रो के बारे में


हाईवे फ्लाईओवर और दूसरे स्तर पर मेट्रो रेल को वहन करेगा जिससे यह जमीनी स्तर पर मौजूद राजमार्ग के साथ ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम बन जाती है, इसके अतिरिक्त यह प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण से बचाने में मदद करेगी, जिससे भूमि लागत की बचत होने के साथ-साथ निर्माण और प्रोजेक्ट लागत में भी कमी आएगी। गिनीज वर्ल्ड रिकॉडर्स  लंदन के एक बयान में कहा है कि नागपुर महाराष्ट्र में वर्धा रोड पर 3.14 किलोमीटर के  डबल डेकर वायाडक्ट 5 मार्च 2019 से शुरू किया गया था।  


International Civil Aviation Day, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस थीम और उद्देश्य क्या है


International Civil Aviation Day : हर साल 7 दिसंबर को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस दिन को मान्यता देने के बाद से अधिकारिक रूप से पहली बार 7 दिसंबर 1996 को इस दिन को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में कनाडाई सरकार की सहायता से 7 दिसंबर को इंटरनेशनल सिविल एवियशन डे को ऑफिशियल तरीके से मान्यता दी थी। तब से लेकर अब तक हर 5 साल के बाद अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के लिए एक विशेष थीम बनाती है जिसके आधार पर यह दिन मनाया जाता है।  विश्व के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में विमानन के महत्व को पहचानने के लिए हर साल विश्व स्तर पर 7 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस साल 2022 का थीम


 इस साल अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस साल 2022 का थीम वैश्विक विमानन विकास के लिए उन्नत नवाचार रखा गया है। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस साल 2022 के अवसर पर कई कार्यक्रम का आयोजन होना है। 

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस क्यों मनाया जाता है


 दुनिया भर में 7 दिसंबर को नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है, सबसे पहली बार नागरिक उड्डयन दिवस 7 दिसंबर 1994 को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन द्वारा संगठन बनाया गया था, इसके बाद 7 दिसंबर को नागरिक उड्डयन दिवस मनाया जाता है। नागरिक उड्डयन दिवस मनाने का उद्देश्य देश में सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के महत्व को मान्यता दिलाना और लोगों को इसके विषय में जागरूक करना है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक दिवस मानव जाति की सेवा के लिए वैश्विक महत्व को समझने एवं सहयोग करने में विभिन्न देशों की मदद कर रहा है।


  प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य 


1.अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस कब मनाया जाता है?
 7 दिसंबर 

2.साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस का थीम क्या रखा गया था? 
वैश्विक विमानन विकास के लिए उन्नत नवाचार 

3.अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की स्थापना कब हुई थी?
 7 दिसंबर 1994 

4.अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन का मुख्यालय कहां है? 
मटेरियल कनाड



Armed Forces Flag Day,  सशस्त्र बल झंडा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है


Armed Forces Flag Day : आर्म्ड फोर्सज फ्लैग डे हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन को सशस्त्र बल झंडा दिवस या फ्लैग डे कहा जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र सेना के कर्मियों के कल्याण के लिए फंड इकट्ठा करना और उनके परिवार एवं सेना के लिए खर्च करना है। सशस्त्र बल झंडा दिवस की शुरुआत 7 सितंबर दिसंबर 1949 को हुई थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की डिफेंस कमिटी ने युद्ध दिग्गजों एवं उनके परिवारों के कल्याण के लिए 7 दिसंबर को सशस्त्र बल झंडा दिवस यानी फ्लैग डे मनाने का फैसला कमेटी द्वारा लिया गया था, तब से लेकर हर साल 7 दिसंबर को सशस्त्र बल झंडा दिवस मनाया जाता है। सरकार ने 1993 में संबंधित सभी फंड को एक झंडा सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में फंड रखा था, ताकि सशस्त्र सैन्य बलों के परिजनों के ऊपर उसको खर्च किया जा सके।


सशस्त्र झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है


सशस्त्र झंडा दिवस  पर इकट्ठा किए गए धन के तीन मुख्य उद्देश्य है 

1. युद्ध के समय हुए नुकसान की भरपाई या मदद 
2. सेना में कार्य कर रहे लोगों को और उनके परिवारों के कल्याण एवं मदद के लिए 
3. सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के मदद के लिए उस फंड का उपयोग किया जाता है।

 सशस्त्र झंडा दिवस के दिन भारतीय सैनिक, इंडियन एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी के द्वारा कार्यक्रम आयोजित करते हैं, कार्यक्रम से जो धन इकट्ठा होता है उसको आर्म्ड फोर्सज फ्लैग डे फंड में रखा जाता है। रक्षा मंत्री के तहत आने वाले केंद्रीय सैनिक बोर्ड की स्थानीय ब्रांच इस दिन फंड इक्कट्ठा करते हैं, इसमें एक मैनेजमेंट कमेटी एवं स्वयंसेवी संगठन होते हैं।


 सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर लाल और नीले रंग के झंडे क्यों दिए जाते हैं 


देशभर में सैन्य बलों के लिए इकट्ठा किए गए धन के बदले लाल, गहरे नीले और हल्के नीले रंग के झंडे दिए जाते हैं। तीनों रंग भारत की तीनों सेना का प्रतीक हैं, नौसेना, भारतीयसेना,वायु सेना और भारतीय सेना का प्रतीक है। यह दिन हमें इस बात की ओर ध्यान केंद्रित करती हैं कि सीमा पर मुश्किल हालातों में डटे हुए जवानों के परिजन के लिए हमें उनके साथ खड़ा होना चाहिए।


ऑनलाइन मदद भी कर सकते हैं


 वेबसाइट पर जाकर कर आप आर्थिक सहायता कर सकते हैं,  देश के लाखों सेनाओं के लिए आर्थिक सहयोग करना चाहते हैं तो आपको केंद्रीय सैनिक बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से अपना सहयोग राशि जमा कर सकते हैं।  

07-11-2022


RBI Monetary Policy 2022, आरबीआई ने एक बार फिर बढ़ाया रेपो रेट, 0.35% बढ़कर 6.25% किया


 RBI Monetary Policy 2022 : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 3 दिनों तक चले मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के बैठक के बाद रेपो रेट को एक बार फिर बढ़ाने की घोषणा की है, आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी है, अब आरबीआई की रिपोर्ट पढ़कर 6.25 परसेंट हो गई है, इसके पहले आरबीआई ने अक्टूबर और अगस्त में भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90 परसेंट कर दिया था। मई के महीने में हुई एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट से बढ़ाकर 4.90% किया गया था। आइए जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर ने मीटिंग के बाद क्या कहा है और रेपो रेट को लेकर उनके क्या विचार हैं, 


आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा है 


आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट की बढ़ोतरी की घोषणा की है साथ ही कहा है कि अगले 4 महीने में महंगाई दर बने रहने की संभावना है। मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 ने रेपो रेट को बढ़ाने के फैसले को सपोर्ट किया था। आरबीआई गवर्नर की घोषणा करते हुए कहा कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों की मांग में सुधार दिख रहा है। आरबीआई गवर्नर कहा है कि फाइनेंशिल ईयर 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% हो सकता है, इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है की फाइनेंशियल ईयर 2023 के पहली तिमाही  में सीपीआई 5 परसेंट रह सकती है।


 आरबीआई रेपो रेट नतीजन, विभिन्न दरें निम्नानुसार हैं- 


रेपो रेट  6.25%  
स्थायी जमा सुविधा (fixed deposit facility)-6.00%  
सीमांत स्थायी सुविधा दर (marginal standing facility rate) - 6.50%  
बैंक दर (Bank rate)- 6.50%  
फिक्स्ड रिवर्स रेपो रेट (fixed reverse repo rate) 3.35%
नकद आरक्षित अनुपात (cash reserve ratio) - 4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (statutory liquidity ratio) -18.00%
 

 3 दिन के बैठक के बारे में 


एक्सपर्ट के मुताबिक रिटेल मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत एवं वृद्धि को आगे बढ़ाने की आवश्यकता के बीच आरबीआई अपने आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा में रेपो रेट में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी का ऑप्शन है। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई शुरू से ही मौद्रिक नीति समिति एमपीसी की 3 दिवसीय बैठक के बाद 7 दिसंबर बुधवार को अपनी अगली द्विमासिक पॉलसी को पेश की है।
 

 रेपो रेट क्या है  

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक कर्ज से ग्राहकों को ऋण देता है, बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रोवाइड करते हैं, रेपो रेट कम होने का मतलब है ग्राहक अब कम दाम में लोन या कर्ज ले सकेंगे, आसान भाषा में कहें तो सस्ते दामों पर कर्ज लेना रेपो रेट कहलाता है।
 

Parliament Winter Session, 16 नए बिल लाने की संभावना, जाने कौन से विधेयक होंगे पास 


Parliament Winter Session :  7 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। यह सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा इस सेशन के दौरान संसद में 16 बिल पेश किए जाएंगे और साथ लंबित विधेयक को पास करने की कोशिश भी की जाएगी, आपको बता दें कि यह सत्र राज्यसभा के 258 वां सत्र है।  इस बार सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहली बार उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे। पहले दिन कई बिल पेश की जाने की उम्मीद है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि शीतकालीन सेशन बहुत महत्वपूर्ण है 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं, अब भारत में अमृत काल की यात्रा में आगे बढ़े हैं, ऐसे में हिंदुस्तान को g20 की मेजबानी करने का अवसर मिला है। भारत के वैश्विक मंच पर अपनी भागीदारी बढ़ाता जा रहा है, g20 सम्मिट पूरे भारत के सामने का एक बहुत बड़ा अवसर है, यह विंटर सेशन के दौरान महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।

 7 दिसंबर को केंद्र सरकार संसद में विधेयक पेश करने वाली है, आने वाले कुछ विधेयक कुछ इस प्रकार से हैं।


 विधेयकों में व्यापार चिन्ह संशोधन विधेयक 2022, 
वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एवं संरक्षण ) संशोधन विधेयक 2022, 
कुछ प्रोसेस  को सरल बनाने के लिए  मूल अधिनियम में संसोधन करने का प्रयास है।

निरसन और संशोधन विधेयक 2022 शामिल है। संशोधन विधेयक, 2022 के कुछ पहलुओं को शामिल करना चाहते हैं, (उसके लिए रजिस्ट्रेशन करने एवं कई देशों में उनकी सुरक्षा के लिए एक स्टॉप सॉल्यूशन प्रोवाइड करती है, वही वस्तुओं के भौगोलिक संकेत और संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के कुछ प्रोसेस को सरल बनाने के लिए नियम में संशोधन करने का प्रयास है। कुछ अन्य विधेयकों में बहु राज्य सहकारी समितियां विधेयक 2022 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2019 में 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विदेश मामलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था । 

 लोकसभा में आज बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम 2002 में संशोधन के लिए बहुराज्य सहकारी समिति संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जाएगा। गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह इस विधेयक को प्रस्तुत करेंगे।

 समुद्री जल दस्युता रोधी विधेयक 2019 भी सदन में विचार एवं पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। इस विधेयक को विदेश मंत्री डॉ सुब्रमण्यम जयशंकर समुद्र में डकैती की रोकथाम के लिए विशेष प्रावधान एवं समुद्री डकैती अपराध के लिए सजा का प्रावधान करने के लिए प्रेसेंट किया जाएगा।

 डॉ जयशंकर भारत की विदेश नीति में नवीनतम घटनाक्रम के बारे में वक्तव्य देंगे।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह भी वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग से संबंधित संसद की स्थाई समिति की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन 360 वीं रिपोर्ट सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति पर बयान देंगे।

 राज्यसभा में केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में संशोधन के लिए वन्य जीव संरक्षण विधेयक 2022 पेश करेंगे। इसे पहले ही लोकसभा में पास किया जा चुका है। 
 


Virtual Drone E-learning Platform,वर्चुअल ड्रोन ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म क्या है, जिसे अनुराग ठाकुर ने लॉन्च किया है


Virtual Drone E-learning Platform : सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 6 दिसंबर को चेन्नई के पास चेंगलपेट में अग्नि कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी में वर्चुअल ड्रोन ई   लर्निंग प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया है, आइए जानते हैं इस लेकर महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में  विस्तार से-

 सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी तरह की पहली ड्रोन यात्रा को हरी झंडी दिखाई है।
 ड्रोन तकनीक रक्षा, कृषि, बागवानी, सिनेमा के लिए महत्वपूर्ण है और कई क्षेत्रों के लिए स्थानापन्न हो सकती है।
चेंगलपेट जिले में गरुड़ एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी द्वारा 2 साल के समय में  मेक इन इंडिया योजना के अंतर्गत कम से कम 100000 ड्रोन पायलट बनाए जाएंगे।
 भारत ड्रोन तकनीक में अत्याधुनिक विकास करने में महत्वपूर्ण प्रगति की ओर अग्रसर है।
 अवैध खनन को रोकने के लिए ड्रोन टैकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। 
कृषि पर व्यापक प्रभाव पैदा करने के लिए उनका प्रयोग किया जाएगा।

ड्रोन यात्रा के बारे में विस्तार से 


गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन यात्रा ऑपरेशन 777 का उद्घाटन कृषि उपयोग के लिए किया गया था। देश भर में कृषि कार्य को आसान बनाने के लिए के लिए 777 जिलों को कवर करने के लिए तैयार है।

ड्रोन यात्रा किसानों को प्रौद्योगिकी के बारे में अच्छे से समझाने में सहायता करेगी साथ ही उनके फसल के बारे में अच्छा दृष्टिकोण भी प्रोवाइड करेगी।

ड्रोन वास्तव में एग्रीकल्चर इकोसिस्टम के लिए क्रांतिकारी हैं और गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन की सहायता से प्रभावी कृषि तकनीकों  के साथ किसानों की मदद करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है।

गरुड़ एयरोस्पेस अगले 2 सालों में एक लाख से ज्यादा ड्रोन बनाएगा।

गरुड़ द्वारा वर्तमान में डेवलप किए जा रहे किसान ड्रोन में सेंसर, कैमरे और स्प्रेयर लगे हैं जो कि खाद्य फसल के उत्पादन को बढ़ाने का काम करेगी साथ ही फसल के नुकसान को कम करने एवं हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने वाले किसानों के लिए सहायता करेगी। 

08-12-2022


International Anti-Corruption Day, अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का इतिहास, महत्व एवं थीम क्या है


International Anti-Corruption Day : भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है जोकि देश के समाज एवं आर्थिक विकास को कमजोर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भ्रष्टाचार के चलते देश के विकास पर  इसका बहुत गहरा असर पड़ता है। आज के समय में ऐसा कोई देश, समुदाय, क्षेत्र और व्यक्ति नहीं है जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो। भ्रष्टाचार एक ऐसी संक्रामक बीमारी की तरह है जो विश्व के हर क्षेत्र में फैला हुआ है और जिसका कोई इलाज नहीं है। भ्रष्टाचार के चलते धीरे-धीरे लोकतांत्रिक संस्थाएं भी कमजोर होती जा रही है, सरकारी संस्थानों में भी भ्रष्टाचार का महत्वपूर्ण योगदान है, जो कि देश और समाज के आर्थिक विकास को कमजोर करता है, इसीलिए हर साल विश्व स्तर पर भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों को अधिक से अधिक भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक किया जा सके कि भ्रष्टाचार एक कानूनन अपराध है।  

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का इतिहास क्या है 


अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की शुरुआत 31 अक्टूबर 2003 से शुरू हुई थी। महासभा ने जब भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को अपनाया था, और अनुरोध किया था कि महासचिव ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को राज्यों के दलों के सम्मेलन के लिए सचिवालय के रूप में (संकल्प 58/4) नामित किया जाए  भ्रष्टाचार के बारे में अवेयरनेस बढ़ाने एवं इससे निपटने के लिए कन्वेंशन की भूमिका के लिए विधानसभा में 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में नामित किया था, जो कि यह कन्वेंशन साल 2005 दिसंबर में लागू हुआ था।

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का महत्व क्या है 


अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस यानी इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे का महत्व विश्व स्तर पर लोगों को करप्शन से कैसे और क्यों बचना चाहिए। भ्रष्टाचार विरोधी दिवस समूह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो कि इस कदाचार के प्रति जागरूकता फैलाते हैं एवं अपने कार्यस्थल, समाज, देश और लोगों को भ्रष्टाचार से बचाने के संसाधनों और तरीकों को शेयर करते हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव को बचाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ गहरी होने से रोकने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार के चलते देश की नींव कमजोर होती है और यह किसी देश के विकास की सबसे बड़ी बाधा में से एक बनती है। भ्रष्टाचार एक ऐसा स्वार्थ है जो अपने अलावा किसी को भी बढ़ने नहीं देती है।


अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का थीम क्या है 


कोरोनावायरस चलते दुनिया की आर्थिक स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं सप्लाई सिस्टम के पुनरुद्धार को ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार पर तुरंत कार्रवाई करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके चलते इस साल अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस की थीम रिकवरी विद इंटीग्रिटी रखी गई है। आइए जानते हैं कि भारत में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कौन - कौन से महत्वपूर्ण संस्थाएं एवं पहल शुरू की गई है।
 

भारत में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण पहल 

  • अखिल भारतीय सेवा नियम 1954 एवं केंद्रीय नागरिक सेवा नियम 1956
  • 1964 में केंद्रीय सतर्कता ओयोग की स्थापना 
  • बेनामी लेन-देन एक्ट 1988
  • सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण
  • सूचना का अधिकार 2005
  • व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट 2014
  • सरकारी सहायता का प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण 
  • लोकपाल
  • विमुद्रीकरण और डिजिटल मनी का प्रोतेसाहन
  • लेखा परीक्षण एवं लेखांकन प्रक्रियाओं को मजबूत करना
  • भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट 1988, भ्रष्टाचार रोकथाम विधेयक 2018
  • गवर्नमेंट ई मार्केट जैसे उपायों ने सार्वजनिक खरीद में जवाबदेही
  • सरकार के द्वारा ई गवर्नेंस को बढ़ावा देना 
  • काले धन से लड़ने के लिए विसेष जाँच टीम का गठन करना
  • बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 को मजबूत बनाने के लिए संशोधन

 
 भ्रष्टाचार के कारण क्या हैं 

  • निरक्षरता  गरीबी और जागरूकता की कमी के चलते लोग अपने अधिकार के प्रति जागरूक नहीं होते हैं जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ़ता है।
  •  कम वेतन एवं पारिश्रमिक भ्रष्टाचार की गतिविधियों को और ज्यादा बढ़ावा देती है।
  •  कठोर कानूनों एवं इंस्टेंट जस्टिस सिस्टम की कमी।
  •  सार्वजनिक खरीदी व्यापार समझौते में ट्रांसपेरेंसी की कमी।
  •  पॉलिटिक्स, एडमिनिस्ट्रेटिव और जस्टिस सिस्टम में रिस्पांसिबिलिटी की कमी।
  •  कुशल नियामक की कमी में अनुचित व्यापार गतिविधियों का प्रोत्साहन।
  •  विकास मुखी प्रोग्राम के प्रभावी मैनेजमेंट एवं कुशल कार्यान्वयन का अभाव।
  •  देश में आर्थिक विकास एवं आर्थिक स्थिरता की कमी।
  •  जनसंख्या के आकार में रिसोर्सेज की कमी होना।
  •  देश में कॉर्पोरेट एवं पॉलिटिक्स का गठजोड़ होना।
  •  भ्रष्टाचार को समाज के द्वारा स्वीकृति विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग करना। 

 

Ustad Yojana, उस्ताद योजना क्या है और यह क्यों लाया गया है, जानें विस्तार से


Ustad Yojana : सरकार ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अल्पसंख्यकों को जिनमें विशेष रूप से आर्थिक रूप से जो लोग कमजोर एवं समाज के कम विशेष अधिकार प्राप्त करने वाले वर्गों सहित हर एक तबके के कल्याण एवं उत्थान और उनके आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की है। 

उस्ताद योजना किसके लिए लाया गया है


अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय पारंपरिक कला रूपों से जुड़े अल्पसंख्यक समुदायों को रोजगार के अवसर देने एवं रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए राजस्थान एवं कर्नाटक राज्य सहित पूरे भारत में उस्ताद योजना को लागू किया है। महिला लाभार्थियों के लिए 33 परसेंट आवंटन के साथ उस्ताद योजना अल्पसंख्यक समुदायों की पारंपरिक कला एवं शिल्प की विरासत को संरक्षण प्रदान करने एवं पारंपरिक सरकारों और कारीगरों की क्षमता को बेहतर निर्माण करने और वैश्विक बाजार के साथ पारंपरिक कौशल के संबंध स्थापित करना चाहती है।

उस्ताद योजना का उद्देश्य


 हुनर हाट, देशभर के अल्पसंख्यक कारीगरों/शिल्पकारों  और पाक विशेषज्ञों को अपनी बेहतरीन हस्तशिल्प एवं स्वदेशी उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए एक बेहतर स्टेज प्रदान करता है। उस्ताद योजना  को अब एक नई योजना के कंपोनेंट के रूप में विलय कर दिया गया है, जिसे प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन पीएम विकास के नाम से जाना जाता है। फाइनेनशियल ईयर 2022-23, में स्किल डेवलपमेंट, एजुकेशन, नेतृत्व के माध्यम से अल्पसंख्यक लोगों को विशेष रूप से आजीविका को सुधार करने के लक्ष्य से इस परिवर्तन को किया गया है। यह योजना की जानकारी अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर के दौरान दिया है।


World Mountain Day, विश्व पर्वत दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जानें इसके थीम और इतिहास के बारे में


World Mountain Day : हर साल 11 दिसंबर को पहाड़ों के महत्व के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया जाता है। पर्वतीय संरक्षण दीर्घकालिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, पृथ्वी के लगभग 27% हिस्सा पहाड़ से घिरा हुआ है, संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया की लगभग 15% आबादी पहाड़ों पर रहती है, ग्लोबल वार्मिंग एवं दूसरे अन्य क्लाइमेट चेंजेज़ के चलते अब पहाड़ों पर रहने वाले जीव जंतु और मनुष्य के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है और इसी खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एवं इस संकट के निवारण के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्वत दिवस मनाया जाता है।


विश्व पर्वत दिवस मनाने का इतिहास क्या है 


संयुक्त राष्ट्र ने साल 1992 में सतत विकास आयोग सीएसडी के दौरान फ्रैजाइल  इको सिस्टम का प्रबंध सतत पर्वतीय विकास का डॉक्यूमेंट को अपनाया था। इसके अनुसार पहाड़ों की सुरक्षा एवं संरक्षण की आवश्यकता थी। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2003 में 11 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाने के लिए घोषणा की थी, तब से लेकर आज तक हर साल 11 दिसंबर को विश्व पर्वत दिवस मनाया जाता है।

विश्व पर्वत दिवस थीम


 हर साल पर्वत दिवस एक खास थीम के साथ मनाया जाता है और उस क्षेत्र के ऊपर साल भर ध्यान केंद्रित कर सुधार कार्य किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस साल 2022 का थीम वुमन मूव माउंटेंस रखा गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक और आर्थिक विकास में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान एवं भूमिका होती हैं, वे अक्सर पर्वतीय सोर्सेस के प्राथमिक प्रबंधक, जैव विविधता के संरक्षक, पारंपरिक ज्ञान के रक्षक, स्थानीय संस्कृति के संरक्षक एवं पारंपरिक चिकित्सा के विशेषज्ञ होती हैं। इसलिए इस बार पर्वत दिवस के अवसर पर महिलाओं को केंद्रित किया गया है।

 पहाड़ों से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें 


पहाड़ दुनिया के आधे जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट की मेजबानी करते हैं, पहाड़ 1.1 अरब लोगों का घर है जो दुनिया की आबादी के 15 परसेंट है। पहाड़ दुनिया के 70 से 80% मीठे पानी का जरिया है। पहाड़ी क्षेत्र का 40 परसेंट भाग वनों से आच्छादित है, अधिकांश खाद्य फसल में टमाटर, आलू, मक्का आदि पहाड़ों से उत्पन्न होती है, बहुत से आयुर्वेदिक, औषधीय, जड़ी बूटी, लकड़ी, फूल पत्ते, पहाड़ों से ही प्राप्त की जाती है पर्वतीय पर्यटन दुनिया भर के सभी पर्यटकों का 15 से 20 परसेंट हिस्सा है।
 

इंटरनेशनल माउंटेन डे 2022 का सिग्निफिकेंट क्या है


 पृथ्वी पर रहने वाले  एक चौथाई जीव जंतुओं, जानवरों एवं पौधे की आबादी का घर है। यह दुनिया की आधी आबादी को मीठे पानी के साथ भोजन जड़ी-बूटी, रहने के लिए स्थान और अन्य प्राकृतिक संसाधन प्रोवाइड करती है। बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन पहाड़ों पर पाई जाती है और इनकी संरक्षण एवं जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल विश्व स्तर पर पहाड़ी दिवस मनाया जाता है। पहाड़ दुनिया के 6 सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों का भी घर है, यह इकोसिस्टम को बैलेंस करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी के जलवायु को सुधारने के लिए पर्वतों का संरक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है। ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के चलते इसका असर पहाड़ों पर पढ़ रहा है, जिसके चलते तेजी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिसका असर समुद्रों पर पड़ रहा है। 


UNICEF Day 2022, यूनिसेफ दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जाने विस्तार से


UNICEF Day 2022 : हर साल 11 दिसंबर को विश्व स्तर पर यूनिसेफ दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर के बच्चों एवं किशोरों की स्वास्थ्य शिक्षा एवं उनके अधिकारों और जीवन की रक्षा के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है। यूनिसेफ से बड़े से बड़े सेलिब्रिटी भी जुड़े हुए हैं और बच्चों के अच्छी देखभाल के लिए अपना योगदान देते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1946 में 11 दिसंबर को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूनिसेफ दिवस को मनाने की घोषणा की थी। इसी साल संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपत्कालीन कोष यानी यूनिसेफ का गठन भी किया था।

 यूनिसेफ दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है 


यूनिसेफ दिवस मनाने का खास उद्देश्य बच्चों के जीवन को बचाना, उनके अधिकारों की रक्षा करना एवं उनके बचपन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की थी। बचपन से किशोरावस्था तक उनकी क्षमता को पूरा करने में सहायता करने के लिए एवं जागरूकता बढ़ाने के लिए यूनिसेफ प्रोग्राम का मुख्य फोकस मुख्य रूप से बच्चों के एवं किशोरों के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण के ऊपर फोकस करती है।
 

 यूनिसेफ दिवस का इतिहास और महत्व क्या है


 दूसरे विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय बाल आपत्कालीन कोष की स्थापना की गई थी, जिसका उद्देश्य उन बच्चों और किशोरों के अधिकारों को की रक्षा करना था जिनकी देख रेख करने वाले कोई नहीं थे या जिनके परिवार बच्चों के देख रेख करने में सक्षम न हो या अनाथ हो,  जिससे उन्हें उनका अच्छा भविष्य निर्माण किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र का यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा एवं सामान्य कल्याण में सुधार करने पर केंद्रित है। यह संगठन 1953 में संयुक्त राष्ट्र की एक स्थाई एजेंसी बनी थी। यह गरीबी, शोषण और विकलांग बच्चों की सहायता करने के ऊपर ध्यान केंद्रित करता है।
 

यूनिसेफ दिवस का थीम क्या है 


यूनिसेफ दिवस एक निश्चित थीम के साथ मनाया जाता है, कोरोना महामारी के दौरान हुए बच्चों के जीवन में परिवर्तन एवं पिछले 2 सालों से बच्चों के शिक्षा एवं जीवन और उनके सामाजिक विकास के उद्देश्य से यूनिसेफ दुनिया भर में लगातार कार्य कर रहा है। साथ ही बच्चों एवं महिलाओं के बेहतर भविष्य के लिए यूनिसेफ नए-नए कैंपइन एवं के माध्यम से बच्चों के विकास के उपपर ध्यान दे रहा है। 


13 Important Facts Related To UNICEF, यूनिसेफ से जुड़े 13 महत्वपूर्ण फैक्ट के बारे में जाने विस्तार से



13 Important Facts Related To UNICEF : किसी भी देश के विकास एवं अच्छे भविष्य के लिए उसका आने वाला पीढ़ी का नजरिया और सोच अलग होना चाहिए तभी किसी देश का विकास बेहतर तरीके से संभव है। अक्सर कहा जाता है कि माता-पिता एवं बच्चों के बीच में जनरेशन और एज गैप होता है, जिसमें माता-पिता की जैसी सोच होती है उससे 4 गुना आगे उनके  बच्चे की सोच होती है और यही सोच और बदलाव देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण होती है। बच्चों का अच्छा सोच के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार उसके आसपास का माहौल होता है  बच्चों के बेहतर विकास स्वास्थ्य एवं शिक्षा और सामाजिक कल्याण के लिए हर साल 11 दिसंबर को विश्व बाल कोष दिवस यानी यूनिसेफ दिवस मनाया जाता है। जिसके माध्यम से बच्चों की खास देखभाल की जाती है आइए जानते हैं यूनिवसेफ से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं और बातों के बारे मे- 


यूनिसेफ से जुड़े फैक्ट


1.यह यूनिसेफ संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा बनाया गया एक संगठन है, इस संगठन के माध्यम से बच्चों को जरूरी बुनियादी चीजें उपलब्ध करवाई जाती है। यूनिसेफ प्रमुख रूप से विकासशील देशों में व्यापक स्तर पर बच्चों के लिए कार्य करती है, इसके साथ ही जो परिवार सक्षम नहीं है उन्हें सुविधाएं भी उपलब्ध करवाती है, ताकि उनके बच्चों का बेहतर विकास हो सके। गरीब परिवारों के लिए उपयुक्त पॉलिसी एवं सर्विस प्रोवाइड करने के लिए प्रति यूनिसेफ संकल्पबद्ध रहता है। यूनिसेफ सबसे अधिक गरीबी, आपदा, हिंसा, शोषण एवं विकलांगता से पीड़ित लोगों की सहायता करता है।

2. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनिसेफ 11 दिसंबर 1946 को बनाया गया था। शुरुआत में इसे संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपत्कालीन कोष के नाम से जाना जाता था, इसे  बनाने का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में बच्चों एवं महिलाओं को जरूरी एवं बेसिक सुविधाएं प्रोवाइड करवाना था।

3. 1950 में यूनिसेफ में अपना विस्तार किया और विकासशील देशों को अपने लिस्ट में शामिल किया। इससे भी बच्चों एवं महिलाओं को जरूरी सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए प्रेरित किया गया।

4. संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपत्कालीन कोष में 1953 में बड़ा बदलाव हुआ, अंतरराष्ट्रीय और आपतकालीन  इन दोनों ही शब्दों को हटाया गया। 

5.यूनिसेफ के पहले चेयर पर्सन लुडविक विटोल्ड राजचमन थे। वर्तमान में यूनिसेफ के ब्रांड एंबेस्डर मिल्ली बॉबी ब्राउन है।

6. भारत के कई बड़े हस्ती यूनिसेफ के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं, साथ ही वर्तमान में भी इस के ब्रांड एंबेसडर हैं और यूनिसेफ के साथ कार्य कर रहे हैं ताकि भारत के अलावा अन्य देशों के बच्चों का बेहतर विकास हो सके।

7. भारत में यूनिसेफ के ब्रांड एंबेसडर में प्रियंका चोपड़ा, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर एवं आमिर खान का नाम है।

8. 8 मार्च साल 2021 को यूनीसेफ ने एक बड़ा खुलासा किया था, 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, यूनिसेफ ने बाल विवाह को लेकर एक खुलासा किया था, दुनिया भर में आज भी करीब 65 करोड़ लड़कियों एवं महिलाओं का विवाह बचपन में ही कर दिया जाता है, इस बाल विवाह वाले देश के रिपोर्ट में भारत, नाइजीरिया, ब्राजील एवं बांग्लादेश है।

9. कोरोनावायरस कोविड-19 ए थ्रेट टू प्रोग्रेस अगेंस्ट चाइल्ड मैरिज थीम पर विश्लेषण किया गया जिसमें संभावना जताई गई कि इस दशक के अंत तक करीब एक करोड़ बाल विवाह हो सकते हैं।

10. वर्तमान में यूनिसेफ करीब 190 देशों एवं क्षेत्र में काम कर रहा है। यूनिसेफ देशों के साथ जुड़कर मेज़बान सरकारों के साथ मिलकर विकसित कार्यक्रमों के माध्यम से यूनिसेफ के मिशन को पूरा कर रहा है।

11. यूनिसेफ की रिपोर्ट में चौंकाने वाली एक और फैक्ट सामने आई है कि साल 2020 में करीब 31,000 बच्चे कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे, हर 2 मिनट में एक बच्चा इसके संक्रमण की चपेट में आया था। हर 5 मिनट में एक बच्चा इस बीमारी से मौत हुई थी।

12.एचआईवी एवं ऐड्स ग्लोबल स्नैपशॉट ने चेतावनी जारी करके कहा था कि इसे जल्द से जल्द इस संक्रमण को बढ़ने से रोकना होगा नहीं तो इसका बहुत बुरा असर भविष्य पर होगा।

13. साल 2022 में यूनिसेफ अपनी 76 वी वर्षगांठ मनाने जा रहा है।  



 

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