Source: safalta
22 august2022
2022 International Day of Remembrance and Tribute to the Victims of Terrorists, आतंकवादी के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजलि के अंतरराष्ट्रीय दिवस 2022 का थीम और महत्व क्या है
2022 International Day of Remembrance and Tribute to the Victims of Terrorists:आतंकवाद से पीड़ितों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 21 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह दिन आतंकवाद के शिकार लोगों को यह दिखाने के लिए मनाया जाता है कि उनके दुख को भुलाया नहीं जा सकता है और दुनिया भर में उनका सम्मान किया जाता है ।
आतंकवादी के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजलि के अंतरराष्ट्रीय दिवस 2022 का थीम क्या है?
साल 2022 के अंतरराष्ट्रीय स्मरण दिवस और आतंकवाद के पीड़ितों को श्रद्धांजलि का विषय "यादें" रखा गया है। जिसे संयुक्त राष्ट्र में उल्लेख किया गया है। थीम का चयन आतंकवाद के पीड़ितों और पीड़ितों के संघ के साथ परामर्श के बाद किया गया है।
आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजलि का अंतरराष्ट्रीय दिवस का महत्व क्या है?
यह आयोजन हर साल ना केवल आतंकवाद के हानिकारक प्रभाव को उजागर करने के लिए किया जाता है बल्कि इससे बचे हुए लोगों को समर्थन और संभावित उपचार प्रदान करने के लिए भी मनाया जाता है। "यादें" ही वह वजह है जो हमें एक दूसरे से बांधती है और याद के बिना हमारे पास अपने भविष्य बनाने के लिए कोई जड़ नहीं रहता है। इस साल आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजलि के अंतरराष्ट्रीय दिवस का अवलोकन इस प्रकार से बहुत महत्वपूर्ण है।
आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण श्रद्धांजलि के अंतरराष्ट्रीय दिवस का इतिहास क्या है?
21 अगस्त को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 19 दिसंबर 2017 को अपने संकल्प 72/165 में आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजलि के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया गया था। इससे पहले 16 जून 2011 को मानव अधिकार परिषद द्वारा संकल्प 17/8 किया गया था। जिसमें 19 अगस्त को आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजलि के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित करने के लिए आवाहन किया था।
International Day Commemorating the Victims of Acts of Violence Based on Religion, धर्म या विश्वास के आधार पर हिंसा के कृत्यों के पीड़ितों की स्मृति में अंतर्राष्ट्रीय दिवस
International Day Commemorating the Victims of Acts of Violence Based on Religion : धर्म या विश्वास के आधार पर हिंसा के कृतियों के पीड़ितों की याद में या उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 22 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इस दिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय धार्मिक आधारित हिंसा के पीड़ितों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन का उद्देश्य धर्म या विश्वास के आधार पर उसके नाम पर किए गए बुरे काम को पीड़ितों और बचे हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है।
इस दिन के बारे में
धर्म या विश्वास के आधार पर हिंसा के कृतियों के पीड़ितों की स्मृति में अंतरराष्ट्रीय दिवस के बारे में जागरुक करने के लिए 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने धर्म या विश्वास के आधार पर हिंसा के कृतियों के पीड़ितों की स्मृति में इस दिन की स्थापना की थी। यह दिन धर्म या जाति के आधार पर नरसंहार और अन्य अत्याचारों से बचे लोगों के लिए न्याय के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है। यह दिन लोगों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने का प्रयास करता है।
इस दिन का इतिहास
पोलैंड द्वारा प्रस्तावित 28 मई 2019 को 73वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस दिन को अपनाया गया था। यह दिन लोगों के बीच जागरूकता फैलाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपराधी अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और सरकार को यह प्रदर्शित करते हुए अत्याचार को फिर कभी नहीं सहन करने के लिए कार्यवाही की जानी चाहिए। पिछले दुर्व्यवहार से बचे हुए लोगों के लिए न्याय प्राप्त कराने के लिए मिलजुल कर काम करना चाहिए
Blockchain Technology,ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है और इससे कौन लाभान्वित होंगे
Blockchain Technology : झारखंड सरकार ने एक अनोखी प्रोजेक्ट शुरू की है जो किसानों को बीज के वितरण के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को नियोजित करती है। ग्लोबल ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी मेजर सेट सेटेलमेंट के सहयोग से शुरू की गई है। यह प्रोजेक्ट कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने और बीज चोरी को कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। राज्य प्रोजेक्ट के प्रमुख भाग के रूप में कृषि क्षेत्र के सभी प्रमुख सिद्धांतों यानी सप्लायर को और किसानों को शामिल करने का योजना बना रहा है। राज्य कृषि विकास के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी समाधान का प्रभावी उपयोग करने में मदद करने के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू करेगा।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में
यह योजना 18 अगस्त 2022 को कृषि निदेशालय झारखंड द्वारा शुरू किया गया था। बीज वितरण को ट्रैक करने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट की शुभारंभ के साथ झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है। जो किसानों की सहायता के लिए ब्लॉक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने जा रहा है। परियोजना जो राज्य में किसानों के बीच बीज वितरण को ट्रैक करने में सरकार की मदद करेगी योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत किसानों को प्राप्त होने वाले ने इस ब्लॉकचेन के मदद से छुटकारा पाने में सहायता मिलेगी। आगे जाकर यह टेक्नोलॉजी अन्य सरकारी योजनाओं जैसे राज्य बीज वितरण योजना एनएफएसएम, पीएमकेएसवाई, एनएचएम के तहत इनपुट उपकरण आदि के वितरण पर नजर रखने में सहायता करेगी। झारखंड सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक नई प्रोजेक्ट का उद्देश्य के 3 लाख से अधिक किसानों के बीच बीज वितरण की सुविधा देना है। अब तक 30000 से अधिक किसानों को बीज बांटा जा चुका है। खरीफ और रबी दोनों फसल के लिए 300 से अधिक बीज के किसमें शामिल की गई है।
परियोजना के लाभ क्या है
टैक्नॉलजी के माध्यम से इनपुट उपकरण का प्रभावी ट्रैकिंग किया जा सकेगा।
योजना का पारदर्शी होगा बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।
सरकारी योजना की वास्तविक निगरानी की जा सकेगी।
किसानों को गुणवत्ता पूर्वक बीज समय पर उपलब्ध होगी।
लाभार्थी की पहचान और किसानों के डेटाबेस का निर्माण किया जाएगा।
अन्य कृषि एवं योजना के सीधे किसानों तक पहुंच होगी।
बीज वितरण में कैसे सहायता करती है
ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म पर डेवलप यह नया प्रौद्योगिकी समाधान फसल चक्र के सभी लेवल में बीज सप्लाई पर नज़र रखने में सक्षम बनाता है। कृषि निदेशालय द्वारा पहले लेवल में बीज प्राप्त करने का आदेश जिला कृषि अधिकारी द्वारा बीज का आदेश देने तक यह योजना बड़े क्षेत्र बहुउद्देशीय सोसायटी, प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी, किसान उत्पादक संगठन के तहत किसानों के बीच बीज वितरण की सुविधा देगी। इसके अलावा प्रत्येक किसान की आधार पहचान और मोबाइल नंबर के माध्यम से प्रद्योगिकी की मंच पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ओटीपी के आधार पर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में लॉगिन किया जाता है।
Important Days & Date in September 2022, सितंबर 2022 में पड़ने वाले महत्वपूर्ण दिन तिथि के बारे में विस्तार से
Important Days & Date in September 2022: 2022 में पड़ने वाला सितंबर का महीना भारतीय संस्कृतियों और ऐतिहासिक महत्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस महीने में महत्वपूर्ण तीज त्यौहार के साथ-साथ ऐतिहासिक पर्व पड़ने वाले हैं जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के सामान्य ज्ञान के विस्तार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए सितंबर 2022 में अंतरराष्ट्रीय और भारतीय स्तर पर महत्वपूर्ण दिनों पर इस लेख में लिस्ट तैयार किया गया है। इस लेख में सितंबर माह में पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिन एवं डेट के बारे में विस्तार से बताया गया है जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों को उनकी तैयारियों के लिए सहायता करेगा। सितंबर साल का नवां महीना है और इस महीने में दुनिया भर के कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं घटी हुई हैं। तो आइए जानते हैं कि सितंबर में कौन-कौन से महत्वपूर्ण दिन और तिथि है जिसे प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जा सकता है।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह
1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह लोगों को पोषण के विषय में और इसके महत्व को समझाने और जागरूक करने के लिए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत खाद्य और पोषण बोर्ड द्वारा हर साल 1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है।
2 सितंबर इंटरनेशनल नारियल दिवस
हर साल 2 सितंबर को नारियल दिवस के रूप में मनाया जाता है। नारियल दिवस 2021 का थीम कोविड-19 महामारी और उसके पर एक सुरक्षित समावेशी लचीला और सतत निर्माण रखा गया था। नारियल दुनिया में खाए जाने वाला सबसे लोकप्रिय फल में से एक है। इस दिन को एशियन पेसिफिक कोकोनोट कम्युनिटी के गठन दिवस के रूप में भी 2 सितंबर को मनाया जाता है।
5 सितंबर शिक्षक दिवस
भारत में हर साल 5 सितंबर को देश के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में 1965 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही 5 सितंबर को कोलकाता की मदर टेरेसा के निधन के वर्षगांठ के रूप में मनाने के लिए इस दिन को चुना गया था। जिन्होंने 1979 में गरीबी और संकट को दूर करने के लिए किए गए कामों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।
8 सितंबर विश्व साक्षरता दिवस
8 सितंबर विश्व साक्षरता दिवस के लिए अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है ताकि जनता को समान अधिकारों के रूप में साक्षरता के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके और एक साक्षर समाज का गठन किया जा सके।
8 सितंबर चिकित्सा दिवस
8 सितंबर को विश्व चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर के लोगों को फिजियोथैरेपिस्ट के द्वारा किए गए कार्यों के लिए सम्मानित करने के योगदान के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
10 सितंबर आत्महत्या रोकथाम दिवस
आत्महत्या के रोकथाम के लिए हर साल 10 सितंबर को आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। साल 2003 से दुनिया भर में विभिन्न गतिविधियों के साथ आत्महत्या को रोकने के लिए प्रतिबद्धता और कार्यवाही प्रदान करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है एवं लोगों को इसके विषय में जागरूक किया जाता है।
11 सितंबर वन शहीद दिवस
11 सितंबर को वन शहीद दिवस मनाया जाता है। जैसा की नाम से पता चलता है कि उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जो भारत में जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलि दान दी है।
14 सितंबर हिंदी दिवस
हर साल 1949 से अब तक 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है।
15 सितंबर भारत में इंजीनियरिंग दिवस
भारत के बेहतरीन इंजीनियरों में से एक मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के याद में हर साल 15 सितंबर को भारत में इंजीनियरिंग डे मनाया जाता है। एम विश्वेश्वरैया को सबसे अग्रणी राष्ट्र निर्माताओं में से एक माना जाता है। जिन्होंने ऐसे कार्य किए हैं जिन पर आधुनिक भारत का निर्माण हुआ था।
15 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस
2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने और बनाए रखने के उद्देश्य से 15 सितंबर को लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का संकल्प किया था और इसके सभी सदस्य राज्यों और संगठनों को इस दिन को उचित तरीके से मनाने के लिए कहा था। जो जन जागरूकता बढ़ाने में योगदान देते हैं।
16 सितंबर विश्व ओजोन दिवस
विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर को उनके बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और इसका पता लगाने के लिए मनाया जाता है।
17 सितंबर विश्व रोगी दिवस
रोगी सुरक्षा में सुधार के लिए सभी देशों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों द्वारा वैश्विक एकता और ठोस कार्यवाही का आवाहन करता है और हर साल इसके विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए 17 सितंबर को मनाया जाता है।
17 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय लाल पांडा दिवस
लाल पांडा दुनिया में विलुप्त होने वाली एक और प्रजाति है जिसके विषय में लोगों के बीच में जागरूकता बढ़ाने के लिए 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय लाल पांडा दिवस मनाया जाता है। 2010 में रेड पांडा नेटवर्क द्वारा इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी।
18 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय बांस दिवस
हर साल 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय बांस दिवस मनाया गया जाता है 18 सितंबर 12 सितंबर को विश्व दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को बांस के विषय में जागरूक किया जा सके । कई क्षेत्रों में यह प्राकृतिक रूप से उगता है। रोजमर्रा के उपयोग की लकड़ी रही है।
21 सितंबर अल्जाइमर डे
हर साल 21 सितंबर को अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बीमारी, मनोभ्रंश, सामान्य लक्षण और इससे जुड़े जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। कई देशों में पूरे महीने विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है यह दिन अल्जाइमर रोगी की गंभीरता और इसके कारणों के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
21 सितंबर अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस जिसे आधिकारिक तौर पर विश्व शांति दिवस के रूप में जाना जाता है। यह एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृत अवकाश है जिसे हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है।
22 सितंबर रोज डे
हर साल 22 सितंबर को विश्व गुलाब दिवस दुनियाभर के कैंसर रोगियों के लिए आशा की एक नई किरण के रूप में मनाया जाता है। जो लोग कैंसर से लड़ना चुनते हैं और उसके लिए एक कठिन और संघर्ष समय से गुजरते हैं उनके लिए यह दिन बनाया गया है। यह दिन कनाडा की 12 साल की मेलिंडा रोज की में मनाया जाता है। जिसमें ब्लड कैंसर का एक दुर्लभ रूप एस्किन ट्यूमर का पता चला था।
23 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बहरे लोगों के मानव अधिकारों की प्राप्ति में सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 23 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा के रूप में दिवस के रूप में घोषित किया था।
24 सितंबर विश्व समुद्री दिवस
इस साल भारत में 59वीं बार राष्ट्रीय समुद्र दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन अंतरराष्ट्रीय व्यापार और अर्थव्यवस्था के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2022 का विषय कोविड-19 से परे सतत शिपिंग रखा गया है।
25 सितंबर विश्व फार्मासिस्ट दिवस
हर साल 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2009 में इस्तांबुल तुर्की में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ़ फार्मेसी एवं फार्मास्यूटिकल साइंसेज में इंटरनेशनल फार्मास्यूटिकल फेडरेशन काउंसिल द्वारा इस दिन को बनाया गया था। 25 सितंबर को विश्व दिवस के रूप में चुना गया था क्योंकि इस तारीख को एफईपी 1912 में अस्तित्व में आया था।
25 सितंबर अंत्योदय दिवस
भारतीय राजनीति के इतिहास में सबसे प्रमुख वैक्तियों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को अंत्योदय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस को समर्पित किया था। इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105 वीं जयंती मनाई जाएगी।
26 सितंबर बाधिरों का दिन
बहरों का अंतरराष्ट्रीय सप्ताह 2009 सितंबर के आखिरी सप्ताह के दौरान दुनिया भर में हर साल मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण संकेतिक भाषा के महत्व में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस को घोषित किया था।
26 सितंबर विश्व गर्भनिरोधक दिवस या पहली बार 2007 में 26 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय परिवार नियोजन द्वारा गर्भनिरोधक के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कपल को परिवार शुरू करने के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करने के लिए मनाया गया था। ताकि हर गर्भावस्था वांछित हो।
26 सितंबर पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस
26 सितंबर को पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसा साल की थीम केवल एक ही पृथ्वी रखी गई है
26 सितंबर विश्व नदी दिवस
नदियों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए और उन्हें संरक्षण प्रदान करने के लिए हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस मनाया जाता है।
27 सितंबर विश्व पर्यटन दिवस
27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है
8 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस
हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है इस दिन को लुइ पाश्चर की मृत्यु के वर्षगांठ पर इस दिन को मनाया जाता है। जिन्होंने पहली रेबीज टीका विकसित किया था। इस दिन रेबीज के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में इसके रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
29 सितंबर विश्व हृदय दिवस
हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है ह्रदय रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को यह सूचित करना है कि हृदय रोग दुनिया में मृत्यु का मुख्य कारण है और इसका रोकथाम और नियंत्रण के लिए किए गए किए जाने वाले कार्यों को उजागर करना है।
29 सितंबर खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस
खाद्य और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस 29 सितंबर को मनाया जाता है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के कार्यवाही करने के लिए कॉल करने का अवसर है। ताकि भोजन काटने के प्रयास और पहल को प्राथमिकता दी जा सके प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को बढ़ाने के लिए जलवायु परिवर्तन को कम करने और खाद्य सुरक्षा और पोषण को समर्थन करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
30 सितंबर अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस
30 सितंबर अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाया जाता है। यह भाषा पेशेवरों के काम को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्र को एक साथ बनाने और विश्व शांति और सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
30 सितंबर विश्व समुद्री दिवस
विश्व समुद्री दिवस 30 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व समुद्री दिवस दिवस 2022 का विषय हरित नौवहन के लिए नई प्रौद्योगिकियां है, जो किसी को भी पीछे नहीं छोड़ते हुए एक स्थाई भविष्य में समुद्री क्षेत्र के संक्रमण का संक्रमण का समर्थन करने की आवश्यकता को दर्शाता है।
Biography of Ratan Tata,रतन टाटा के जन्म शिक्षा और करियर के बारे में जाने विस्तार से
Biography of Ratan Tata : रतन टाटा को भारत और दुनिया भर में कौन नहीं जानता है। वह टाटा समूह के अध्यक्ष थे, जो कि भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूह में से एक है। जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी और इनके परिवार की पीढ़ियों ने इसका विस्तार किया है और इसे और अधिक मजबूत बनाया है। टाटा दुनिया की सबसे छोटी कार बनाने के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुई थी। 1991 से 2012 तक फिर 2016 से 17 में वह देश के प्रतिष्ठित टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे हैं। टाटा समूह के बिजनेस को दूसरे देश में उन्होंने विस्तार किया है। 2008 में उन्हें पद्मभूषण और 2000 में इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। अब यह अपने चैरिटी से जुड़े कार्य में व्यस्त रहते हैं। नवंबर 2007 में फॉर्चून मैगजीन ने इन्हें व्यापार क्षेत्र के 25 सबसे प्रभावशाली लोगों के लिस्ट में शामिल किया था। मई 2008 में टाइम पत्रिका टाटा को विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों के लिस्ट में शामिल किया था।
रतन टाटा के जीवन परिचय के बारे में
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 मुंबई महाराष्ट्र भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम नवल टाटा और उनकी माता का नाम सोनू टाटा है इनके दादा का नाम श्री जमशेद टाटा था। रतन टाटा की एक सौतेली मां भी है जिसका नाम सीमोन टाटा है। सीमोन का एक पुत्र है जिसका नाम नोएल टाटा है। नवल और सोनू टाटा ने रतन टाटा को गोद लिया था जब ये मात्र 10 साल की उम्र में ही अपने माता-पिता से अलग हो गए थे। तब नवल और सोनू टाटा ने मिलकर उनका पालन पोषण किया था।
शिक्षा
रतन टाटा ने कैंपियन स्कूल से अपने शुरुआती शिक्षा पूरी की है। जिसके बाद कर्नल यूनिवर्सिटी लंदन से आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। जिसके बाद उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम का कोर्स किया हुआ है। इन्होंने प्रतिष्ठित कंपनी आईबीएम से नौकरी का ऑफर मिला था लेकिन रतन टाटा ने उस ऑफर को ठुकरा कर अपनी पुश्तैनी बिजनेस को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा।
करियर
अपने करियर की शुरुआत 1961 में की है उन्होंने शॉप पर काम किया है इसके बाद रतन टाटा ग्रुप के साथ जुड़े। 1971 में रतन जी नेल्को कंपनी रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक में डायरेक्टर के पद पर अपॉइंट हुए। 1981 में जमशेदजी टाटा ने रतन टाटा को टाटा ग्रुप का नया अध्यक्ष बनाया। रतन टाटा टाटा इंडस्ट्री को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाया। 1998 में पहली बार रतन टाटा के निर्देशन में टाटा मोटर्स ने एक भारतीय कार टाटा इंडिका को बाजार में लाया था। इससे टाटा समूह की पहचान धीरे-धीरे और बढ़ती चली गई इसके बाद रतन टाटा ने एक छोटी कार टाटा नैनो भारत के मार्केट में उतारा था। जो भारत के इतिहास में सबसे सस्ती कार में से एक थी। इसके बाद रतन टाटा ने 2012 में टाटा के सभी प्रमुख पदों से मुक्त होने की घोषणा की। टाटा अभी चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर हैं। रतन टाटा ने देश और विदेश में कई संगठनों के साथ भी काम किया है और अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया है।
रतन टाटा के सम्मान और पुरस्कार
भारत के 50 वें गणतंत्र दिवस समारोह साल 2000 में रतन टाटा को तीसरे नागरिक अलंकरण पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
इन्हें 2008 26 जनवरी को दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
इसके साथ ही साल 2008 में यह नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड दिया गया था। यह पुरस्कार उन्हें 14 फरवरी 2008 को मुंबई के एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया था।
मार्च 2006 में रतन टाटा को कॉर्नेल विश्वविद्यालय द्वारा 26वें रॉबर्ट एस सम्मान से सम्मानित किया गया था ।
फरवरी 2004 में रतन टाटा को चीन के झोजेयांग प्रांत में हांग्जो शहर में मानद आर्थिक सलाहकार की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
इसके साथ ही इन्हें लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल हुई है।
नवंबर 2007 में फॉर्च्यून मैगजीन ने उन्हें व्यापार क्षेत्र में 25 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था।
जिसके बाद 2008 में इन्हें टाइम मैगजीन ने 100सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था।
24 august 2022
Rajesh Verma appointed as Secretary of Draupadi Murmu,राजेश वर्मा कौन हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सचिव अप्वॉइंट किया गया है
Rajesh Verma appointed as Secretary of Draupadi Murmu:उड़ीसा कैडर के 1987 के बैच के आईएएस अधिकारी राजेश वर्मा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सचिव अप्वॉइंट किया गया है। वह 1980 बैच के आईएएस अधिकारी कपिल देव त्रिपाठी की जगह लेंगे। वे वर्तमान में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्यरत हैं और उन्होंने उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक के प्रमुख सचिव के रूप में भी काम किया हुआ है। पूर्व में वर्मा ने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और प्रधान सचिव और उड़ीसा सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया हुआ है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में
भारत के 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई ने पिछले महीने की शपथ दिलाई है। जिसके बाद भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 15वीं राष्ट्रपति बन गई है। इसके साथ ही वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति और सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला है और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली आदीवासी राष्ट्रपति महिला बनी है। मुर्मू इलेक्ट्रोल कॉलेज के सांसदों और विधायकों के वैद्य मतों के साथ लगभग 64 परसेंट प्राप्त हुआ था। मुर्मू को 676803 वोट मिले जबकि इनके विपक्ष में सिन्हा को 380177 वोट मिले थे।
अन्य सचिवों की लिस्ट में कौन-कौन शामिल है
पीएम प्रधानमंत्री के निजी सचिव - विवेक कुमारविदेश सचिव - विनय मोहन क्वात्रा
पीएम मोदी के सलाहकार - तरुण कपूर
वित्त सचिव - टीवी सोमनाथ
राजस्व सचिव - तरूण बजाज
आर्थिक मामलों के सचिव - अजय सेठ
कैबिनेट सचिव - राजीव गौबा
व्यय सचिव - टीवी सोमनाथ
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HPCL Biogas Project,एचपीसीएल संपीड़ित बायोगैस परियोजना क्या है जाने इसके बारे में विस्तार से
HPCL Biogas Project:एचपीसीएल अपनी तरह का पहला अपशिष्ट से ऊर्जा पोर्टफोलियो का उपयोग करता है, बायोगैस बनाने के लिए हर दिन एक हजार 100 टन गोबर का उपयोग करता है। जिसे वाहन ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 1 साल में एचपीसीएल कंप्रेस्ड बायोगैस प्रोजेक्ट के संचालन में आने की उम्मीद की जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन कंपनी हिस्से के रूप में अप्रैल 2018 में भारत सरकार द्वारा घोषित गोबर धन योजना इसका ढांचा है। जिसके तहत एचपीसीएल संपीड़ित बायोगैस प्रोजेक्ट का पहल डिवेलप की जा रही है।
एचपीसीएल संपीड़ित बायोगैस परियोजना के बारे में
एचपीसीएल बायोगैस प्रोजेक्ट गोबर धन योजना के अंतर्गत डेवलप की जा रही है। जिसे भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन के रूप में अप्रैल 2018 में प्रेजेंट किया था। एचपीसीएल कंप्रेस्ड बायोगैस प्रोजेक्ट योजना का उद्देश्य स्वक्छाता में सुधार करना और जैविक कचरे और पशुधन से धन और ऊर्जा को प्रड्यूज करना है। श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पूर्णियार्थ न्यास, ग्राम पछमेड़ा, तहसील सांचौर जिला जालौर राजस्थान में प्रोजेक्ट का शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया है। इस अवसर पर ईडी बायोफ्यूल्स एंड रिन्यूएबल्स शुवेंदु गुप्ता सहित एचपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस परियोजना के बारे में
बायोगैस प्राकृतिक सामग्री जैसे कृषि अपशिष्ट, खाद, नगरपालिका अपशिष्ट, संयंत्र सामग्री, सीवेज, हरा अपशिष्ट और खाद्य अपशिष्ट से उत्पन्न गैसों का मिश्रण है।
बायोगैस में मुख्य गैसें मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड हैं।
बायोगैस एनर्जी का अक्षय स्रोत है।
बायोगैस का उपयोग
बायोगैस का उपयोग सभी गैस अनुप्रयोग के लिए किया जा सकता है जैसे कि प्रत्यक्ष दहन, अवशोषण हीटिंग और कूलिंग, खाना और पानी को गर्म करने, सुखाने और गैस टरबाइन के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
बायोगैस के कंपोनेंट क्या है
मीथेन (CH4)प्राकृतिक गैस में पाया जाने वाला एक प्रोडक्ट है और कार्बन डाइऑक्साइड अधिकांश को बायोगैस बनाते हैं। बायोगैस में 40% और 60% मीथेन के बीच हो सकता है। शेष गैस का अधिकांश हिस्सा CO2 है, जिसमें थोड़े मात्रा में पानी और अन्य में भाप शामिल होते हैं।
World Gujarati Language Day 2022,विश्व गुजराती भाषा दिवस क्यों मनाया जाता है, और इसका महत्व क्या है
World Gujarati Language Day 2022:हर साल 24 अगस्त को विश्व गुजराती भाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिन गुजरात के महान लेखक वीर नर्मद की जयंती के उपलक्ष में हर साल मनाया जाता है और इनके जयंती को गुजराती दिवस के रूप में नामित किया गया है। क्योंकि कवि नर्मद को गुजराती भाषा का निर्माता कहा जाता है। उन्होंने गुजराती साहित्य को अंतरराष्ट्रीय रूप दिया था।
वीर नर्मद कौन है?
कवि वीर नर्मद का जन्म 24 अगस्त 1833 को गुजरात के सूरत में हुआ था। यह एक ब्राह्मण परिवार से थे और इनका पूरा नाम नर्मदाशंकर लालशंकर दवे था। नर्मदा ने 22 साल में अपनी पहली कविता लिखी थी। इसके बाद उन्होंने साहित्य की व्याख्या करना शुरू किया तब वे मुंबई में बतौर शिक्षक काम करते थे। निर्मद ब्रिटिश राज के तहत एक नाटककार, निबंधकार, वक्ता कोशकार और सुधारक थे, जिनकी कविता जय जय गरवी गुजरात अब भारतीय राज्य का राज्य ज्ञान है।
विश्व गुजराती भाषा दिवस का महत्व क्या है?
अत्यधिक कष्टों के बीच एक नया गुजराती शब्दकोश बनाकर भाषण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कवि को श्रद्धांजलि दिया जाता है। शब्दकोश में सभी बोलियों के शब्दों के विविध उपयोग के साथ हैं। तब से ऐतिहासिक नर्मद दर्शन को देखते हुए, भाषा गुजराती संस्कृति को एक दिन समर्पित करने के लिए 24 अगस्त के दिन को विश्व गुजराती दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।IREDA & MAHAPREIT Sign MoU, IREDA और MAHAPREIT के द्वारा हस्ताक्षर किए ज्ञापन के बारे में
IREDA & MAHAPREIT Sign MoU : IREDA और MAHAPREIT ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। महात्मा फुले रिन्यूएबल एनर्जी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड MAHAPREIT एमपीबीसीडीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारत सरकार के स्वामित्व में 49% और महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व में 51% और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड आईआरडीए ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
IREDA और MAHAPREIT ने एक एमओयू पर साइन किया है आइए जानते हैं इस एमओयू के बारे में
समझौता ज्ञापन की शर्तों के मुताबिक IREDA MAHAPREIT को अक्षय ऊर्जा परियोजना के लिए वित्तपोषण विकल्प प्रदान करेगी जो सार्वजनिक उपयोगिता स्थानीय सरकारों और नवीकरणीय ऊर्जा पार्कों के बुनियादी ढांचे के लिए डिवेलप किए जाएंगे।
इरेडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सीएमडी श्री प्रदीप कुमार दास और MAHAPREIT के सीएमडी श्री बिपिन श्रीमाली दोनों ने इस समझौते ज्ञापन पर साइन किया है।
इस साझेदारी के हिस्से के रूप में, इरेडा अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता और संरक्षण से जुड़े MAHAPREIT की पहल पर तकनीकी वित्तीय उचित परिश्रम भी करेगा।
IREDA और MAHAPREIT ने एक समझाते ज्ञापन का लक्ष्य क्या है
यह 2030 तक अपनी उर्जा का 50% गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत सरकार की सहायता करेगा। यह कार्यक्रम हरित निवेश को बढ़ावा देगा और हजारों जगार पैदा करेगा। उद्योग में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2साल पहले एक विशेष वेबसाइट डेवलपमेंट और परामर्श ब्रांच बनाई थी।
यह 11वां समझौता ज्ञापन है जिस पर इरेडा ने देश के विकास के लिए सतत विकास के लिए परामर्श सेवाएं प्रोवाइड करने के लिए पिछले 2 सालों में साइन किया हैं। ग्रीन ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए अपनी तकनीकी वित्तिय विशेषज्ञता में सुधार करने के लिए SJVN, NHPC, TANGEDCO, NEEPCO, BVFCL, THDCIL, GSL और CIPET ने IREDA के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है अधिकांश काम करना शुरू कर दिया है
CBDC The Digital Rupee,सीबीडीसी डिजिटल रुपी क्या है और यह कैसे काम करता है
CBDC The Digital Rupee: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करंट फाइनेंशियल ईयर 2022 के बजट भाषण में डिजिटल करेंसी को लेकर बड़ा ऐलान किया था। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई की तरफ से डिजिटल रूपी को जारी किया जाएगा। डिजिटल रुपी ब्लॉकचेन समेत अन्य टेक्नोलॉजी बेस्ड डिजिटल करेंसी लागू की जाएगी आपको बता दें कि डिजिटल करेंसी का कांसेप्ट नया नहीं है। बिटकॉइन समेत कई और अन्य डिजिटल या वर्चुअल करेंसी की खरीदी पहले से ही हो रही है। लेकिन डिजिटल रूपी पहली वर्चुअल करेंसी होगी जिसे आरबीआई जारी करेगी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रेगुलेट करेगी।
आइए जानते हैं कि यह डिजिटल रुपी कैसे काम करेगी और यह बाकी प्राइवेट डिजिटल करेंसी से कैसे अलग और नया है
क्या है सीबीडीसी और कौन करेगा इसे लांच
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई के आगामी फाइनेंशिय इयर को सीबीडीसी एक लीगल टेंडर है, जिसे सेंट्रल बैंक में एक डिडिटल फॉर्मा में जारी करेगा एक मुद्रा के जैसे हैं और किसी भी अन्य फिएट मुद्रा के साथ इंटरचेंजेबल हो सकता है।
क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
ब्लॉकचेन ब्लॉक और चेन से मिलकर बना है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डेटा ब्लॉक मौजूद होते हैं। इन ब्लॉक्स में करेंसी को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जाता है। ये ब्लॉक आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इस तरह डाटा की एक लंबी चेन बन जाती है, जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा जाता है। डाटा ब्लॉक में लेनदेन की डिटेल रखी जाती है। प्रत्येक ब्लॉक को सुरक्षित किए जाते हैं क्योंकि यह ब्लॉग एक दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक के मदद से एक दूसरे से कनेक्टेड रहते हैं ।
टेक्नोलॉजी का इतिहास क्या है
साल 1991 में स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी का जिक्र किया था। इस टेक्नोलॉजी का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डॉक्यूमेंट को टाइमस्टैम्प करना था। जिससे डिजिटल करेंसी में किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना हो। इसके बाद 2009 में सतोशी नाकामोतो ने ब्लॉकचेन का इस्तेमाल कर बिटकॉइन को डेवलप किया था।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग केवल डिजिटल करेंसी तक ही सीमित नहीं है। इसका प्रयोग किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। इसी टेक्नोलॉजी बेस्ड टर्म एनएफटी इन दिनों बहुत ज्यादा फेमस हुआ है।
NFT Bitcoin या अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसा ही एक क्रिप्टो टोकन है। एनएफटी आर्ट, म्यूजिक, फिल्म, गेम्स का डिजिटल कलेक्शन होता है। जिसके बदले यूजर या कस्टमर को डिजिटल टोकन दिया जाता है। जिन्हें NFT यानी नॉन फंजिबल टोकन कहा जाता है। वर्तमान में एनएफटी कमाई का बड़ा जरिया बन गया है।
डिजिटल करंसी बाकी वर्चुअल करेंसी से कैसे अलग है
डिजिटल रुपी बाकी वर्चुअल करेंसी से अलग है क्योंकि इसे केंद्रीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करने वाली है। डिजिटल करेंसी को केंद्रीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगा। डिजिटल करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी सीबीडीसी के अंतर्गत काम करता है। सीबीडीसी को सरकार की मान्यता प्राप्त है। डिजिटल रूपी करंसी को देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है और ऐसा उम्मीद किया जा रहा है कि आरबीआई की ओर से जारी डिजिटल रूपी कई तरह के नियम और कानून के साथ देश में जारी किया जाएगा। ऐसे में डिजिटल रूपी में इन्वेस्ट करना बाकी वर्चुअल करेंसी के मुकाबले ज्यादा सेफ माना जाएगा।
डिजिटल करेंसी कितने प्रकार की होती है
मार्केट में कई तरह के डिजिटल करेंसी सामने है लेकिन मुख्यतौर पर डिजिटल करेंसी, दो प्रकार की होती है। पहला रिटेल डिजिटल करेंसी जिसमें आम लोग और कंपनियों के द्वारा जारी किया जाता है। दूसरा होता है होलसेल डिजिटल करेंसी जिसका प्रयोग वित्तीय फाइनैंशल ऑर्गनाइजेशन द्वारा किया जाता है।
25 अगस्त 2022
Biography of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan,जाने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन परिचय के बारे में
Biography of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan:डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर भारत के इतिहास में इनका नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। वे दर्शनशास्त्र के एक बहुत बड़े ज्ञाता थे और उन्होंने भारतीय दर्शन शास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुआत की थी। राधाकृष्णन प्रसिद्ध शिक्षक भी थे यही वजह है कि उनकी याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
आइए जानते हैं आज इनके जीवन परिचय के बारे में।
डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरा स्वामी था। वे गरीब जरूर थे किंतु काफी विद्वान ब्राम्हण थे। इनके पिता के ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी इस कारण राधाकृष्णन को बचपन से ही ज्यादा सुख सुविधा नहीं मिली थी। राधाकृष्णनन ने 16 साल की उम्र में अपनी दूर की चचेरी बहन सिवाकमु से शादी की थी। जिन्से उन्हें पांच बेटी व एक बेटा हुआ था। उनके बेटा का नाम सर्वपल्ली गोपाल है। जो भारत के महान इतिहास कारक है। राधा कृष्ण की पत्नी की मौत 1956 में हो गई थी। भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण उन्हीं के खानदान से ताल्लुक रखते हैं।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा
राधा कृष्णन का बचपन गांव में बीता है वहीं से इन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत की है। आगे की शिक्षा के लिए इनके पिताजी ने इन्हें क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लूथर्न स्कूल तिरुपति में भर्ती करा दिया था। जहां से 1896 से 1900 तक पढ़ाई किया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन वेल्लूर के कॉलेज से आगे की पढ़ाई की जिसके बाद मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज मद्रास से अपने आगे की शिक्षा पूरी की। ये शुरू से ही एक मेधावी छात्र थे उन्होंने 1906 में दर्शन शास्त्र में एमए किया था। राधाकृष्णन को अपने पूरे जीवन शिक्षा के क्षेत्र में स्कॉलरशिप मिलती रही जिसके बदौलत वे अपने आगे की पढ़ाई आसानी से करते रहे। राधा कृष्ण के करियर की शुरुआत में राधा कृष्ण जी को मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र के अध्यापक बनाया गया। सन् 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में यह दर्शनशास्त्र के सहायक अध्यापक बने थे। 1918 में मैसूर यूनिवर्सिटी के द्वारा उन्हें दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद वे इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी में भारतीय दर्शनशास्त्र के शिक्षक बनें। वे हमेशा से ही शिक्षा को पहला महत्व देते थे। यही कारण है कि वे इतने ज्ञानी और विद्वान थे। शिक्षा के प्रति उनका रुझान एक मजबूत व्यक्तित्व का प्रदान किया है। हमेशा कुछ नया सीखने और पढ़ने के लिए वे अक्सर उतारू रहते थे। जिस कॉलेज में इन्होंने m.a. की पढ़ाई की थी वहीं उन्हें कुलपति नियुक्त किया गया था। लेकिन राधाकृष्णन ने 1 साल के अंदर ही इस पद से इस्तीफा देकर बनारस विश्वविद्यालय में उपकुलपति बन गए। इस दौरान वे दर्शनशास्त्र पर बहुत सी किताबें लिखी थी। डॉक्टर राधाकृष्णन विवेकानंद और वीर सावरकर को अपना आदर्श के रूप में मानते थे। इनके बारे में उन्होंने काफी गहन अध्ययन किया था। डॉक्टर राधाकृष्णन अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से समूचे विश्व को भारतीय दर्शनशास्त्र से परिचित कराने का प्रयास किया करते थे। डॉक्टर राधाकृष्णन प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ देश की संस्कृति को प्यार करने वाले व्यक्ति थे।
डॉक्टर राधाकृष्णन का राजनीति सफर
जब भारत को स्वतंत्रता मिली उस दौरान जवाहरलाल नेहरू ने राधा-कृष्णन से आग्रह किया कि वह विशिष्ट राजदूत के रूप में सोवियत संघ के साथ राजनीति कार्यों की पूर्ति करें। नेहरू जी की बात को मानते हुए डॉ राधाकृष्णन ने 1947 से 1949 तक संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य के रूप में काम किया। संसद में सभी लोग उनके कार्य और व्यवहार की अधिक प्रशंसा करते थे। अपने सफर अकादमी करियर के बाद उन्होंने राजनीति में अपना कदम रखा 13 मई 1952 से 13 मई 1965 तक देश के उपराष्ट्रपति के रूप में काम किए। जिसके बाद 13 मई 1965 को ही वे भारत के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति हुए। राजेंद्र प्रसाद की तुलना में इनका कार्यकाल काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। क्योंकि जहां एक ओर भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति थी जिसमें चीन के साथ भारत को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं दूसरी ओर दो प्रधानमंत्रियों का देहांत भी इन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। उनके काम को लेकर साथ वालों को उनसे विवाद कम सम्मान ज्यादा मिला था।
डॉक्टर राधाकृष्णन के सम्मान और अवार्ड
शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए डॉक्टर कृष्ण को सन 1954 में सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
1962 से राधाकृष्णन के सम्मान में उनके जन्मदिन पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सन 1962 में राधा कृष्ण को ब्रिटिश एकेडमी का सदस्य बनाया गया था।
पोप जॉन पाल ने को गोल्डन स्पर भेंट किया था।
इंग्लैंड सरकार द्वारा इनको ऑर्डर ऑफ मेरिट का सम्मान मिला हुआ था।
राधा कृष्ण ने भारतीय दर्शनशास्त्र एवं धर्म के ऊपर अनेक किताबें लिखी थी। जैसे गौतम बुद्ध जीवन और दर्शन, धर्म और समाज, भारत और विश्व, आदि वे अक्सर किताबे अंग्रेजी भाषा में लिखा करते थे।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु
17 अप्रैल 1975 को एक लंबी बीमारी के बाद राधा कृष्ण का निधन हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। इसलिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में उनके जन्मदिन को याद किया जाता है और राधा कृष्ण के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है। इस दिन देश के विकास और उत्कृष्ट शिक्षकों को उनके योगदान के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। राधाकृष्णन के मरने के बाद 1975 में अमेरिकी सरकार द्वारा टेम्पलटन पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था। जो कि धर्म के क्षेत्र में स्थान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले यह पहले गैर ईसाई संप्रदाय के व्यक्ति थे।
FAQ
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म और मृत्यु कब हुई?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के गाँव तिरुतनी में हुआ था और 17 अप्रैल 1975 को चेन्नई में मृत्यु हुई थी।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से कव सम्मानित किया गया था?
शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए डॉक्टर कृष्ण को सन 1954 में सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ब्रिटिश एकेडमी का सदस्य कब बनाया गया था?
सन 1962 में राधा कृष्ण को ब्रिटिश एकेडमी का सदस्य बनाया गया था।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कब से लेकर कब तक उपराष्ट्रपति के रूप में काम किया था?
उपराष्ट्रपति13 मई 1952 से 13 मई 1965 तक देश के उपराष्ट्रपति थे।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के कौन से राष्ट्रपति थे?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
Kerala online monitoring system of medicines,केरल में सरकारी अस्पतालों में दवाओं की निगरानी के लिए सरकार ने क्या निर्णय लिया है
Kerala online monitoring system of medicines:केरल में सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी के आरोप के बीच सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता तथा वितरण पर नजर रखने के लिए जल्दी एक निगरानी व्यवस्था शुरू करने की संभावना जताई जा रही है। वाम सरकार ने राज्य में दवाओं की कमी और किल्लत के दमोह को खारिज कर दिया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता तथा उनका वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक ट्रेनिंग वर्कशॉप का उद्घाटन करने के बाद प्रस्तावित निगरानी प्रणाली की घोषणा की ।
दवाओं के वितरण पर नजर रखने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे
है इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि दवाओं के भंडारण और वितरण से निपटने के लिए एक वैज्ञानिक व्यवस्था होनी चाहिए।
दवाओं के आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दवाओं की मांग पूरी की जानी चाहिए।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अस्पताल के कर्मचारियों को दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केरल चिकित्सा सेवा निगम की ऑनलाइन व्यवस्था का इस्तेमाल करना चाहिए।
अगर किसी भी दवा की कमी होती है तो केएमएससीएल को इसकी जानकारी देनी चाहिए।
ताकि इन दवाओं को बिना देरी के सप्लाई या खरीदा जा सके।
यह प्रक्रिया मूल रूप से दवाओं के भंडारण और वितरण के साथ सभी अस्पतालों में अब सप्लाई और संभावित बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए दवाओं की मांग की संतुलन करने के लिए डिवेलप की गई है ।
सभी अस्पतालों को दैनिक आधार पर दवाओं के वितरण के संबंध में डाटा अपडेट करना हैं तो अस्पताल में दवा के स्टाफ को जानना संभव होगा और दवाओं को उनकी कमी के अनुसार वितरित किया जा सकता है।
इसके बाद यदि किसी दवा में एक निश्चित प्रतिशत की कमी आती है तो इसकी सूचना केएमएससीएल को दी जानी चाहिए।
AY-PMJAY Benefit For Transgender,आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत LGBTQ समुदाय को क्या लाभ मिलेगें
AY-PMJAY Benefit For Transgender:प्रधानमंत्री द्वारा जारी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत अब ट्रांसजेंडर को सभी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। जिसमें सेक्स-रिअसाइनमेंट सर्जरी भी शामिल की गई है। बुधवार को इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण एनएचएआर सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग एवं ओएसजे के बीच साइन एक नए समझौते ज्ञापन एमओयू ने इस ऐतिहासिक कदम को संभव बनाया है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडवीया ने कहा है कि समाज में परिवर्तन कार्य सुधार की एक नीव रखी गई है।
डॉक्टर मनसुख मांडवीया ने ट्वीट कर दी यह जानकारी
इस संबंध में डॉक्टर मनसुख मांडवीया ने ट्वीट किया है कि यह सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि ट्रांसजेंडर समुदाय भी अपना जीवन सम्मान के साथ जिए और मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो देश में योजनाएं चल रही है उससे देश में काफी परिवर्तन नजर आ रहा है और देश आगे बढ़ रहा है। आपको बता दें कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल द्वारा जारी ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र रखने वाले ही ट्रांसजेंडर का दावा करने के हकदार होंगे।
एवायपीएमजेएवाय के तहत 4.80 लाख ट्रांसजेंडर को मिलेगा लाभ
हर साल हर ट्रांसजेंडर लाभार्थी को इंश्योरेंस कवर प्रोवाइड किया जाएगा। इससे लगभग 4,80,000 ट्रांसजेंडर लोगों को लाभ होगा। nh1a के सीईओ आर.एस.ओ.एस.जे.आर सुब्रमण्यम ने मांडवीया और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार की उपस्थिति में इस एमओयू पर साइन किया है।
एमओयू के अंतर्गत ट्रांसजेंडर को क्या फायदे मिलेंगे
अब हर ट्रांसजेंडर लाभार्थी को साल में 500000 का बीमा कवर दिया जाएगा। इससे लगभग 480000 ट्रांसजेंडर को फायदा मिलेगा। बीमा में सेक्स-रिअसाइनमेंट सर्जरी भी शामिल की गई है। सभी ट्रांसजेंडर समुदाय देश भर के किसी भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पैनल वाले अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पात्र हैं। अनुकूलित पैकेज में हार्मोन थेरेपी और लेजर सर्जरी जैसे कई सर्जरी शामिल होंगी।
Additional Facilities of S.C Judges After Retirement,सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सुविधा में क्या बदलाव किया गया है
Additional Facilities of S.C Judges After Retirement-केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और जजों के रिटायरमेंट के बाद अब एक्स्ट्रा सुविधाएं देगी, क्योंकि केंद्र सरकार ने सुविधा की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके अंतर्गत अब उन्हें रिटायरमेंट या सेवानिवृत्ति के एक साल बाद तक एक सचिव और एक ड्राइवर की सुविधा दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट के 6 महीने बाद तक दिल्ली में टाइप 7 के बंगले में बिना किराए के रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के जजों के वेतन और सुविधाओं से जुड़े कानून सुप्रीम कोर्ट जज एस सैलरीज एंड कंडीशन ऑफ सर्विस एक्ट 1958 की धारा 24 में केंद्र सरकार के पास यह पावर है कि वह जजों की सुविधाओं पर नियम बना सकती है। सरकार समय-समय पर सुविधाओं की समीक्षा करती है और उसमें सुधार भी करती है । पिछले साल भी सुप्रीम कोर्ट के जजों और न्यायाधीशों के सुविधाओं में बदलाव किया था।
पिछले साल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सुविधा में कुछ बदलाव किए थे
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस को एक ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी को वेतन देने के लिए हर महीने ₹25000 दिए जाते थे। जिसे बढ़ाकर सरकार ने ₹70000 कर दिया था। फिर से नियम नियमों में फेरबदल किया गया है सुप्रीम कोर्ट जजमेंट 2022 लागू किया गया है। नए नियमों में बढ़ाई गई सुविधाएं सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों को रिटायरमेंट के 1 साल तक कोर्ट की तरफ से एक ड्राइवर और एक कार्यालय सहायक दिया जाएगा। कार्यालय सहायक सुप्रीम कोर्ट के ब्रांच ऑफिसर रैंक वाला अधिकारी ही होगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और जज को रिटायरमेंट के 1 साल तक उनके आवास पर सेक्योरीटी दी जाएगी। इसके लिए 1 साल तक व्यक्तिगत सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध करवाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस को रिटायरमेंट के बाद 6 महीने के लिए दिल्ली में टाइप 7 घर दिया जाएगा। इस बंगले में रहने के लिए उन्हें किसी प्रकार का किराया नहीं भरना होगा। एयरपोर्ट लाउंज में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त और जजों के लिए सम्मान दिया जाएगा।
Rural Industrial Park,ग्रामीण औद्योगिक पार्क क्या जिसका निर्माण छत्तीसगढ़ में होने वाला है
Rural Industrial Park-छत्तीसगढ़ सरकार यानी भूपेश बघेल ने राज्य में ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना करने के बारे में बात की है। प्रोजेक्ट के पहले साल में ऐसे 305 औद्योगिक पार्क का निर्माण किया जाएगा इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्थान मवेशी सेठ को आजीविका का केंद्र बनाना है।
इसका उद्घाटन कब किया जाएगा
गांधी जयंती को 2 अक्टूबर के दिन इस पार्क को शुरू किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में इस तरह का पहला पार्क कांकेर जिले के कुल गांव में बनाया गया है। जिसे गांधीग्राम का नाम दिया गया है।
औद्योगिक पार्क के बारे में
जिला प्रशासन ने महिला स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर इस पार्क को डेवलप किया है।
वन विभाग के लघु वनोपज के मूल्यवर्धन के आधार पर आवासीय ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया गया है।
छत्तीसगढ़ में स्वीकृत 10624 गौठानों में से 8404 गौठान स्थापित किए गए हैं।
वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए राज्य सरकार दो रुपए किलो गोबर खरीद रही है।
300 पार्क बनाने के बाद इसका उत्पादन बढ़ेगा।
राज्य सरकार बुनियादी ढांचा को डेवलप कर रही है जैसे इंटरलॉकिंग, सीमेंट - कंक्रीट की सड़कें, डॉरमेट्री, आवासीय कमरे, किचन हॉल, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के लिए शेड और भूमिगत सिंचाई पाइप लाइन।
सरकार इसके लिए जिला खनिज फाउंडेशन डीएमएफ के फंड का प्रयोग करने की योजना बना रही है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
छत्तीसगढ़ की राजधानी
रायपुर
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल
अनुसुइया उइके
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Azadi Quest Mobile Game,आजादी क्वेस्ट मोबाइल गेम क्या है, जाने इसके बारे में विस्तार से
Azadi Quest Mobile Game : केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आजादी क्वेस्ट मोबाइल गेम को लांच किया है। इस गेम को आजादी के अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कहानी को लोगों के सामने लाने के लिए प्रेजेंट किया गया है। इस ऑनलाइन लर्निंग मोबाइल गेम सीरीज को जिंगा इंडिया सहयोग से विकसित किया गया है।
आजादी क्वेस्ट मोबाइल गेम के बारे में
यह स्वतंत्रता संग्राम में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और गुमनाम नायकों के योगदान को प्रेजेंट करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की एक सीरीज का एक हिस्सा है।
यह गेम ऑनलाइन गेम के मार्केट में प्रवेश करने और गेम के माध्यम से उन्हें एजुकेट करने का एक बेहतर प्रयास है।
भारत सरकार की विभिन्न ब्रांच ने देश के कोने-कोने से गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में डाटा कलेक्ट किया है।
आजादी क्वेस्ट गेम इस ज्ञान की सीख को आकर्षक और संवादात्मक बनाने का एक प्रयास है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस गेम को सभी आयु वर्ग के लोग इस खेल को खेल सकते हैं और उन्हें अधिक से अधिक जोड़ने की उम्मीद की जा रही है और जल्द ही इस गेम को हर घर में पसंद किया जाएगा।
आजादी क्वेस्ट सीरीज के पहले दो गेम भारत स्वतंत्रता संग्राम की कहानी के बारे में है।
जिसमें प्रमुख मील के पत्थर और नायकों के बारे में बताया गया है।
जो मजेदार खेल खेलने के साथ जुड़े हुए हैं।
गेम का कंटेंट सरल लेकिन व्यापक है इस गेम को विशेष रुप से पब्लिकेशन डिपार्टमेंट द्वारा क्यूरेट किया गया है और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के रिसर्च और विषय एक्सपर्ट द्वारा जांच की गई है।
26 august 2022
One Nation One Fertiliser scheme,एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना क्या है, जाने इसके बारे में विस्तार से
One Nation One Fertiliser scheme:देश में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की है कि प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना नामक उर्वरक सब्सिडी योजना के अंतर्गत उर्वरक और लोगों के लिए एकल ब्रांड पेश करके एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रालय ने अपने बयान में यह कहा है कि यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके आदि के लिए एक ब्रांड नाम क्रमशः भारत यूरिया व भारत डीएपी, भारत एमओपी और भारत एनपीके होगा। इसके अलावा सभी उर्वरक कंपनियां राज्य व्यापार संस्थाओं और उर्वरक विपणन संस्थान के अंतर्गत उर्वरक बोरियों पर उर्वरक सब्सिडी योजना यानी प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना को दर्शाने वाला एक समान लोगो का उपयोग किया जा रहा है।
इस योजना के बारे में
कंपनियों द्वारा किए जा रहे सभी सब्सिडी वाले उर्वरक के लिए एकल भारत ब्रांड पेश करने के लिए सरकार का तर्क इस प्रकार है
यूरिया का अधिकतम रिटेल मूल्य वर्तमान में सरकार द्वारा तय किया जाता है, जो कंपनियों को उनके द्वारा किए गए विनिर्माण या आयात की लागत के लिए छतिपूर्ति करता है। गैर यूरिया उर्वरक की एमआरपी कागज पर नियंत्रण मुक्त की गई है। लेकिन कंपनियां सब्सिडी का लाभ नहीं उठा सकती है। अगर वह सरकार द्वारा अनौपचारिक तरीके से एमआरपी से अधिक बैठते हैं।
2. कंपनियां किसकी है इस पर सब्सिडी देने के अलावा सरकार यह भी तय करती है कि वह कहां बेच सकती है। जब सरकार उर्वरक सब्सिडी 2022 में 200 करोड़ रुपए को पार करने की संभावना है। सब्सिडी पर भारी मात्रा में पैसा खर्च कर रही है साथ ही वह यह भी कहा है कि कंपनियां कहां और किस कीमत पर उर्वरक को बेच सकती है। तो यह स्पष्ट रूप से क्रेडिट लेनी चाहिए और किसान को भी संदेश भेजें ।
Urban Night Safari, अर्बन नाइट सफारी क्या है, जाने इसके खासियत के बारे में
Urban Night Safari : उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ में कुकरेल वन क्षेत्र में भारत का पहला नाइट सफारी पार्क स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है। यूपी राज्य के कैबिनेट ने लखनऊ के क्षेत्र में भारत का पहला नाइट सफारी पार्क स्थापित किया जाएगा। इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में कुकरैल में 202 7.4 हेक्टेयर वन क्षेत्र का एक हिस्सा नाइट सफारी पार्क और एक जूलॉजिकल पार्क में परिवर्तित किया जाएगा। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि जूलॉजिकल पार्क 150 एकड़ क्षेत्र में और नाइट सफारी पार्क 350 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा। वर्तमान में देश में 13 सफारी है। लेकिन वे सभी देश के डे सफारी हैं। एक बार जब यह लखनऊ का कुकरेल नाइट सफारी पूरा हो जाएगा तो यह देश का पहला नाइट सफारी होगा।
भारत की पहली अर्बन नाइट सफारी के बारे में
भारत के पहले अर्बन नाइट सफारी प्रोजेक्ट सिंगापुर में मौजूद एक सफारी के तर्ज पर डिवेलप किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि इस नाइट सफारी प्रोजेक्ट के अंतर्गत पर्यटकों को स्थानीय गाइड के साथ ट्रेन और जीप की सवारी भी दी जाएगी। लखनऊ की नाइट सफारी प्रोजेक्ट के रूप में सरकार की योजना 75 एकड़ भूमि पर एक अलग तेंदुआ सफारी, एक भालू सफारी और 75 एकड़ क्षेत्र टाइगर सफारी बनाने की योजना है। चिड़ियाघर के विपरीत जहां जानवरों को पिंजरे में रखा जाता है यहां पर सफारी में उन्हें जंगल में मुक्त घूमने की अनुमति होगी ।
इस सफारी में क्या सुविधाएं होगी
उत्तर प्रदेश सरकार नाइट सफारी के अलावा पर्यटकों के लिए आधुनिक थीम पार्क डिवेलप करने के बारे में योजना तैयार कर रही है। जिसमें कैनोपी वॉक कैंपिंग, माउंटेन ट्रैक, बाइक कार पार्किंग, फूड कोर्ट जैसे मनोरंजन सुविधाएं दी जाएगी।
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान को स्थानांतरित किया जाएगा
प्रोजेक्ट के मुताबिक सताब्दी पुराने नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ के चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है। जिसे अब इस प्रोजेक्ट के मुताबिक वर्तमान स्थान से कुकरेल में ट्रांसफर किया जाएगा। जूलॉजिकल पार्क ही में अपने वर्तमान स्थान से लगभग 12 किलोमीटर दूर होगा। जूलॉजिकल गार्डन को ट्रांसफर करने का निर्णय भीड़भाड़ कम करने के लक्ष्य के तहत लिया गया है। ट्रांसफर होने के बाद चिड़ियाघर को एक ओपन एयर चिड़ियाघर में बदल दिया जाएगा।
Aashwasan Campaign,जनजातीय टीबी पहल आश्वासन योजना क्या है, जाने इसके बारे में विस्तार से
Aashwasan Campaign : जनजाति कार्य मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के टीबी प्रभाव में 24 अगस्त को राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में जनजातीय टीबी पहल के अंतर्गत 100 दिन आश्वासन अभियान की विशेषताओं को प्रचार करने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था।
जनजातीय टीबी पहल आश्वासन के बारे में
जनजातीय टीबी पहल, जनजातीय कार्य मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय टीबी प्रभाग की एक संयुक्त पहल है, जिसे यूएसएआईडी द्वारा एक तकनीकी भागीदार और पिरामल स्वास्थ्य द्वारा कार्यान्वयन भागीदारी के रूप में समर्थन मिला हुआ है। जनजातीय टीबी पहल के दायरे में भारत के 164 जनजाति जिलों में टीवी के सक्रिय मामले का पता लगाने के लिए आश्वासन अभियान इस साल 7 जनवरी से शुरू किया गया था। जिसे महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले से प्रारंभ किया गया था। इस आश्वासन अभियान के अंतर्गत 68,019 गांव में टीवी के घर-घर जाकर जांच की गई थी जिसमें 1030 7200 व्यक्तियों की मौखिक जांच के आधार पर 3,82,811 लोगों में टीबी होने की पहचान की गई थी। इसमें 279329 यानी 73 परसेंट नमूनों की टीबी के लिए जांच की गई है, जिसमें 9971 लोगों को टीबी बीमारी के लिए पॉजिटिव पाया गया है और इनका भारत सरकार के प्रोटोकॉल के मुताबिक इलाज किया जा रहा है।
75 जिलों के लिए त्रिस्तरीय रणनीति प्रस्तुत की गई है और यह रणनीति इन बातों पर आधारित होगी
1.समुदाय को एकजुट करने, टीबी के लक्षणों का प्रसार और उपचार प्रक्रियाओं के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और इसके कलंक को मिटाने और टीबी से जुड़े भय को लोगों के बीच से दूर करने के लिए इस प्रक्रिया के दौरान शामिल किया गया है।
2. टीबी की परीक्षण या फिर जांच और निदान के बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी करके कार्यान्वयन अंतराल को दूर करने के लिए और वित्त पोषण के अन्य स्रोतों का लाभ उठाकर अनुकूलित समाधान के प्रवधान द्वारा टीबी के सेवाओं का वितरण में सुधार करना है।
3. सक्रिय मामलों का पता लगाने के अभियान के माध्यम से इस बीमारी के फैलने के जोखिम तथा इसके उपचार के बारे में प्रचार करना है।
HDFC and Tata Neu Launches co-branded credit card, ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड क्या जाने इसके बारे में विस्तार से
HDFC and Tata Neu Launches co-branded credit card : एचडीएफसी बैंक और टाटा समूह के सुपर ऐप टाटा नेउ ने को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड पेश करने के लिए अपने सहयोग की घोषणा की है। टाटा न्यू प्लस एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड और टाटा न्यू इनफिनिटी एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड की दो किस्में है जो उपलब्ध होंगे। टाटा न्यू के ग्राहकों को उनके सभी लेनदेन पर पहले से ही प्रदान किए जाने वाले लाभ कार्ड द्वारा बढ़ाए जाएंगे।
एचडीएफसी बैंक और टाटा न्यू के महत्वपूर्ण बिंदु
इस कार्ड से टाटा न्यू के ग्राहकों को उनकी सभी खरीदारी पर पहले से ही दिए जा रहे लाभों में बढ़ोतरी होगी।
ग्राहक अब टाटा न्यू ऐप पर खर्च की गई राशि का कुल 7 परसेंट या 10 परसेंट कमा सकते हैं। एडिशन के आधार पर 5 परसेंट न्यू कोइंस के मौजूदा टाटा न्यू के लाभ के साथ जोड़ा जाता है।
एचडीएफसी बैंक और टाटा न्यू को ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड के बारे में विस्तार से
टाटा न्यू के ग्राहक क्रेडिट कार्ड की आवश्यक जानकारी तक पहुंच सकते हैं और टाटा न्यू ऐप का उपयोग करके इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं और RuPaY और Visa दोनों नेटवर्क कार्ड के दोनों रूप में समर्थन करते हैं। कार्ड प्रमुख कैटेगिरी में टाटा न्यू की उपस्थिति और भारत के टॉप कार्ड जारीकर्ता के रूप में एचडीएफसी बैंक की स्थिति का उपयोग करके मूल्य प्रदान करने के लिए दोनों ब्रांडों की ताकत का फायदा उठाते हैं। कस्टमर के लिए की गई खरीदारी के लिए पुरस्कार के रुप में Neu Coins(1NeuCoin=1रुपया) अर्जित करने की क्षमता है, उन्होंने दावा किया है कि एक और विशेषता है जो इसे अन्य क्रेडिट कार्ड से अलग बनाती है।
एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड के बारे में
ग्राहक टाटा न्यू प्लस एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड के साथ 2% न्यूकॉइन और टाटा न्यू इनफिनिटी एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड के साथ 5% न्यूकॉइन्स पा सकते हैं, सभी व्यक्तिगत और पार्टनर टाटा ब्रांडों में किए गए ऑनलाइन ट्रांजेक्श पर
ग्राहकों को उनकी खरीद के संबंधित हिस्से पर 1% और 1.5% NeuCoins मिलेंगे जो घरेलू और विदेश में पार्टनर टाटा ब्रांड के माध्यम से नहीं किए गए हैं।
Samajik Adhikari Shivir, क्या है सामाजिक अधिकारी शिविर, और इसकी विशेषताएं जाने विस्तार से
Samajik Adhikari Shivir:ALIMCO नागपुर नगर निगम और जिला प्रशासन नागपुर के सहयोग से एसजीएनडई डिपार्टमेंट द्वारा सामाजिक अधिकारी शिविर का आयोजन किया गया था। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय वायोश्री योजना और दिव्यांगजन के तहत वरिष्ठ नागरिकों की सहायता और सहायक उपकरण उपकरणों के वितरण के लिए सामाजिक अधिकारी शिविर का आयोजन किया गया था।
इस उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार मौजूद थे। उन्होंने अभियान का उद्घाटन किया और दिव्यांग जनों और वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सहायता और सहायक उपकरण वितरित किया।
सामाजिक अधिकारिक सिविर से जुड़े मुख्य बिंदु
कुल 24 1200 सहायता और सहायक उपकरण जिनकी कीमत केंद्र सरकार के तहत 3483 लाख रुपए निशुल्क बांटे जाएंगे।
इस शिविर से कुल 27 356 वरिष्ठ नागरिक और 7780 दिव्यांगजन लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री नरेंद्र कुमार द्वारा प्रगति की जानकारी देते हुए शीघ्र ही महाराष्ट्र के दिव्यांगजन के लिए पार्क की स्थापना की जाएगी।
दिव्यांग पार्क में संवेदी उद्यान, टैक्सटाइल पार्क एंड गार्डन, कौशल प्रशिक्षण सुविधाएं, पुनर्वास सुविधाएं और खेल जैसी विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सहायता और सहायक उपकरण को चरणों में विभाजित किया जाएगा ।
मूल्यांकन शिविरों के दौरान पंजीकृत वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग को पहली वरीयता दी जाएगी।
30 मोटर चलित ट्राई साइकिल, 98 ट्राई साइकिल, 1520 व्हीलचेयर, 305 बैसाखी, 6488 वाकिंग स्टिक, 21 ब्रेल किट और कई अन्य सहायक उपकरण और उपकरणों सहित विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण वितरित किए जाएंगे।
Google programme for developers in India, भारतीय डेवलपर्स के लिए गूगल कौन सी प्रोग्राम लाने जा रही है, जाने इसके बारे में विस्तार से
Google programme for developers in India : आईटी दिग्गज कंपनी गूगल ने साइबर सुरक्षा में 100,000 भारतीय डेवलपर्स और रिसर्चर को अपस्किल करने के लिए एक प्रोग्राम को लॉन्च किया है। यह अभियान कंपनी के साइबर सुरक्षा रोड शो का हिस्सा होगा, जो भारत भर के कई शहरों को कवर करेगा और कंजूमर ऐप के निर्माण के लिए सुरक्षा प्रथाओं पर टूल ट्यूटोरियल और सलाह प्रोवाइड करेगा। साथ ही साथ उद्यम का भी काम करेगा।
अपस्किल प्रोग्राम दो प्रमुख प्रोग्राम क्षेत्रों एंड्रॉयड और गूगल क्लाउड को कवर करेगा और इसका उद्देश्य भारत में 100,000 इंजीनियरों को अपस्किल करना होगा। गूगल क्लाउड प्रोग्राम वाणिज्य डेवलपर्स और सुरक्षा प्रशासकों पर ध्यान केंद्रित करेगा। जबकि android अपस्किलिंग प्रोग्राम डेवलपर्स को कंजूमर उपयोग के लिए एप्स बनाने की सर्विस प्रोवाइड करेगा। गूगल का यह कदम तब आया जब इंडस्ट्रीज के खिलाड़ियों ने देश में डेवलपर्स के बीच बेहतर अपस्किलिंग की आवश्यकताओं की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया है।
उपयोगकर्ताओं की ऑनलाइन सुरक्षा की दिशा में प्रयास क्या है
साइबर स्किलिंग रोड शो लगभग 100,000 डेवलपर्स तक पहुंचेगा।
लेन-देन सुरक्षा के लिए बहुभाषी जागरूकता अभियान
गूगल ऑर्गनाइजेशन उच्च जोखिम वाले समुदाय के लिए डिजिटल सुरक्षा स्किल और समर्थन चैनलों का विस्तार करने में सहायता करने गैर-लाभकारी ऑर्गनाइजेशन को $2 का ग्रांट प्रोवाइड करती है। तीन भारतीय भाषाओं में बाल सुरक्षा प्रौद्योगिकी टूलकिट लांच किया गया है।देशभर में सीबीएसई बोर्ड के शिक्षकों के लिए डिजिटल सुरक्षा प्रशिक्षण का भी विस्तार करता है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े महत्वपूर्ण फैक्ट
गूगल की स्थापना कब हुई थी
1998
गूगल के संस्थापक कौन है
लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन
गूगल का मुख्यालय कहां है
माउंटेन व्यू कैलिफोर्निया
गूगल के सीईओ कौन है
सुंदर पिचाई
Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
28-august – 2022
Bal Gangadhar Tilak Biography,जाने बाल गंगाधर तिलक के जीवन परिचय, शिक्षा और करियर के बारे में विस्तार से
Bal Gangadhar Tilak Biography : बाल गंगाधर तिलक को भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के जनक के रूप में जाना जाता है। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के पहले लीडर गंगाधर तिलक थे। गंगाधर तिलक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, वे एक शिक्षक, वकील, सोशल एक्टिविस्ट, स्वतंत्रता संग्रामी नेशनल लीडर थे। उन्होंने इतिहास, संस्कृत, खगोल शास्त्र एवं गणित में महारत हासिल की थी। बाल गंगाधर तिलक को लोग प्यार से लोकमान्य कह कर बुलाते थे। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने कहा था कि स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे पाकर ही रहेंगे इस नारे से बहुत से लोग प्रेरित होकर स्वतंत्रता संग्राम में इनका साथ दिया था। बाल गंगाधर पूरी तरह से महात्मा गांधी का समर्थन नहीं करते थे, उनके हिसाब से अहिंसा सत्याग्रह पर पूरी तरह से अपनाना सही नहीं है, जरूरत पड़ने पर लोगों को हिंसा का उपयोग करना पड़ता है।
विषय सूची
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जीवन परिचय
बाल गंगाधर तिलक का जन्म, शिक्षा और परिवार
बाल गंगाधर तिलक का करियर
बाल गंगाधर तिलक का राजनैतिक सफर
बाल गंगाधर तिलक द्वारा लिखे गए रचना
बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु
बाल गंगाधर तिलक से जुड़े FAQ
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जीवन परिचय
बाल गंगाधर तिलक का जन्म ब्राह्मण परिवार के चितपावन ब्राह्मण परिवार रत्नागिरी महाराष्ट्र में हुआ था। इनके पिता गंगाधर तिलक एक संस्कृत के अध्यापक थे। तिलक को बचपन से ही पढ़ाई में रुचि थी। वे गणित विषय में बहुत अच्छे विद्यार्थी थे। तिलक जब 10 साल के थे तब उनके पिता रत्नागिरी से पुणे आ गए थे और उन्होंने एंग्लो वर्नाकुलर स्कूल ज्वाइन किया और शिक्षा प्राप्त की। पुणे आने के थोड़े समय बाद तिलक ने अपनी मां को खो दिया 16 साल की उम्र में तिलक के सर से पिता का भी हाथ उठ गया था। जब वह पढ़ाई कर रहे थे तब उन्होंने 10 साल की लड़की तापीबाई से शादी की थी जिनका नाम बदलकर सत्यभामा हो गया था। मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद कॉलेज में दाखिला ले लिया। जहां से उन्होंने 1970 में फर्स्ट क्लास में पास की थी। भारत के इतिहास में तिलक उस पीढ़ी के थे जिन्होंने मॉडर्न पढ़ाई की शुरुआत की और कॉलेज से एजुकेशन ली थी। इसके बाद पढ़ाई जारी रखी और एलएलबी की डिग्री हासिल की।
बाल गंगाधर तिलक का करियर
बाल गंगाधर तिलक पुणे के एक प्राइवेट स्कूल में गणित के अध्यापक बन गए। कुछ समय बाद स्कूल से नौकरी छोड़कर पत्रकार बन गए और देश में चल रही गतिविधियों से बहुत आहत थे। इसके लिए बड़े रूप में कार्य करना चाहते थे। तिलक पश्चिमी शिक्षा पद्धति के बड़े आलोचक थे और उनका मानना था कि इसके द्वारा भारतीय विद्यार्थियों को नीचा दिखाया जा रहा है और भारतीय संस्कृति को गलत ढंग से प्रेजेंट किया जा रहा है। कुछ सोच विचार करने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे कि एक अच्छा नागरिक तभी बना जा सकता है, जब उसे अच्छी शिक्षा मिले भारत में शिक्षा के क्षेत्र को सुधारने के लिए उन्होंने अपने मित्र के साथ मिलकर डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की थी। इसके अगले साल तिलक ने दो समाचार पत्रों का भी निर्माण शु रू किया। इसमें से था केसरी जो मराठी भाषा में सप्ताहिक समाचार पत्र था और दूसरा था माह्रात्ता जो अंग्रेजी भाषा में सप्ताहिक समाचार पत्र था। भारत में समाचार पत्र के इतिहास के बारे में में अगर बात करें तो बाल गंगाधर तिलक द्वारा शुरू किए गए यह समाचार पत्र की चर्चा की जाती है। थोड़े समय में ही दोनों समाचार पत्रों ने बहुत प्रसिद्धि हासिल की और अपने इस समाचार को पत्र पर तिलक अक्सर भारत की दुर्दशा के विषय पर लिखते थे। वे लोगों के कष्ट और वास्तविक घटनाओं की तस्वीर को इसमें छापते थे। गंगाधर तिलक सबसे कहा करते थे कि अपने हक के लिए आ के लड़े। बाल गंगाधर तिलक सभी भारतीयों को उकसाने के लिए अक्सर उग्र भाषा का उपयोग किया करते थे।
बाल गंगाधर तिलक का राजनैतिक सफर
अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाने के लिए गंगाधर तिलक ने 1890 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ज्वाइन किया। महात्मा गांधी के पहले भारतीय राजनेता के रूप में अंग्रेज गंगाधर को ही जानते थे। वे पुणे मुंसीपल एवं मुंबई विधान मंडल के सदस्य रहे थे। वे एक महान समाज सुधारक थे और उन्होंने बाल विवाह का विरोध किया और विधवा पुनर्विवाह का भी समर्थन किया था। अट्ठारह सौ सत्तावन में अपने भाषण के द्वारा अशांति फैलाने और सरकार के विरोध में बोलने के लिए इनके खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई जिसके लिए तिलक को जेल जाना पड़ा और डेढ़ साल बाद यानी 1998 में बाहर आए ।सरकार ने उन्हें भारतीय अशांति के पिता के नाम से संबोधित किया करते थे। जब वे जेल में बंद थे तब उन्हें देश का महान हीरो एवं सहीद कहा जाता था। जेल से छूटने के बाद स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की। समाचार पत्र और भाषण के द्वारा वे अपने बात को महाराष्ट्र के गांव-गांव तक पहुंचाया करते थे। तिलक में अपने घर के सामने एक बड़ा स्वदेशी मार्केट भी बनाया था। स्वदेशी आंदोलन के द्वारा सभी विदेशी सामान का बहिष्कार किया करते थे और लोगों को इसमें जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया करते थे। इस समय कांग्रेस पार्टी के अंदर गर्मी बढ़ गई थी और विचारों में मतभेद के चलते कांग्रेस पार्टी दो भागों में बंट गई थी और गरम पंथी बाल गंगाधर तिलक द्वारा चलाया जाता था जबकि नरमपंथी गोपाल कृष्ण के द्वारा चलाया जाता था।गरमपंथ स्शासन के पक्ष में था। जबकि नरमपंथी सोचते थे कि समय भी ऐसी स्थिति के लिए नहीं । है दोनों एक दूसरे के विरोधी थे लेकिन उद्देश्य एक ही था भारत का स्वतंत्र होना। बाल गंगाधर तिलक बिपिन चंद्र पाल एवं पंजाब के लाला लाजपत राय का समर्थन करने लगे थे। यहीं से यह तीनों की तिकड़ी लाल, बाल, पाल नाम से जाने लगी थी। बाल गंगाधर तिलक ने अपने पेपर केसरी में स्वराज की बात कही इसके बाद उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया और इसके लिए उन्हें 6 साल की जेल हुई और उन्हें बर्मा भेज दिया गया था। जेल में बहुत सी किताबें पढ़ा करते थे और उन्होंने गीता का रहस्य बुक की रचना की थी। 8 जून 1916 को जेल से बाहर छूटे थे। जेल से बाहर आने के बाद 1916 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और कांग्रेस के दोनों दलों को फिर से जोड़ने की प्रयास कि उन्होंने इसके लिए महात्मा गांधी को भी समझाने की कोशिश की कि वे पूरी तरह से अहिंसा को सपोर्ट ना करें। इसके बारे में भी सोचे उनकी सारी मेहनत बेकार हुई इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी होम रूल लीग बनाई। जिसके बाद वे देश भर में घूम-घूम कर सबको स्वराज आंदोलन से जोड़ने की प्रयास करते रहे।
बाल गंगाधर तिलक की रचनाएं कौन-कौन सी है
ओरियन 1893
दी आर्कटिक होम इन दी वेद 1903
गीता रहस्य 1915
बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु
स्वराज के लिए लड़ाई लड़ने में बाल गंगाधर तिलक अपने जीवन भर कार्य करते रहे। 1 अगस्त 1920 को उनकी मुंबई में अचानक मृत्यु हो गई थी। इन्होंने स्वराज प्राप्ति के लिए बहुत से कार्य किए थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनका नाम अक्सर याद किया जाता है।
बाल गंगाधर तिलक से जुड़े FAQ
1. बाल गंगाधर तिलक का पूरा नाम क्या था
केशव गंगाधर तिलक
2.बाल गंगाधर तिलक का जन्म कब हुआ था
23 जुलाई 18 56
3.बाल गंगाधर तिलक का जन्म स्थान कौन सा है
रत्नागिरी महाराष्ट्र
4.बाल गंगाधर तिलक की पत्नी का नाम क्या था
विवाह के पहले तापीबाई फिर नाम बदल कर बाद में सत्यभामा हो गया
5. बाल गंगाधर तिलक कौन से पार्टी के सदस्य थे
इंडियन नेशनल कांग्रेस,
6. इंडियन नेशनल कांग्रेस से अलग होने के बाद बाल गंगाधर तिलक ने अपने कौन सी पार्टी की स्थापना की
होम रूल लीग पार्टी
7.बाल गंगाधर तिलक द्वारा लिखी गई किताब के नाम
ओरियन 1893
दी आर्कटिक होम इन दी वेद 1903
गीता रहस्य 1915
8. ब्रिटिश सरकार बाल गंगाधर पिता को किस नाम से संबोधित किया करते थे
भारतीय अशांति के पिता
KV Subramaniam,केवी सुब्रह्मण्यम कौन हैं, जाने इनके बारे में विस्तार से
KV Subramaniam : पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रह्मण्यम को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में अप्वॉइंट किया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर से शुरू होगा और 3 साल की अवधि तक या अगले आदेश तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे। जो भी पहले हो प्रख्यात अर्थशास्त्री सुरजीत एस भल्ला के कार्यकाल को ईडी भारत आईएमएफ के रूप में 31 अक्टूबर 2022 तक घटाकर जारी रहेगा।
भल्ला को 2019 में आईएमएफ के बोर्ड में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में अप्वॉइंट किया गया था। उन्होंने आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण का स्थान लिया था। जिनका 30 जुलाई को एक संक्षिप्त बीमारी के बाद अमेरिका में मृत्यु हो गई थी।
सुब्रमण्यम कौन है जाने इनके बारे में विस्तार से
सुब्रह्मण्यम ने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल आफ बिजनेस से वित्तीय अर्थशास्त्र में एमबीए और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी में पीएचडी किया है। उनकी पीएचडी आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की देखरेख में पूरी हुई थी। वह आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र भी रहे हैं जहां इन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के साथ साथ भारतीय प्रबंध संस्थान कोलकाता का अध्ययन किया था।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
आईएम का गठन कब हुआ था
27 दिसंबर 1945
आईएमएफ का मुख्यालय कहां है
डी.सी यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका
आईएमएफ के एमडी कौन है
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
आईएमएफ के सदस्य देश कितने हैं
190
Sameer V Kamat,समीर वी कामत कौन हैं, जाने इनके बारे में विस्तार से।
Sameer V Kamat : कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश के मुताबिक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक समीर वी कामत को रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ के अध्यक्ष के रूप में अप्वॉइंट किया गया है। जो डीआरडीओ में नौसेना प्रणाली और सामग्री के महानिदेशक हैं, जी सतीश रेड्डी का स्थान लेने लेंगे। इन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नामित किया गया है।
इस लेख के प्रमुख बिंदु
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने कामत को रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष के रूप में उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से 60 साल की आयु होने तक की अपॉइंटमेंट को मंजूरी दे दी है।
इस आदेश में कहा गया है कि एसीसी ने रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में रेड्डी की अपॉइंटमेंट को मंजूरी दी है।
रेड्डी को अगस्त 2018 में 2 साल के लिए डीआरडीओ प्रमुख नियुक्त किया गया था।
उन्हें अगस्त 2020 में उनके पद पर 2 साल का विस्तार किया गया है।
डीआरडीओ क्या है
अनुसंधान और विकास संगठन भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के अंतर्गत एक प्रमुख एजेंसी है जो सेना के अनुसंधान और विकास के लिए जिम्मेदार है, जिसका मुख्यालय भारत दिल्ली स्थित है। इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।
इस लेख से जुड़े मुख्य प्रश्न उत्तर
वी कामत रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष में किस का स्थान लेंगे ?
जी सतीश रेड्डी।
डीआरडीओ के अध्यक्ष के पद पर कब तक रहेंगे ?
60 साल के आयु होने तक वे इस पद पर कार्यरत रहेंगे।
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
सतीश रेड्डी को।
डीआरडीओ का मुख्यालय कहां है ?
नई दिल्ली भारत में।
डीआरडीओ की स्थापना कब हुई थी?
1958.
UP Family Welfare Card,यूपी परिवार कल्याण कार्ड क्या है, जाने इसके बारे में विस्तार से
UP Family Welfare Card:हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी परिवारों के लिए यूपी परिवार कल्याण कार्ड जल्द जारी करने की बात कही है। इसके अंतर्गत राज्य में चल रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है। इससे उन परिवारों को भी सहायता मिलेगी जिन्हें किन्ही कारणों से योजनाओं से लाभान्वित नहीं हुए हैं।
इस लेख के प्रमुख बिंदु
यह कार्ड राशन कार्ड डाटा की मदद से तैयार किया जाएगा, जिसकी मदद से इस प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है और सभी सरकारी योजनाओं को एकीकृत किया जा सकेगा।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ आधार वैद्य राशन कार्ड धारक मौजूद हैं। जिन्हें परिवार कल्याण कार्ड तुरंत प्राप्त जारी किए जाएंगे।
राज्य का लगभग 60 परसेंट हिस्सा राशन कार्ड से आच्छादित है।
इसके माध्यम से सरकार राज्य में हर एक परिवार को एक पहचान पत्र देगी जो आधार कार्ड की तरह एक अद्वितीय 12 अंक का कार्ड होगा, जिसमें उस परिवार के सभी सदस्यों के बारे में पूरी डिटेल में जानकारी मौजूद होगी।
यूपी परिवार कल्याण कार्ड में उल्लिखित जानकारी के आधार पर राज्य में चल रही विभिन्न योजनाओं जैसे रोजगार स्वास्थ्य और अन्य प्रकार की योजनाओं का लाभ लोगों को दिया जाएगा।
इस कार्ड की सहायता से किसी भी योजना के पात्र आवेदक का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। साथ ही राज्य के हर नागरिक का सारा डाटा सरकार के पास उपलब्ध होगा।
Atal Bridge,अटल ब्रिज क्या है, जाने इस ब्रिज के खासियत के बारे में
Atal Bridge : गुजरात के अहमदाबाद शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अधिकारिक तौर पर साबरमती नदी पर केवल पैदल चलने वाले लोगों के लिए अटल ब्रिज का उद्घाटन किया है। पीएम मोदी ने 2 दिन के दौरे पर अपने गृह राज्य में गए हैं। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुल की एक-एक पल की यात्रा की और एक प्रेस रिलीज के मुताबिक अटल ब्रिज नदी के पूर्वी छोर पर आने वाले कला और संस्कृति केंद्र को पश्चिमी छोर पर फूलों के बगीचे से जोड़ा गया है। अटल ब्रिज करीब 300 मीटर लंबा और बीच में 14 मीटर चौड़ा बनाया गया है।अटल ब्रिज का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।
आइए जानते हैं अटल ब्रिज से जुड़े मुख्य बिंदु
अहमदाबाद नगर निगम ने पैदल यात्री ओवरपास अटल ब्रिज को डिवेलप किया है
प्रेस रीलीज के मुताबिक अटल ब्रीज को निचले और ऊंचे रिवरफ्रंट वॉक या सैरगाह दोनों से संपर्क करने के लिए बनाया गया है।
इस दो दिवसीय दौरे पर नरेंद्र मोदी अधिक निर्माण प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखेंगे और भुज में 470 एकड़ के स्मृति वन स्मारक को समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल ब्रिज के उद्घाटन के दिन तक 2 दिन के लिए राज्य में नदी तट पर खादी उत्सव में भी भाग लेंगे।
अटल ब्रिज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर रखा गया है।
अहमदाबाद नगर निगम ने 300 मीटर अटल पुल का निर्माण किया और इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी के नाम पर समर्पित किया है। अटल ब्रिज नदी के पूर्वी किनारे पर भविष्य के कला और संस्कृति केंद्र को कार्यक्रम स्थल के पश्चिमी तट पर पानी फ्लावर पार्क से जोड़ा गया है। अपने आकर्षित डिजाइन के लिए प्रशंसित अटल ब्रिज बहु स्तरीय पार्किंग स्थल को भी जोड़ेगा।
Judoka Linthoi Chanambam,कौन है जूडोका लिंथोई चनंबम विश्व जूडो कैडेट u18 चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रचा है।
Judoka Linthoi Chanambam : भारतीय जूडोका लिंथोई चनंबम ने विश्व जूडो कैडेट u18 चैंपियनशिप में महिलाओं के 57 किलोग्राम कैटेगरी में गोल्ड के साथ जूडो वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का पहला मेडल जीतकर इतिहास रचा है। 15 साल की जूडोका ने 57 किलोग्राम कैटेगरी में फाइनल में ब्राजील की बियांका रीस को हराया है।
जूडोका लिंथोई चनंबम के कैरियर के बारे में विस्तार से
जूडोका लिंथोई चनंबम वर्ल्ड चैंपियन शिप के किसी भी उम्र के कैटेगरी में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय जूडोका है 15 साल की यह पिछले कुछ सालों में भारत के सबसे अच्छे जुडकओं में से एक हैं और यह भारत सरकार के TOPS कार्यक्रम का भी हिस्सा है। वह 2017 में सब जूनियर नेशनल जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल के साथ सुर्खियों में आई थी और तब से वह जेएसडब्ल्यू के इंस्पायर इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स प्रोग्राम में ट्रेनिंग ले रही थी। शुक्रवार की ऐतिहासिक जीत से पहले 2021 में राष्ट्रीय कैडेट जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और इसके बाद लेबनान के बेरूत में एशिया - ओशिनिया कैडेट जूडो चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
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