World Environmental Protection Day, विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस (26 नवम्बर) क्यों मनाया जाता है जानें विस्तार से

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Fri, 25 Nov 2022 01:14 PM IST

Highlights

पर्यावरण का अर्थ है हमारे चारों ओर का वातावरण जहां हम रहते हैं और जिसमें निहित तत्व एवं उस में रहने वाले लोगों से हैं।

World Environmental Protection Day : हर साल विश्व स्तर पर 26 नवंबर को विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण को संतुलित करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरण संतुलन और सकारात्मक कदम उठाने के लिए मनाया जाता है, साल 1992 में पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है, यह पूरे विश्व द्वारा मनाया जाता है और पर्यावरण के संरक्षण और बचाव के लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक की जाती है।  अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application

Source: safalta


 
 

 पर्यावरण की परिभाषा क्या है या पर्यावरण किसे कहते हैं 


साधारण तौर पर और आम बोलचाल की भाषा में पर्यावरण का अर्थ है हमारे चारों ओर का वातावरण जहां हम रहते हैं और जिसमें निहित तत्व एवं उस में रहने वाले लोगों से हैं। पर्यावरण में हमारे चारों और उपस्थित हवा, पानी, पशु, पक्षी, पेड़ पौधे और हम, इन सभी से मिलकर पर्यावरण बना है और इन सभी का संरक्षण करने के लिए 26 नवंबर को पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया जाता है। जिस प्रकार हम अपने पर्यावरण से प्रभावित होते हैं, वैसे ही हमारे द्वारा किए गए कार्यों से पर्यावरण भी प्रभावित होते हैं।  Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize

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पर्यावरण को संरक्षित क्यों करना चाहिए


जैसे लकड़ी काटने के लिए जंगल समाप्त करना, सुविधा और सहूलियत के लिए सड़कों पर भारी मात्रा में वाहन का चलना। सिवेज और गारबेज को नदियों में प्रवाहित करवाना, शहरों एवं महानगरों में बने फैक्ट्री निकले वाली गर्म और विषैली कार्बन डाइऑक्साइड पर्यावरण के तापमान को गर्म कर रही है। जिस प्रकार जंगल के समाप्त होने से पेड़ पौधे नष्ट हो रहे हैं, उसके साथ ही जंगल में रहने वाले पशु पक्षी भी प्रवास कर रहे हैं और धीरे धीरे इनकी प्रजाति विलुप्त होते जा रहे हैं। जंगल को समाप्त करने पर भले ही मनुष्य को थोड़ी देर का फायदा मिल रहा है, लेकिन धीरे-धीरे इसका असर लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन भरी पड़ रहा है। इसके साथ ही धीरे-धीरे भविष्य में अगर पेड़ पौधे ही नहीं रहेंगे तो मनुष्य का जीवन कठिन हो जाएगा। इसी डर से और पर्यावरण के बचाव के लिए पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया जाता है और इसके तहत कई पहल और कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके।   GK Capsule Free pdf - Download here


 पर्यावरण प्रदूषण के क्या प्रकार हैं


पर्यावरण में जल 
थल  प्रदूषण 
वायु  प्रदूषण 
ध्वनि प्रदूषण 
जल प्रदूषण 

प्रदूषण के क्या कारण हैं,


 कारखानों एवं गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, नदी तालाब में गंदे पानी और गार्बेज को डालना, घर उद्योग की गंदगी को खुले में फेंकना, लाउडस्पीकर को तेज साउंड में करना।

 पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के क्या उपाय हैं


 सबसे प्रमुख उपाय की बात करें तो वह है जनसंख्या  नियंत्रण , कारखानों से निकलने वाली धुंआ को कंट्रोल करने के लिए शहर से दूर और ऊंचाई पर चिमनी को बनाना चाहिए ताकि धुआं ऊपर की ओर उड़े ना कि नीचे में पृथ्वी में रहने वाले लोगों के करीब, 2 पहिया वाहन में ऑयल डालें और समय-समय पर सर्विसिंग करवाते रहें, ताकि गाड़ी धुंआ ना छोड़े, अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और कचरे को कचरे के डिब्बे में ही डालें, आसपास स्वच्छता बनाए रखें, तकनिक की बात करें तो अभी तक ऐसे किसी प्रकार के टेक्नोलॉजी का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके या फिर काबू पाया जा सके, लेकिन मनुष्य अपने छोटे से छोटे प्रयास कर इन समस्या को कम जरूर कर सकते हैं। यह कुछ उपाय हैं जिससे आप पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं और प्रदूषण पर काबू पा सकते हैं।

 आज तक जो फैक्ट्री और कारखाने स्थापित किए गए हैं, उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट नहीं कर सकते हैं, लेकिन सरकार को इस इस बात का ध्यान रखना होगा कि नए कारखाने खुले वह शहर के दूर में स्थापित किया जाए ताकि प्रदूषण लोगों को इफेक्ट ना करें।

 व्यक्ति जितना हो सके उतना अपने आसपास के प्रदूषण पर काबू पा सकता है। इसके लिए वह कम से कम वाहन का उपयोग करके, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें, साथ ही अपने आसपास के गारबेज कचरे को डस्टबिन में डालें और हर जगह कचरा ना फैलाएं।

जंगलों की कटाई पर पूरी तरह रोक लगाई जाए और नए पेड़ों का वृक्षारोपण किया जाए जो लोग पेड़ लगा रहे हैं उन्हें रिवॉर्ड दिया जाए।

कारखाने के हानिकारक पदार्थ को रिफ्रेश करके उसे दोबारा उपयोग करना चाहिए। 

नदियों एवं तालाबों में गार्बेज वेस्ट को न ही फेंकना चाहिए और बहाना।


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