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एक एंट्री लेवल ग्राफ़िक डिज़ाइनर फ्रेशर होता है यानि कि जिसने बस कुछ हीं समय पहले अपनी एजुकेशन ख़तम की हो और उसके पास किसी भी प्रकार का इंडस्ट्रियल एक्सपोज़र ना हो. एंट्री लेवल ग्राफ़िक डिज़ाइनर के पास वर्क एक्सपीरियंस नहीं होता या फ़िर काफी कम वर्क एक्सपीरियंस होता है. अगर आप भी ग्राफ़िक डिजाइनिंग के क्षत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको अपने रिज्यूमे को आकर्षक बनाने के लिए उस पर कुछ समय देना होगा. अगर आप अपने रिज्यूमे में कुछ स्पेसिफिक एक्सपर्टीज़ को हाईलाइट कर पाते हैं तो किसी कंपनी द्वारा आपको हायर करने की संभावना काफी बढ़ जाती है. जब भी हम किसी जॉब के लिए अप्लाई करते हैं तो सबसे ज्यादा इसी विषय पर सोचते हैं कि आखिर हमारे रिज्यूमे में ऐसा क्या हो जिसे देखकर एम्प्लोयेर इम्प्रेस हो या हम उसका ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब हो सकें. तो दोस्तों इस आर्टिकल में हम इन्हीं बातों पर चर्चा करने वाले हैं कि एक एंट्री-लेवल ग्राफ़िक डिजाईन रिज्यूमे में क्या कुछ होना चाहिए. अगर आप ग्राफिक डिजाइनिंग में डिप्लोमा करना चाहते हैं तो सफलता.कॉम ने भी इसके लिए एक ऑनलाइन कोर्स लांच किया है. यह कोर्स कुल 30 घंटे का है. ग्राफिक डिजाइनिंग में अपना करियर बनाने के लिए आप हमारे
Graphic Designing Courses को भी ज्वाइन कर सकते हैं.
एंट्री-लेवल ग्राफ़िक डिजाईन रिज्यूमे में क्या-क्या होना चाहिए
एंट्री लेवल ग्राफ़िक डिज़ाइनर रिज्यूमे में ये पॉइंट्स आपको लिखने हीं हैं -
- आपका नाम
- आपका फ़ोन नंबर
- आपकी ईमेल आईडी
- आपके शहर और राज्य का नाम
- एजुकेशनल बैकग्राउंड
- प्रोफेशनल समरी
- वर्क रिलेटेड हिस्ट्री
- रेलेवेंट स्किल्स
कैसे तैयार करें एंट्री-लेवल ग्राफ़िक डिजाईन रिज्यूमे
- कांटेक्ट इनफार्मेशन से करें शुरुआत – एंट्री-लेवल ग्राफ़िक डिजाईन रिज्यूमे में सबसे पहला सेक्शन कांटेक्ट इनफार्मेशन का होना चाहिए. इस सेक्शन की मदद से एम्प्लोयर को आप से संपर्क स्थापित करने के एक से अधिक तरीके मिल जाते हैं. इस प्रकार से अगर एम्प्लोयर आपके साथ एक इंटरव्यू शेड्यूल करना चाहे या फ़िर आपके बारे में और ज्यादा जानकारी पाना चाहे तो वो आपसे काफी आसानी से संपर्क कर सकता है.
रिज्यूमे का पहला सेक्शन लिखने के दौरान यह ध्यान रखें कि इसमें आपने अपना नाम, फ़ोन नंबर, ईमेल आईडी, अपने शहर और राज्य का नाम सही तरीके से मेंशन किया हुआ हो. इसके अलावा आप चाहें तो अपने प्रोफेशनल नेटवर्किंग साईट का लिंक भी इस सेक्शन में जोड़ सकते हैं.
- प्रोफेशनल समरी लिखें – पहले सेक्शन में कांटेक्ट इनफार्मेशन देने के बाद सेकंड सेक्शन में आपको अपनी एक प्रोफेशनल समरी लिखनी चाहिए. इस प्रोफेशनल समरी में आप एक छोटे से पैराग्राफ में अपने प्रोफेशनल बैकग्राउंड और करियर गोल्स को हाईलाइट कर सकते हैं.
- एजुकेशनल बैकग्राउंड ऐड करें – प्रोफेशनल समरी के बाद तीसरा सेक्शन एजुकेशनल बैकग्राउंड का बनायें. एजुकेशनल बैकग्राउंड एंट्री-लेवल ग्राफ़िक डिज़ाइनर के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि ज्यादातर एम्प्लोयर आपसे यह उम्मीद रखते हैं कि अगर आप एंट्री-लेवल जॉब पोजीशन के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो बेशक आपके पास वर्क एक्सपीरियंस नहीं हो लेकिन कम से कम बैचलर डिग्री अवश्य हो. एजुकेशनल बैकग्राउंड के सेक्शन में आपके पास जो भी डिग्रीज हैं उन सब के लिए एक-एक एंट्री करें.
- अपनी वर्क रिलेटेड हिस्ट्री के बारे में बात करें – एंट्री लेवल ग्राफ़िक डिज़ाइनर इंडस्ट्री में नए होते हैं और ज्यादातर उनके पास कोई इंडस्ट्री एक्सपोज़र नहीं होता. इसलिए इस सेक्शन को अपने रिज्यूमे में इन्क्लूड करना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. इस सेक्शन में आप इंटर्नशिप एक्सपीरियंस के बारे में भी लिख सकते हैं.
- अपने स्किल्स के बारे में लिखें – अब बात करते हैं आखिरी सेक्शन की. इस सेक्शन में आप अपनी स्किल्स के बारे में लिखें. इस सेक्शन की मदद से एम्प्लोयर को यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके पास कौन कौन सी स्पेसिफिक एबिलिटीज हैं और जिस तरह के कैंडिडेट वो उस पर्टिकुलर जॉब के लिए ढूँढ रहे हैं क्या आपके अन्दर वो क्वालिटीज हैं या नहीं.