Source: safalta
देश में वोट देकर वोटर देश और राज्य के प्रति एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक होने के कर्तव्य को पूरा करते हैं। आपको बता दें की जब साल 2010- 2011 के दौरान मतदाताओं का मतदान के उपर रुझान कम हो गया था, तब निर्वाचन आयोग ने लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मतदाता दिवस की शुरुआत की थी, ताकि लोग मतदान के प्रति जागरुक हो सके।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करें |
इस दिवस को मनाने का एक मुख्य उदेश्य यह था कि देश में चुनाव के दौरान लोगों को बड़ी संख्या में मतदान के लिए प्रोतसाहित करना। इसके साथ ही इस दिन चुनावी प्रक्रिया के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्वाचन अधिकारियों को स्म्मानित किया जाता है। मतदाता दिवस को चुनाव आयोग (निर्वाचन आयोग) की स्थापना दिवस की याद में मनाया जाता है, आपको बता दें कि 25 जनवरी 1950 को निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी, जिसमें सुकुमार सेन भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त चुने गए थे। भारतीय चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत कार्य करता है और यह एक स्वशासित प्राधिकारी है। यह आयोग देश में चुनावी प्रक्रिया का निर्वहन करता है, साथ ही देश में हो रहे लोक सभा, राज्यों में विधानसभा चुनाव, तथा राष्ट्रपति एवं उप राष्ट्रपति के चुनावों का भी निर्वहन करता है।
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राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को मतदान एवं मतदाता के रूप में उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है, ताकि वे अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव कर सकें। भारत में एक मतदाता को कई अधिकार प्राप्त हैं। भारत में बहुत से लोगों को मतदाता अधिकार की पूरी जानकारी नहीं होती है, ऐसे में आइए जानते हैं कि मतदाता के क्या क्या अधिकार होते हैं।
मतदाता के अधिकार क्या क्या हैं
देश में 18 साल के बाद वोटर के रूप में रजिस्टर सभी व्यक्ति को मतदान करने का अधिकार है। किसी भी मतदाता को धर्म, जाति, वर्ण, संप्रदाय या लिंग के आधार पर मतदान करने से नहीं रोका जा सकता है, अगर वह भारत का नागरिक है तो।
कैंडिडेट के बारे में जानकारी लेने का अधिकार
मतदाता को चुनावी मैदान में उतरने वाले कैंडिडेट्स के संबंध में पूरी जानकारी लेने का अधिकार है। मतदाताओं को यह अधिकार दिया गया है कि वह प्रत्याशी के संपत्ति, अपराधिक रिकॉर्ड, शैक्षणिक योग्यता की जानकारी ले सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि किसी भी प्रत्याशी की शैक्षणिक योग्यता के विषय में जानना किसी भी मतदाता के लिए एक मौलिक अधिकार है।
निवास स्थान बदलने पर नई जगह मतदान करने का अधिकार
मतदाता को उसी स्थान पर मतदान करना होता है जिस स्थान या इलाके की मतदाता सूची में उसका नाम दर्ज होता है। निवास स्थान या रहने की जगह बदलने पर वह नए इलाके में वोटर के रूप में रजिस्टर हो सकता है और वोटर आईडी कार्ड बनवा सकता है, लेकिन इससे पहले मतदाता को अपने पहले वाली जगह से अपना नाम वोटर लिस्ट से हटवाना होता है, इसके बाद वह नए स्थान पर मतदान कर सकता है।
नोटा का अधिकार
मतदाता को कोई प्रत्याशी अगर पसंद नहीं आए तो वह अपनी नापसंदी जाहिर करने के लिए नोटा के माध्यम से प्रत्याशियों में किसी को भी नहीं चुनने का अधिकार रखता है। नोटा का रिकॉर्ड भी दर्ज किया जाता है।
डाक मतपत्र से मतदान करने का अधिकार
भारतीय चुनाव आयोग ऐसे लोगों को डाक मतपत्र के जरिए वोट डालने की सुविधा देते हैं, जो पोलिंग बूथ तक नहीं जा सकते हैं या पोलिंग बूथ जाने में असमर्थ होते हैं। इनमें चुनाव में लगे कर्मचारी सुरक्षा, व्यवस्था से जुड़े कार्मिक आदि शामिल होते हैं।