श्रम शक्ति क्या है?
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Center for Monitoring Indian Economy (CMIE)) के अनुसार, श्रम बल में 15 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति शामिल हैं, जो कि निम्नलिखित इन दो कैटेगरी में से किसी एक से संबंधित हैं:-1. किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हैं।
2. काम करने के इच्छुक हैं, लेकिन बेरोजगार हैं और नौकरी की तलाश में हैं।
श्रम बल भागीदारी दर (Labor Force Participation Rate (LFPR)) क्या है?
LFPR को जनसंख्या में श्रम बल में व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।इस LFPR में वे लोग शामिल हैं जो किसी भी कार्यक्षेत्र में कार्यरत हैं और जो लोग बेरोजगार हैं, लेकिन नौकरी की तलाश कर रहे हैं।
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (Worker Population Ratio (WPR)) क्या है?
WPR को जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों (employed persons) के परसेंट के रूप में परिभाषित किया गया है।Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
बेरोजगारी दर (Unemployment Rate (UR)) क्या है?
Unemployment Rate (UR) या बेरोजगारी दर को श्रम बल में व्यक्तियों के बीच बेरोजगार व्यक्तियों के परसेंट के रूप में परिभाषित किया गया है।
सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य कौन सा है और क्यों?
भारत में छत्तीसगढ़ देश की सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य है।Source: Safalta
राज्य सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना, चाय-कॉफी बोर्ड के गठन जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों के चलते मार्च 2022 तक छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर (Unemployment Rate (UR)) को 0.6% तक कम करने में सहायता की है।वैश्विक स्तर पर एलएफपीआर क्या है?
दुनिया भर में, LFPR लगभग 60% है। भारत में, यह पिछले 10 सालों में फिसल रहा है और 2016 में 47% से घटकर दिसंबर 2021 तक केवल 40% रह गया है।एलएफपीआर का गिरना क्या दर्शाता है?
एलएफपीआर का गिरना इस बात को दर्शाता है कि कामकाजी उम्र के लोगों ने काम की मांग करना बंद कर दिया है।भारत का LFPR इतना कम क्यों है?
भारत के LFPR के कम होने का मुख्य कारण महिला LFPR कम होना है।भारत की महिला और पुरुष LFPR क्या है?
CMIE के डाटा के अनुसार, दिसंबर 2021 तक, पुरुष LFPR 67.4% था, वहीं महिला LFPR 9.4% थी। इसका अर्थ है कि भारत में 10 महिलाओं में से एक कामकाजी उम्र की महिला काम की मांग और तलाश कर रही है। April Month Current Affairs Magazine- DOWNLOAD NOW
महिला LFPR कम क्यों है?
महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी।काम करने की अनुकूल परिस्थितियों की कमी - जैसे कानून और व्यवस्था, आने जाने के लिए अच्छी और सुरक्षित ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, सामाजिक मानदंड आदि।
देश के अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान का गलत मेजरमेंट। भारत में कई महिलाएं विशेष रूप से अपने घरों (अपने परिवार की देखभाल) में शामिल हैं, जिसे मापा नहीं जाता है।
देश में रोजगार की स्थिति को लेकर क्या समस्याएं हैं?
1.देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से आने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में रोजगार में गिरावट आएगी।2. देश में बढ़ता प्रदूषण भारत को थर्मल पावर प्लांट और कोयला खदानों को बंद करने के लिए मजबूर करेगा, जिससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ेगी।
3.कृषि श्रम 144 मिलियन मजबूत और मुख्य रूप से कम वेतन वाला है। सरकार को इन श्रमिकों को अधिक उत्पादक और बेहतर वेतन वाली नौकरियों में सुचारु रूप से ट्रांसफर करने में सक्षम बनाना चाहिए।
4.भारत में राज्यों के बीच असमानता चिंताजनक है क्योंकि बिहार में सिक्किम की 5.2 लाख रुपये की तुलना में प्रति व्यक्ति आय 50,733 रुपये है।
5. जिस प्रकार कोविड महामारी के बाद लाखो छोटे फर्म बंद हुए और श्रमिकों की छटनी हुई उसके चलते भी देश में लोग न चाहते हुए भी बेरोजगार हुए हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था की निगरानी के लिए केंद्र (CMIE) क्या है?
यह एक प्रमुख व्यावसायिक सूचना कंपनी है। इसकी स्थापना 1976 में मुख्य रूप से एक स्वतंत्र थिंक टैंक के रूप में की गई थी। यह आर्थिक और व्यावसायिक डेटाबेस तैयार करता है।सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इन फ्री बुक्स को डाउनलोड करें
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