लम्पी वायरस क्या है?
कैपरी पॉक्स वायरस को लम्पी वायरस के नाम से जाना जा रहा है। इसे ढेलेदार त्वचा रोग वायरस भी कहा जा रहा है। यह वायरस पॉक्सविरिडाए डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस परिवार से है।
Source: Safalta
पॉक्सविरिडाए को पॉक्स वायरस भी कहते हैं। इस वायरस के परिवार में वर्तमान 83 प्रजातियां हैं जो 22 पीढ़ी और दो परिवारों में बंटी हुई है। इस परिवार से जुड़ी बीमारियों में चेचक भी शामिल है। कैपरी पॉक्स वायरस पॉक्सविरिडाए परिवार के उप-परिवार वायरस के जीनस है। जीनस में 3 प्रजातियां होती है शीपपॉक्स, गोट पॉक्स और लम्पी स्किन डिसज वायरस।Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए विश्व संगठन ने इस बीमारी को नोटिफाइड किया गया है। यह वायरस पशुओं की खाल पर संक्रमण फैला रहे हैं, कैमल पॉक्स, हॉर्स पॉक्स और एविएन पॉक्स के साथ इनका सीरम संबंध नहीं होता है। स्टडी से यह पता चला है कि जिराफ और इंपाला भी लंपी वायरस के लिए बेहद रेसिप्टिव होते हैं। यह वायरस एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। इस वायरस के लिए कीट पतंगे रोगवाहक के रूप में काम करते हैं, जो इस बीमारी को एक पशु से दूसरे पशु में संक्रमित करते हैं। कैपरी पॉक्स वायरस से मनुष्य संक्रमित नहीं होते है।
लम्पी वायरस के लक्षण क्या हैं
आमतौर पर इस वायरस के चलते पशुओं के खाल पर गांठें पड़ जाती है। जिसके बाद उनमें पस पड़ जाता है, घाव आखिर में खुजली वाली पपड़ी बनती है जिस पर वायरस महीनों तक बना रहता है। यह वायरस मवेशियों की लार, नाक के स्त्राव और दूध में भी मौजूद हो सकता है। इसके अलावा मवेशियों की लसिका ग्रंथियों में सूजन आना, मवेशियों को बुखार आना, अत्यधिक लार निकलना और आंख आना इस वायरस के अन्य दूसरे लक्षण हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
लम्पी वायरस के इलाज क्या हैं?
वर्तमान में अभी तक इस बीमारी का कोई विशेष इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है लेकिन पूर्वी अफ्रीका के देश केन्या में शीप पॉक्स और गोट पॉक्स के लिए बने टीका कैपरी पॉक्स को जानवरों के रोग प्रतिरोधक क्षमता डिवेलप करने के उपाय के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं, कैपरी पॉक्स वायरस सिंगल सीरोटाइप टाइप होता है इसलिए वैक्सीन का असर लंबे समय तक चलता है। पशुओं में बीमारी फैलने पर उन्हें अलग और अन्य मवेशियों से दूर रखने की सलाह दी जाती है ताकि दूसरे जानवरों को संक्रमण से बचाई जा सके। भारत में इस वायरस के लिए पशुओं के गोट पॉक्स वैक्सीन की डोज वर्तमान में दी जा रही है।
केंद्र सरकार ने लम्पी वायरस के लिए क्या कदम उठाए हैं?
केंद्र सरकार ने लम्पी वायरस को लेकर सभी 12 राज्यों की मांग के अनुसार गोटट पॉक्स वैक्सीन उपलब्ध करवाई है। पहले राज्य सरकार खुद इसे पूरे खर्च पर खरीद रही थी लेकिन अब केंद्र सरकार राज्य सरकारों को 60 परसेंट खर्च के साथ वैक्सीन प्रोवाइड करवा रही है। जिसमें इस वैक्सीन के लिए केंद्र 60 परसेंट और राज्य सरकार 40 परसेंट खर्च उठा रहे हैं। अभी तक देश के कई राज्यों में लम्पी वायरस के कारण हजारों जानें जा चुकी है। इसके अलावा देश भर में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत अन्य राज्यों में लम्पी वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार मवेशियों को इस वायरस से बचाने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं।
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