user image

Dileep Vishwakarma

2 years ago

सामाजिक जीवन के नियामक के रूप में नातेदारी का महत्त्व तीन बातों पर आधारित है: (i) उस हद तक जहाँ तक व्यक्ति अपने रक्त-सम्बंधियों से घिरा होता है। यदि एक ही वंश के लोग विस्तृत इलाकों में विखरे हों तो नातेदारी व्यवहार की भूमिका सीमित होगी। (ii) प्रतिमानित नातेदारी व्यवहार के विकास का स्तर।

Recent Doubts

Close [x]