किस देश ने COVID-19 के खिलाफ लड़ने के लिए ‘महामारी रोग अधिनियम 1897’ लागू किया है ?

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SUNDARAM SINGH

2 years ago

वर्तमान में कोविड-19 महामारी के दौरान, सबसे महत्वपूर्ण सर्विस प्रोवाइडर्स यानी स्वास्थ्य सेवाओं के सदस्यों के साथ कई ऐसी घटनाएं घटीं जिसमें उन्हें निशाना बनाया गया और शरारती तत्वों द्वारा हमले भी हुए। ऐसा कर उन्हें उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोका गया। चिकित्सा समुदाय के सदस्य लगातार चौबीसों घंटे लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रहे हैं फिर भी दुर्भाग्य से वे सबसे ज्यादा आसान शिकार बन गए क्योंकि कुछ लोग उन्हें वायरस के वाहक के तौर पर मानने लगे। इससे उन पर दोषारोपण के साथ उनका बहिष्कार करने के मामले सामने आए और कभी-कभी तो बेवजह हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं भी घटीं। ऐसे हालात चिकित्सा समुदाय को कर्तव्यों को पूरा करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देने और मनोबल बनाए रखने में बाधा बनते हैं, जो इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट की घड़ी में बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य सेवा कर्मी बिना किसी भेदभाव के अपना काम कर रहे हैं तो समाज का सहयोग और समर्थन मिलना एक मूलभूत जरूरत है, जिससे वे पूरे विश्वास के साथ अपने कर्तव्यों को निभा सकें।

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