Karun ras ki paribhasha mein udaharan ka spashtikaran kaise karen

user image

Dileep Vishwakarma

2 years ago

उदाहरण 1- ” अभी तो मुकुट बँधा था माथ, हुए कल ही हल्दी के हाथ। खुले भी न थे लाज के बोल, खिले थे चुम्बन शून्य कपोल॥ हाय रुक गया यहीं संसार, बना सिन्दूर अनल अंगार। वातहत लतिका यह सुकुमार, पड़ी है छिन्नाधार! ”

Recent Doubts

Close [x]