रूसी क्रान्ति में लेनिन की भूमिका बताइए।
जार की साम्राज्यवादी नीति का दुष्परिणाम रूस को भुगतना पड़ा। निरन्तर युद्धों के कारण देश के धन एवं संसाधनों का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ। देश का आर्थिक संकट गहराने लगा और जनता जार के विरुद्ध हो गयी। जार अपनी सुन्दर रानी जरीना के प्रभाव में था जबकि रानी जरीना पर रासपूतनिक नामक एक ढोंगी संत को प्रभाव था। यह ढोंगी संत दमन की नीति का पक्षपाती था। कहा जाता है कि यह संत एक गुण्डा था जो चोरी के अपराध में पकड़ा गया था। बाद में उसने साधु का वेश धारण कर लिया था। इतिहासकार रासपूतनिक को ‘होली डेविल के नाम से पुकारते हैं।