एक जन्तु कोशिका का वर्णन कीजिए। उत्तर-
जन्तु कोशिका का वर्णन – जन्तु कोशिका में अग्रलिखित भाग होते हैं 1)कोशिका कला (झिल्ली) – यह तीन परतों की बनी होती है– बीच की परत लिपिड की तथा शेष दो प्रोटीन की। यह अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली होती है। 2)अन्तःप्रद्रव्यी जालिका – झिल्लियों से बना नलिकाकार तन्त्र जो बाहर कोशिका कला से तथा अन्दर केन्द्रक कला से जुड़ा हुआ है। इस तन्त्र की सतह पर राइबोसोम पाये जाते हैं। 3)राइबोसोम – प्रोटीन एवं राइबोन्यूक्लिक अम्ल से बनी कणिकामय संरचनाएँ। 4)लाइसोसोम – एकल झिल्ली से घिरी गोल संरचनाएँ जिनमें हाइड्रोजन एन्जाइम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। 5)सेण्ट्रोसोम – केन्द्रक के निकट पाई जाने वाली संरचना जिसके खोखले भाग में तीन-तीन सूक्ष्म नलिकाओं के 9 समूह होते हैं। 6)माइटोकॉण्डूिया – दो झिल्लियों से घिरी गोल अथवा चपटी संरचना जिसकी बाहरी झिल्ली चिकनी तथा भीतरी झिल्ली माइटोकॉण्डूिया की गुहिका में फँसी होती है जिसमें क्रिस्टी नामक अंग्रलासर प्रवर्ध निकले रहते हैं। यह कोशिका का ऊर्जा घर (Power house) होती है। 7)गॉल्जी बॉडी – सिस्टर्नी नलिकाओं तथा गुहिकाओं से मिलकर बनी अर्द्धचन्द्राकार रचनाएँ हैं। यह सिस्टर्नी जाल के रूप में होती है। 8)केन्द्रक – यह दोहरी केन्द्रक कला से घिरा हुआ गोल अथवा चपटे आकार का सबसे बड़ा कोशिकांग है। केन्द्रक में उपस्थित कणिकामय द्रव्य केन्द्रकद्रव्य कहलाता है। इसमें क्रोमेटिन तन्तुओं का जाल-सा बिछा रहता है।