प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा से क्या तात्पर्य है?

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Dileep Vishwakarma

2 years ago

प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा (Elastic Potential Energy) किसी प्रत्यास्थ वस्तु (स्प्रिंग) पर जितना अधिक बल लगाया जाता है उसमे संपीडन उतना ही अधिक उत्पन्न होता है अत: हुक का नियम के अनुसार स्प्रिंग में उत्पन्न संपीडन का मान आरोपित बल के समानुपाती होता है।

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