जल-विद्युत उत्पादन गृह में किसी बाँध में एकत्र जल से विद्युत ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न चरणों में होने वाले ऊर्जा-रूपान्तरण बताइए।
i) बाँध में एकत्र जल नीचे गिरने में गति प्राप्त करता है। इसमें जल में गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का रूपान्तरण जल की गतिज ऊर्जा में होता है। (ii) गतिमान जल टरबाइन के ब्लेडों से टकराकर उन्हें चलाती है तथा ब्लेड टरबाइन से जुड़े विद्युत-जेनरेटर में लगे आर्मेचर–कुंडली के घूमने से कुंडी को गतिमान करते (घुमाते) हैं। इस चरण में जल की गतिज ऊर्जा, टरबाइन की तथा अन्ततः जेनरेटर के आर्मेचर की गतिज ऊर्जा में बदलती है। (iii) आर्मेचर-कुंडली के घूमने से कुंडली के सिरों पर विद्युत-वाहक बल उत्पन्न होता है। इस चरण में आर्मेचर की गतिज ऊर्जा का रूपान्तरण विद्युत-स्थितिज ऊर्जा में होता है। (iv) जेनरेटर बाह्य परिपथ में धारा प्रवाहित करता है। इस चरण में जेनरेटर की विद्युत-स्थितिज ऊर्जा का रूपान्तरण इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा में होता है-जो विद्युत ऊर्जा का उपयोगी स्वरूप है।