सरल उपकला एक ऊतक है जिसमें कोशिकाएँ (a) कठोर होती हैं और अंगों को आधार प्रदान करती हैं। (b) अंग बनाने के लिए लगातार विभाजित होती रहती हैं। (c) एकल परत बनाने के लिए एक-दूसरे से सीधे चिपकी रहती हैं। (d) अनियमित परत बनाने के लिए एक-दूसरे से शिथिलता से जुड़ी रहती हैं।
उपकला (एपिथीलियम) एक अत्यंत महीन और चिकनी झिल्ली है जो शरीर के भीतरी समस्त अंगों के बाह्य पृष्ठों को आच्छादित किए हुए है। इसी का दूसरा रूप शरीर के कुछ खोखले विवरों के भीतरी पृष्ठ को ढके रहता है, जिसे अंतर्कला कहा जाता है। उपकाला शरीर का एक विशिष्ट ऊतक है जो अंगों का आच्छादन करके उनकी रक्षा करता है।