खड़ी बोली गद्य के प्रसार में ईसाई मिशनरियों का क्या योगदान रहा?
धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए ईसाईयों ने खड़ी बोली को अपने माध्यम के रूप में अपनाया | इस काल में इस भाषा का मानक रूप तो स्थिर नहीं हो सका पर इसका विस्तार बहुत हुआ | उस समय संपर्क भाषा के रूप में खड़ी बोली ही माध्यम थी| फोर्ट विलियम कॉलेज के प्राध्यापक कैप्टन टेलर ने 1815 में सर्वप्रथम 'हिंदी' शब्द का प्रयोग आधुनिक अर्थ ..