प्रेमघन की रचनाओं का क्रमशः तीन खंडों में विभाजन किया जाता है : 1. प्रबंध काव्य 2. संगीत काव्य 3. स्फुट निबंध। वे कवि ही नहीं उच्च कोटि के गद्यलेखक और नाटककार भी थे। 1881 को मिर्जापुर से 'आनन्द कादम्बनी' इनके द्वारा ही संपादित की गई।
jayshankar prasad
आनंद कादंबिनी
Q1 bandrinarayan chaudhari Q3 Hazari Prasad Dwivedi, Q3 jayashankar prasad these are the answers of questions
a answer h A
b ka answer h B
C ka answer h B
ख का उत र ख है