साँवले-सपनों की याद’ पाठ के आधार पर बताइए कि सालिम अली को नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप क्यों कहा गया है?
सालिम अली महान पक्षी-प्रेमी थे। इसके अलावा वे प्रकृति से असीम लगाव रखते थे। वे प्रकृति के इतना निकट आ गए थे कि ऐसा लगता था कि उनका जीवन प्रकृतिमय हो गया था। सालिम अली प्रकृति के प्रभाव में आने के कायल नहीं थे। वे प्रकृति को अपने प्रभाव में लाना चाहते थे। पक्षी-प्रेम के कारण वे पक्षियों की खोज करते हुए प्रकृति के और निकट आ गए। नदी-पहाड़, झरने विशाल मैदान और अन्य दुर्गम स्थानों से उनका गहरा नाता जुड़ गया था। जिंदगी में अद्भुत सफलता पाने के बाद भी वे प्रकृति से जुड़े रहे। इस तरह उनका जीवन नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गया था।