नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए- (क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।
क) जूता धनवान, शक्ति और सत्तासीन लोगों का प्रतीक है जबकि टोपी ज्ञानवान और गुणवानों का। दुर्भाग्य से समाज में सदा से ही ज्ञानवानों की अपेक्षा धनवानों को मान-सम्मान प्रदान किया गया है। ज्ञानवानों को सदा ही धनवानों के सामने झुकना पड़ा है। कुछ ज्ञानवान भी अपना स्वाभिमान भुलाकर दूसरों के जूतों पर कुरबान होते आए हैं।