भारत की जलवायु मानसूनी पवनों से प्रभावित नहीं होती है।
भारत की जलवायु मानसूनी पवनों से प्रभावित होती है। भारत की जलवायु को गर्म या गर्म मानसून प्रकार के रूप में वर्णित किया गया है। इस प्रकार की जलवायु की शुरुआत दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में होती है। हालांकि, देश में ही जलवायु परिस्थितियों में अंतर हैं। भारत के तटीय क्षेत्र रात और दिन के तापमान के बीच सबसे कम अंतर दिखाते हैं। आंतरिक क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में भारी अंतर होता है। दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनों का आगमन अरब सागर की शाखा द्वारा होता है। विषुवत रेखा को पार करने के बाद इसे दक्षिण-पश्चिमी पवनें कहते हैं।