जैन धर्म के त्रिरत्न कौन कौन से है

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Vivek Singh

1 year ago

सम्यक विश्वास, सम्यक ज्ञान और सम्यक आचरण है। त्रि-रत्नों को त्रिमार्गीय शरण या रत्नत्रय भी कहा जाता है जो मूल रूप से सम्यक दर्शन (सही विश्वास), सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान), और सम्यक चरित्र (सही आचरण) हैं।

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