भारत में 1961 के अधिनियम के तहत में वकीलों के लिए सफ़ेद बेंड टाई के से साथ काला कोट अनिवार्य कर दिया गया था। यह काला कोट न्याय के प्रति उनमें विश्वास जगाता है और उन्हें समाज के अंदर एक सम्मानजनक स्वरुप प्रदान कराता है। काला रंग अधिकार और पावर बताता हे। और सफ़ेद शर्ट और सफ़ेद बेंड टाई शुद्धता का प्रतिक हे। काला रंग दृष्ठिहीनता का प्रतीक माना जाता है और माना जाता है कि काले रंग का कोट पहनकर कोई भी वकील पक्षपात नहीं करता। इसलिए वकील काले रंग के कोट पहनते है। और यह भी कहा जाता हे की काले कोट की प्रथा इंग्लैंड से आयी हे। साल 1694 में ब्रिटेन की महारानी क्वीन मैरी की चेचक की वजह से मौत हो गई तब वंहा के राजा विलयम्स ने शोक सभा में सभी वकील और न्यायाधीशों को काले रंग के कपडे पहनने को कहा था और इस आदेश को रद नहीं किया गया था तब से वकील काले रंग के कपडे पहनते हे। और भारत में अंग्रेज कई सालो तक रहे थे। और काला रंग वकीलों और न्यायाधीशों की लोगो और समाज में बीच एक अलग पहचान बनाता हे। इसलिए वकील काले रंग के कोट पहनते है।