2.‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ मेगा प्रोजेक्ट पर कितने करोड़ रुपये की लागत आई है? (A) 1000 करोड़ (B) 7000 करोड़ (C) 4000 करोड़ (D) 2000 करोड़
2000 crore .... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज हैदराबाद जाएंगे। इस दौरान वह शाम करीब पांच बजे 'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी' (Statue of Equality) की प्रतिमा राष्ट्र (Statue of the Nation) को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री राज्य के पाटनचेरु में अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (International Crop Research Institute) के सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स परिसर में जाकर संस्थान की 50 वीं वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन भी करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार और पुलिस महानिदेशक एम महेंद्र रेड्डी (Director General of Police M. Mahendar Reddy) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का जायजा लिया। पीएमओ कार्यालय (PMO Office) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार मोदी 216 फीट ऊंची 'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी' की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यह मूर्ति 11वीं शताब्दी की भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में बनाई गई है। मूर्ति 'पंचधातु' से बनी है जो सोने, चांदी, तांबे, पीतल और जस्ता का संयोजन है और दुनिया में बैठने की स्थिति में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है। यह 54 फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम 'भद्र वेदी' है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, भद्र वेदी में एक वैदिक डिजिटल पुस्तकालय (Vedic Digital Library) और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक गैलरी है, जो संत रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण प्रस्तुत करती है। इस प्रतिमा की संकल्पना रामानुजाचार्य आश्रम (Ramanujacharya Ashram) पर चिन्ना जीयर स्वामी ने की है। कार्यक्रम के दौरान रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी प्रेजेंटेशन मैपिंग भी की जाएगी। प्रधानमंत्री 108 दिव्य देशम (सजावटी रूप से नक्काशीदार मंदिर) जैसे मनोरंजनों का भी दौरा करेंगे, जो "'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी" (Statue of Equality) को चारों ओर से बने हुए हैं। रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया। स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी का उद्घाटन रामानुजाचार्य की चल रही 1000वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय रामानुज मिलेनियम समरोह (Ramanuja Millennium Samaroh ) का एक हिस्सा है। यह चिन्ना जियार की दृष्टि है कि मुचिन्तल की विशाल आध्यात्मिक सुविधा 'दिव्य साकेतम' जल्द ही विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थान के रूप में उभरेगी। मेगा प्रोजेक्ट पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रतिमा को बनाने में 1800 टन से अधिक पंच आयरन का उपयोग किया गया है। पार्क के चारों ओर 108 दिव्यदेशम या मंदिर बनाए गए हैं। राजस्थान में पत्थर के खंभों को विशेष रूप से उकेरा गया है।