समजात और समरूप अंग
समजात अंग: अंग जो उत्पत्ति तथा संरचना में समान होते हैं तथा कार्य में भिन्न हो सकते हैं। समजात अंग कहलाते हैं। उदाहरण: (i) पक्षी के पंख तथा घोड़े के अग्रपाद। (ii) मनुष्य की बाजू तथा गाय के अग्रपाद।
समरूप अंग: वे अंग जो समान कार्य करते हैं तथा देखने में भी समान हैं लेकिन उनकी उत्पत्ति और संरचना भिन्न है, समरूप अंग कहलाते हैं। उदाहरण: (i) कीट के पंख तथा पक्षी के पंख। (ii) कीट के पंख तथा चमगादड़ के पंख। (iii) चने के पौधे तथा मटर के पौधे में प्रतान।