भारतीय संविधान में सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय को न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति प्रदान की गई है, जिसका आधार है _
यह अनुच्छेद सरकार के तीनों अंगों विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका को अपनी-अपनी हद में रहने को बाध्य करता है ताकि यह एक दूसरे के क्षेत्रों में हस्तक्षेप न करें। संविधान में अनुच्छेद 13, 32 व 226 के द्वारा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय को न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति दी गई है।