समुद्रगुप्त को लोकप्रिय रूप से जाना जाता है:
गुप्त साम्राज्य की स्थापना श्री गुप्त ने की थी। गुप्त साम्राज्य चौथी शताब्दी ईस्वी के आसपास मगध में उभरा और उत्तरी भारत के बड़े हिस्से को कवर किया। गुप्त काल को लोकप्रिय रूप से 'भारत के स्वर्ण युग' के रूप में जाना जाता है। गुप्त राजवंश के पहले दो शासकों के बारे में बहुत कम जानकारी है। गुप्त वंश के महत्वपूर्ण शासक थे: चंद्रगुप्त प्रथम - (320 - 330 ईस्वी) समुद्रगुप्त - (330 - 380 ईस्वी) चंद्रगुप्त द्वितीय - (480 - 415 ईस्वी) कुमारगुप्त - (415 - 455ईसवी) समुद्रगुप्त (335 ईसवी -380 ईसवी): समुद्रगुप्त गुप्त वंश का सबसे महान राजा था। उनके शासनकाल का सबसे विस्तृत और प्रामाणिक अभिलेख प्रयाग प्रशस्ति/इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में संरक्षित है जिसे उनके दरबारी कवि हरिसेना ने लिखा था। उनके सैन्य अभियान वी.ए.स्मिथ द्वारा भारत के नेपोलियन के रूप में उनके वर्णन को सही ठहराते हैं। उन्होंने कविराज, परम भगवत, अश्वमेध, सर्व-रजोछेट्टा जैसी उपाधियों को ग्रहण किया। इस प्रकार समुद्रगुप्त को 'भारत का नेपोलियन' कहा जाता है।