मोहम्मद अली जिन्ना को हिंदू मुस्लिम एकता का दूध किसने कहा था
जिन्ना का 'भारत के दो बड़े समुदायों के बीच एकता' में पक्का विश्वास था. उनका मानना था कि 'हिंदू-मुस्लिम एकता और साझा हितों के लिए दोनों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल' होना चाहिए. कांग्रेस और मुस्लिम लीग समझौते ने एकता का ऐसा माहौल बना दिया था कि तिलक को मुस्लिम लीग के अधिवेशन के एक सत्र में बुलाया गया.
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