जेनेटिक-इंजीनियरिंग में निम्न में से किसका प्रयोग होता है?
जेनेटिक इंजीनियरिंग में मुख्यत: प्लाज्मिड्स एवं बैक्टीरियोफेज दो प्रकार के वाहक अणुओं का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है। इसके अतिरिक्त बैक्टेरियल कृत्रिम क्रोमोसोम, यीस्ट कृत्रिम क्रोमोसोम का भी वाहक की तरह इस्तेमाल करते हैं। ये वाहक जीवाणु कोशिकाओं में स्वतन्त्र रूप से प्रतिकृतियां बनाने में सक्षम होते हैं।