चन्द्रगुप्त द्वितीय को " विक्रमादित्य " क्यों कहा गया ? A.उसकी उज्जैन शासकों पर विजय के फलस्वरूप B.उसकी विभिन्न विजयों के फलस्वरूप C.धार्मिक गुरुओं के आर्दशों के फलस्वरूप D.उपरोक्त्त में से कोई नहीं
चन्द्रगुप्त द्वितीय अथवा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (शासन: 380-412 ईसवी) गुप्त राजवंश का राजा था। समुद्रगुप्त का पुत्र 'चन्द्रगुप्त द्वितीय' समस्त गुप्त राजाओं में सर्वाधिक शौर्य एवं वीरोचित गुणों से सम्पन्न था। शकों पर विजय प्राप्त करके उसने 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की।
चन्द्रगुप्त द्वितीय अथवा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (शासन: 380-412 ईसवी) गुप्त राजवंश का राजा था। समुद्रगुप्त का पुत्र 'चन्द्रगुप्त द्वितीय' समस्त गुप्त राजाओं में सर्वाधिक शौर्य एवं वीरोचित गुणों से सम्पन्न था। शकों पर विजय प्राप्त करके उसने 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की।