अफ्रीका महाद्वीप में प्रवाहित होने वाली सबसे लम्बी नदी है - A.कांगो (जायरे) B.नील C.नाइजर D.जेम्बेजी
कांगो नदी, जो ज़ाइरे नदी भी कहलाती है, अफ़्रीका की एक प्रमुख नदी है। ४,७०० किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह नदी पश्चिम मध्य अफ़्रीका की सबसे विशाल और नील नदी के बाद अफ़्रीका की सबसे लम्बी नदी है। कांगो नदी विश्व की समस्त नदियों में, दक्षिण अमेरीका की ऐमेंज़न नदी के बाद, दूसरी सबसे अधिक जलप्रवाह वाली नदी है। लम्बाई में यह दुनिया की नौवी सबसे लम्बी नदी है और पूर्व अफ़्रीकी रिफ़्ट की पहाड़ियों-पठारों में अपने स्रोत से लेकर अटलांटिक महासागर में विलय तक ४,७०० किमी का फ़ासला तय करती है।[1] अपने मार्ग में कांगो नदी दो बार भूमध्य रेखा पार करती है। इस विशाल नदी का जलसम्भर क्षेत्र भी विशाल है और इसमें लगभग ४० लाख वर्ग किमी आते हैं, जो कि पूरे अफ़्रीकी महाद्वीप का १३% क्षेत्रफल है। कांगो नदी पर मुख्य रूप से दो जलप्रपात हैं स्टैनले जलप्रपात और लिविंगस्टोन जलप्रपात [2] कांगो नदी Congo River नदी Aerial view of the Congo River near Kisangani.jpg कीसंगानी के पास कांगो नदी देश अंगोला, बुरुण्डी, कैमरून, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, गबोन कांगो गणराज्य, रुआण्डा, तंज़ानिया, ज़ाम्बिया क्षेत्र अफ़्रीका लंबाई 4,700 कि.मी. (2,920 मील) प्रवाह - औसत 41,000 मी.³/से. (14,47,901 घन फीट/से.