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Adarsh Singh

SSC & Railways
General Awareness
2 years ago

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Vivek Singh

2 years ago

शासन शक्ति के प्रयोग के स्थान के आधार बनाकर शासन प्रणाली के दो प्रकार बतलाये गये। हैं-एक एकात्मक और दूसरा संघात्मक। जब शासन की सम्पूर्ण शक्ति एक केन्द्रीय सरकार में केन्द्रित होती है, तो उसे एकात्मक शासन प्रणाली की संज्ञा प्रदान की जाती है और जब इसके विपरीत शासन की शक्तियों का विभाजन केन्द्र और राज्यों के बीच रहता है, तो उसे संघात्मक शासन प्रणाली कहा जाता है। कहने का मतलब यह है कि राज्य की शत्तियों का संकेन्द्रित या विभाजित होना, एकात्मक एवं संघात्मक सरकार के भेद का आधार होता है। ग्रेट ब्रिटेन और. फ्रांस में एकात्मक शासन प्रणाली है, जबकि अमेरिका और स्विट्जरलैण्ड में संघात्मक शासन व्यवस्था है। ‘संघ’ आंग्ल भाषा के शब्द’ फेडरेशन’ का हिन्दी रूपान्तर है, जिसकी व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द फोएडस’ से हुई है जिसका अर्थ है सन्धि अथवा समझौता। इसलिए शब्द की व्युत्पत्ति के आधार पर समझौते के माध्यम से निर्मित शासन को संघ कहा जा सकता है वस्तुतः इससे अभिप्राय ऐसे शासन से है जो संविधान द्वारा ही केन्द्रीय सरकार और इकाइयों की सरकारों के मध्य शक्ति का विभाजन कर दिया जाता है और इस प्रकार व्यवस्था कर दी जाती है कि दोनों में कोई एक अकेला इस शक्ति विभाजन को परिवर्तित न कर सके। प्रत्यक्ष उत्तर भारत के संविधान में इस व्यवस्था को अपनाया गया है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत केंद्र अर्थात् संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन है। केंद्र और राज्यों की सरकारें भी अलग-अलग हैं।

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